उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में पुलिस टीम पर हमले की हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां ड्रग्स तस्करों को पकड़ने के लिए एक गांव में गई पुलिस टीम को अपराधियों ने चारों ओर से घेर लिया. इसके बाद उनकी जमकर पिटाई की और वार्दी तक फाड़ डाली. इतना ही नहीं बदमाशों ने पुलिसवालों पर मिर्च का पाउडर फेंक दिया. इसके बाद उनके चंगुल से अपने साथी को छुड़ा ले गए. इस घटना में छह पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना सोमवार की शाम को नकुड इलाके में हुई उस समय अंम्बेहटापीर चौकी प्रभारी नरेंद्र भड़ाना के नेतृत्व में एक पुलिस दल मादक पदार्थ अधिनियम के तहत वांछित अपराधी जावेद उर्फ टिक्कू को उसके गांव घाटमपुर से गिरफ्तार करने आया था. पुलिस जब उसको हिरासत में ले रही थी, तभी उसके साथियों ने हमला कर दिया. उनके प्राइवेट वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया. उन सभी को मारने-पीटने लगे.
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सागर जैन ने कहा, "हमलावरों ने पुलिस वाहन को घेर लिया और अधिकारियों की आंखों में मिर्च पाउडर भी फेंका. इस हमले में उपनिरीक्षक अंजू सिंह समेत छह अधिकारी घायल हो गए और जावेद को उसके समर्थकों ने छुड़ा लिया. पुलिस ने अतिरिक्त बल बुलाया और उनके पहुंचने पर हमलावर भाग गए. इस मामले में 31 चिह्नित और 31 अज्ञात अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
एसपी ने बताया कि पुलिस पर हमला करने वालों में महिलाएं भी शामिल हैं. पुलिस की तरफ से घटना का वीडियोग्राफी भी कराई गई है. वीडियो में दिख रहे आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है. पुलिस ने तीन महिलाओं हारुना, मेहराना और शहरीन समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है, जो सभी एक पुरुष संदिग्ध से संबंधित हैं. गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश करके जेल भेजने की तैयारी चल रही है.
बताते चलें कि इसी तरह का एक मामला यूपी के चंदौली जिले में जुलाई में सामने आया था. उस वक्त जमीन विवाद में दर्ज हुए मुकदमे की जांच करने गई पुलिस टीम पर आरोपियों ने लाठी डंडे से हमला बोल दिया. इस घटना में पुलिस के चार जवान घायल हुए, जिनमें एक पुलिसकर्मी का पैर फ्रैक्चर हो गया. सभी घायलों का इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. हमलावरों में शामिल यशवंत चौहान नामक व्यक्ति को भी चोट आई.
दरअसल, चंदौली जिले के बबुरी थाना मे इलाके के गोरारी गांव मे जमीन के विवाद का मामला 13 जुलाई को दर्ज हुआ था. गांव के ही लक्षण और यशवंत चौहान के बीच झड़प हुई थी. इसी मामले की जांच के सिलसिले में बबुरी थाना में तैनात दरोगा असलम शाह अपनी टीम के साथ जांच के लिए गांव आए थे. इसी दौरान विवाद करने वाला यशवंत अपने परिजनों के साथ वहां आ गया. उसका पूरा परिवार पुलिस कर्मियों से उलझ गया.
पुलिसकर्मियों ने उन्हें काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन वो नहीं माने और पुलिस टीम पर हमला कर दिया. इस घटना में चार पुलिसकर्मी घायल हो गए. इस मामले पर एडिशनल एसपी विनय कुमार सिंह ने कहा था कि एक मुकदमे की विवेचना के लिए बबुरी थाने के एसआई मो. असलम शाह तीन पुलिसकर्मियों के साथ गोरारी गांव में गए थे. विवेचना के दौरान मुकदमा से संबंधित अभियुक्त यशवंत चौहान ने परिजनों के साथ हमला किया था.