घर की दीवारों में नोटों के बंडल और सोने के बिस्किट, जब गिनने बैठे तो कीमत निकली 196 करोड़ रुपये और सोना निकला 23 किलोग्राम. जी हां, उत्तर प्रदेश के कानपुर में जब इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर पर जीएसटी इंटेलीजेंस का छापा पड़ा, तो सब दंग रह गए. किसी फिल्मी कहानी की तरह पर्दाफाश हुए पीयूष जैन के कारनामों ने खूब सुर्खियां बटोरी. अब यही कारोबारी 254 दिन बाद कानपुर की जेल से रिहा होकर बाहर आ गया है.
जेल से बाहर आने के वक्त भले पीयूष जैन का बयान हासिल करने के लिए मीडिया वहां मौजूद रहा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
DDGI की टीम ने पीयूष जैन को 27 दिसंबर 2022 को जेल भेजा था. उसके पास से 196 करोड़ रुपये की नकदी और 23 किलोग्राम का विदेशी सोना जब्त किया गया था. अदालत के आदेश पर उसकी पत्नी और बेटे ने जमानत के लिए 10-10 लाख रुपये के दो बांड जमा किए थे.
पीयूष जैन का इत्र कारोबार कन्नौज और कानपुर तक फैला था. आठ महीने बाद कोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया है. हालांकि उसे दो दिन पहले ही रिहा होना था, लेकिन के जमानत के दस्तावेजों के प्रमाणन में देरी की वजह से वह गुरुवार को जेल से बाहर आया. उसकी जमानत के बदले में उसकी पत्नी और बेटे ने 10-10 लाख रुपये के बांड जमा किए हैं.
जेल से बाहर आते वक्त पीयूष जैन ने मास्क पहना हुआ था. उसने इस दौरान मीडिया के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया.
जब पीयूष जैन को गिरफ्तार किया गया था, तब उसने अदालत से मांग की थी कि मेरे ऊपर टैक्स चोरी और पेनाल्टी समेत 52 करोड़ रुपए का टैक्स बनता है. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) 52 करोड़ रुपए काटकर बाकी रकम मुझे वापस कर दे. इस संबंध में पीयूष जैन की ओर से कोर्ट में आवेदन दिया गया था.