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Bihar: पोस्ट ऑफिस का एजेंट करोड़ों रुपये लेकर फरार, बूढ़ी मां के नाम से चलाता था बचत एजेंसी

बिहार के छपरा में मुख्य डाकघर से जुड़े एक जमाकर्ता एजेंट का प्रतिनिधि सैकड़ों लोगों के रुपए लेकर रफूचक्कर हो गया है.  अनुमान लगाया जा रहा है कि आरोपी ने करीब 5 करोड़ के आसपास के रकम का गोलमाल किया है. पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

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फ्रॉड धीरज अग्रवाल करीब 5 करोड़ रुपए लेकर फरार हुआ.
फ्रॉड धीरज अग्रवाल करीब 5 करोड़ रुपए लेकर फरार हुआ.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सैकड़ों जमाकर्ताओं ने गंवाई अपनी जमापूंजी
  • एजेंट के घर जाकर बताई कुछ और कहानी

बिहार के छपरा में मुख्य डाकघर से जुड़े एक जमाकर्ता एजेंट का प्रतिनिधि सैकड़ों लोगों का पैसा लेकर रफूचक्कर हो गया है. आरोपी अपनी बुजुर्ग मां के नाम पर बचत एजेंसी चलाता था. अनुमान लगाया जा रहा है कि आरोपी ने करीब 5 करोड़ के आसपास की रकम का गोलमाल किया है. पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

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शहर के भगवान बाजार थाना इलाके के दौलतगंज मुहल्ले में रहने वाला धीरज अग्रवाल लोगों से रुपये लेकर डाकघर की विभिन्न योजनाओं में जमा करने का काम करता था. करीब 10 वर्ष में आरोपी ने जमाकर्ताओं के मन में इतना विश्वास बना लिया था कि जमाकर्ता एक बार खाता खुलने के बाद कभी भी उससे अपनी पासबुक तक भी नहीं मांगा करते थे. और तो और, जमा करने की मियाद खत्म होने से पहले ही रुपया निकासी के सादे फॉर्म पर अपने हस्ताक्षर भी करके उसे सौंप देते थे.

सपरिवार रफूचक्कर

इसी विश्वास और भरोसे का बेजा फायदा उठाते हुए लगभग 4 दिन पहले अपने धीरज अपने घर से सपरिवार रफूचक्कर हो गया. जब इसकी जानकारी जमाकर्ताओं को हुई तो उनके होश उड़ गए. बहुत सारे लोग आरोपी के घर जाकर अपनी-अपनी पासबुक तलाशने लगे और जिसके हाथ जिसकी पासबुक लगी, लेकर चला गया.

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एक अलग काउंटर खोला 

पोस्ट आफिस जमा एजेंट के प्रतिनिधि की फरारी के बाद डाकघर के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वतः संज्ञान लेकर एक अलग काउंटर खोल दिया, जिस पर सभी पीड़ित जमाकर्ता अपने खाते और जमाराशि की अपडेट जानकारी ले सकें.

रिटायर्ड प्रोफेसर ने दर्ज करवाई शिकायत

इस मामले को लेकर एक जमाकर्ता जीपी तिवारी (सेवानिवृत्त प्रोफेसर) ने सारण एसपी संतोष कुमार को इस फ्रॉड की सूचना दी. पुलिस अफसर ने उनको सभी जरूरी कागजातों के साथ भगवान बाजार थाने में मुकदमा दायर करने की सलाह दी. एसपी ने मीडिया को बताया कि इस तरह का फ्रॉड कई जमाकर्ताओं से किए जाने की सूचना है, लेकिन मेरे पास अभी तक एक ही पीड़ित आए हैं. जैसे ही और लोग आएंगे, मामला दर्ज किया जाएगा.

मां के नाम से चलाता था एजेंसी

'आजतक' जब ने फ्रॉड एजेंट के घर जाकर तहकीकात की तो पता चला कि धीरज अग्रवाल अपनी 71 वर्षीय मां के नाम पर डाकघर की बचत का एजेंसी चला रहा था. बीते 10 वर्षों से भी ज्यादा समय से डाकघर की बचत योजनाओं का काम किया करता था. बड़े भाई पंकज अग्रवाल ने बताया कि धीरज से उसका अलगाव हो चुका है, लेकिन वह इसी घर में अपनी पत्नी और बच्चों समेत रहता था. अब आरोपी की वजह से पीड़ित उसके भाई को धमकी दे रहे हैं. लोगों के डर से वह अपनी दुकान भी नहीं खोल पा रहा है. छोटे भाई के किए को लेकर उसे भुगतना पड़ रहा है.

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