औरंगाबाद के रफीगंज में आशा कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया गया है. आशा कार्यकर्ता द्वारा 16 वर्षीय लड़की को फंसाकर जिस्मफरोशी का धंधा कराया जा रहा था. जब वह गर्भवती हुई तो उसके घरवालों को जानकारी हो सकी. युवती की मां की शिकायत के बाद पुलिस ने आशा कार्यकर्ता को गिरफ्तार कर लिया.
16 वर्षीय लड़की की मां ने पुलिस को बताया कि आशा कार्यकर्ता उसकी बेटी को ट्रेनिंग के नामपर गांव से कभी रफीगंज तो कभी औरंगाबाद लेकर जाती थी. उसकी बेटी से गलत काम कराए जाते थे, जिसके एवज में कभी लड़की को 100 रुपया तो कभी 200 रुपया दिया करती थी. पीड़िता की मां ने बताया कि उसे इस बात की खबर भी नहीं थी कि उसकी बेटी को जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल दिया गया है.
तबीयत बिगड़ने पर हुई जानकारी
पीड़िता की मां ने बताया कि एक दिन उसकी बेटी की अचानक तबीयत खराब हो गई. आशा कार्यकर्ता ने उसे साईं हॉस्पिटल महाराजगंज रफीगंज में भर्ती करा दिया. वह उसे को देखने के लिए अस्पताल पहुंची, तो पता चला कि बेटी पांच माह की गर्भवती है. आशा कार्यकर्ता ने उसे गर्भपात की गोलियां खिला दीं, इन गोलियों को खाने से उसकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.
जान से मारने की दी धमकी
पीड़िता की मां ने बताया कि आशा कार्यकर्ता ने इस बारे में किसी को बताने पर जान से मरवाने की धमकी भी दी थी. वहीं इस मामले में थाना अध्यक्ष आनंद कुमार ने बताया कि मामले में आरोपी आशा कार्यकर्ता तथा साईं हॉस्पिटल के डॉक्टर एवं कंपाउंडर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
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