उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को बड़ा झटका लगा है. एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने अंसारी की डिस्चार्ज एप्लीकेशन को खारिज कर दिया है. 10 दिन बाद अगली सुनवाई के दौरान बाहुबली के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे.
एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर आरोप तय करने के लिए 10 दिन बाद 23 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उसकी पेशी होगी.
बाहुबली विधायक पर साल 1997 में 5 नवंबर की शाम 5 बजे वादी महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकाने का आरोप है. अंसारी की ओर से रूंगटा को परिवार सहित विस्फोट से उड़ाने की फोन पर धमकी दी गई थी.
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वादी के भाई नंद किशोर रूंगटा के अपहरण में सवा करोड़ की फिरौती मांगी गई थी. उसी मामले में पैरवी नहीं करने की धमकी दी गई थी. इस मामले में उसी साल एक दिसंबर को थाना भेलूपुर वाराणसी में एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
मुख्तार अंसारी ने अर्जी में कहा कि उनके विरुद्ध अपराध नहीं बन रहा है. उसकी ओर से टेलीफोनिक धमकी का साक्ष्य न होने पर मुकदमे से डिस्चार्ज किए जाने की अदालत से मांग की गई थी. अर्जी में यह भी दलील दी गई थी कि राजनीतिक विद्वेष के कारण मुझे फंसाया गया है.
हालांकि एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के जज आलोक कुमार श्रीवास्तव ने डिस्चार्ज एप्लीकेशन को खारिज कर दिया है और अगली सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी पर आरोप तय किए जाएंगे.