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संसद की सुरक्षा में चूक: खुफिया इनपुट के बावजूद एजेंसियां फेल, 6 लोगों ने मिलकर रची साजिश, 4 गिरफ्तार, 2 फरार

संसद की सुरक्षा में एक बार फिर बड़ी चूक सामने आई है. लोकसभा में कार्यवाही के दौरान दो लोग दर्शक दीर्घा से नीचे कूद गए. इस दौरान संसद भवन में अफरा-तफरी मच गई. लोकसभा स्पीकर ने इस मामले के जांच के आदेश दिए हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि खुफिय एजेंसियों और पुलिस के पास इनपुट होने के बावजूद ये घटना कैसे हुई है.

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संसद की सुरक्षा में एक बार फिर बड़ी चूक सामने आई है.
संसद की सुरक्षा में एक बार फिर बड़ी चूक सामने आई है.

13 दिसंबर, 2001. पुरानी संसद हुए आतंकी हमले की खौफनाक याद आज भी हर किसी के जेहन में जिंदा है. इस दिन 5 आतंकियों ने संसद में हमला किया था, जिसमें दिल्ली पुलिस के 5 जवानों सहित 9 लोगों की मौत हो गई थी. इस आतंकी वारदात के 22 साल बाद एक बार फिर संसद की सुरक्षा में एक बड़ी चूक सामने आई है. बुधवार को लोकसभा में कार्रवाही के दौरान दो लोग दर्शक दीर्घा से नीचे कूद गए. इस दौरान संसद भवन में अफरा-तफरी मच गई. लोकसभा स्पीकर ने इस मामले के जांच के आदेश दिए हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि खुफिय एजेंसियों और पुलिस के पास इनपुट होने के बावजूद ये घटना कैसे हुई है.

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आईबी ने दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों को पहले इनपुट दे दिया था, ताकि इस तरह की घटना होने से रोका जा सके. इसके मद्देनजर संसद और आसपास की सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई थी, लेकिन दो लोगों ने सुरक्षा चक्र तोड़ दिया. संसद में घुस गए. कुछ देर दर्शक दीर्घा में बैठने के बाद दोनों नीचे कूद गए. एक बेंच से दूसरे बेंच पर भागने लगे. इस दौरान एक शख्स ने अपने जूते से निकालकर पीले रंग की गैस स्प्रे कर दी. ऐसी ही घटना संसद के बाहर भी हुई. संसद में मौजूद सांसदों ने दोनों युवकों को पकड़ लिया. उन्होंने जमकर पीटने के बाद सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया. लोकसभा की कार्यवाही भी स्थगित कर दी गई.

साजिश में 6 लोग शामिल, 4 गिरफ्तार, दो फरार

दिल्ली पुलिस चारों आरोपियों को हिरासत में लेकर संसद मार्ग पुलिस स्टेशन आई है. वहां एंटी टेरर यूनिट और खुफिया एजेंसियों के आलाधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं. शुरूआती जांच में ये बात सामने आई है कि संसद के बाहर से पकड़े गए नीलम और अमोल के पास मोबाइल फोन नहीं था. इनके पास किसी भी तरह का पहचान पत्र और बैग तक नहीं बरामद हुआ. दोनों ने किसी भी संगठन से संबंध होने से इंकार किया है. उनका दावा है कि वो लोग खुद से प्रेरित होकर संसद गए थे. जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि इस साजिश में कुल 6 लोग शामिल थे. 2 लोगों ने अंदर हंगामा किया, तो 2 ने बाहर विरोध प्रदर्शन किया. 2 लोग इस मामले में फरार हैं.

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ऐसे मिले आरोपी, गुरुग्राम में हुई रुकने की व्यवस्था  

पुलिस और जांच एजेंसियां फरार हुए दोनों आरोपियों की तलाश कर रही हैं. जानकारी के मुताबिक, पांच आरोपी गुरुग्राम में एक जगह रुक थे. वहां ललित झा नामक एक शख्स ने उनके रुकने की व्यवस्था कराई थी. इन पांचों की पहचान हो चुकी है, लेकिन छठा आदमी कौन है, उसकी पहचान नहीं हो पाई है. बताया जा रहा है कि सभी आरोपी सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे से मिले थे. इसके बाद पूरी साजिश रची गई. इसके बाद तय दिन पर संसद में दर्शक बनकर दो लोग घुस गए. उनकी योजना प्रतीकात्मक विरोध की थी. लेकिन सबसे बड़ा सवाल संसद की सुरक्षा व्यवस्था का है. इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद चारों आरोपी अपने मकसद में कामयाब हो गए.

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संसद की सुरक्षा चक्र को तोड़ने की आरोपी नीलम विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय रहती है.

लखनऊ में बैटरी रिक्शा चलाता है आरोपी सागर शर्मा

संसद भवन की सुरक्षा तोड़ने वाले दोनों आरोपी युवकों के नाम सागर और मनोरंजन हैं. इनके साथ नीलम और अमोल शिंदे ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था. बताया जा रहा है कि सागर शर्मा मैसूर से बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के अतिथि के रूप में दर्शक दीर्घा में आया था. उसका परिवार लखनऊ के आलमबाग में किराए के घर में रहता है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की एक टीम पूछताछ के लिए उसके घर पहुंच गई है. सागर की मां का कहना है कि उसका बेटा धरना प्रदर्शन करने की बात कहकर गया था. वो बैटरी रिक्शा चलाता है. पिता कारपेंटर का काम करते हैं. उनका परिवार पिछले 15 वर्षों से लखनऊ में रह रहा है.

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हिसार में सिविल सर्विस की तैयारी कर रही थी नीलम

वहीं अनमोल शिंदे महाराष्ट्र के लातुर जिले के चाकुर तहसील के जारी गांव का रहने वाला है. दूसरी तरफ नीलम को सोशल एक्टिविस्ट बताया जा रहा है. उसके फेसबुक प्रोफाइल से पता चल रहा है कि वो विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय रहती है. नीलम हरियाणा के जींद के घसो कला की रहने वाली है. कुछ समय पहले तक हिसार के रेड स्क्वायर मार्केट के पीछे स्थित पीजी में रहकर सिविल सर्विस तैयारी कर रही थी. 25 नवंबर को घर जाने की बात कहकर पीजी से चली गई थी. उसके साथ पीजी में रहने वाली लड़कियों का भी कहना है कि उसकी रुचि राजनीति में बहुत ज्यादा रहती है. नीलम के भाई ने बताया कि वो गांव के लोगों के साथ किसान आंदोलन में जाया करती थी.

'यदि बेटे ने संसद का अपमान किया, तो फांसी दे दो'

एक अन्य आरोपी मनोरंजन के पिता देवराजे गौड़ा का कहना है कि यदि उनके बेटे ने ऐसा किया है, तो उसे फांसी दे दी जाए, उनको कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा, "अगर मेरे बेटे ने कुछ गलत किया है, तो उसे फांसी दे दो. संसद का अपमान करने वाला मेरा बेटा नहीं हो सकता. संसद हम सबकी है. कई ताकतवर लोगों ने मिलकर उस संस्था को बनाया है. महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू ने उसे स्थापित करने के लिए बहुत त्याग किया है. संसद के प्रति असम्मानजनक व्यवहार करना किसी को भी स्वीकार्य नहीं है. चाहे वह मेरा बेटा ही क्यों न हो. यह अस्वीकार्य है." मनोरंजन के ऊपर संसद के अंदर हंगामा करने के साथ ही पीले रंग का स्प्रे करने का आरोप है.

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