एक शातिर गैंगस्टर 11 साल तक देश के 10 राज्यों की पुलिस के लिए परेशानी का सबब बना रहा. पुलिस उसके पीछे रही और वो हमेशा पुलिस से 4 कदम आगे चलता रहा. यही वजह था कि इतने सालों तक इतने राज्यों की पुलिस उसे पकड़ नहीं सकी. लेकिन उस गैंगस्टर ने एक बहुत बड़ी गलती कर दी और वो गलती थी खाकी पर हाथ डालना. बस उसकी यही गलती उसके लिए आखरी गलती बन कर रह गई.
कुख्यात गैंगस्टर जयपाल सिंह भुल्लर पंजाब का मूल निवासी था, जो पिछले 11 सालों से दस राज्यों की पुलिस को छका रहा था. उसने एक ऐसी वारदात को अंजाम दे डाला कि वो रातों-रात पुलिस के रडार पर आ गया. पुलिस पूरी शिद्दत से उसके पीछे हाथ धोकर पड़ गई. पुलिस ने उस शातिर अपराधी को पकड़ने के लिए ऑपरेशन जैक शुरू किया. आइये आपको बताते हैं कि पंजाब पुलिस का ऑपरेशन जैक था क्या.
इसी साल 15 मई को पंजाब के लुधियाना में दाना मंडी इलाके की पुलिस को एक खुफिया ख़बर मिली. खबर ये थी कि एक कैंटर में बड़ी मात्रा में नशे की खेप लाई जा रही है. इस जानकारी पर पुलिस की सीआईए टीम के एएसआई भगवान सिंह और एएसआई दलविंदरजीत सिंह अपने एक साथी पुलिसकर्मी राजविंदर सिंह के साथ मौके पर जा पहुंचे. शाम के 6 बजे थे. तीनों पुलिसवाले कैंटर की जांच के सिलसिले में उसमें सवार लोगों से पूछताछ कर रहे थे.
इसे पढ़ें-- पंजाब में 13 दिनों से अंतिम संस्कार के इंतजार में है एक लाश, पुलिसवालों के खून से रंगे थे उसके हाथ
तभी मौके पर एक आई20 कार आई. जिसमें से तीन-चार लोग उतरे और पुलिसवालों पर ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार कर दी. गोली लगने से एएसआई भगवान सिंह की मौके पर मौत हो गई. जबकि एएसआई दलविंदरजीत सिंह ने की नाज़ुक हालत को देखते हुए उन्हें लुधियाना रेफर किया गया. मगर रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया. तीसरे पुलिसवाले ने वहां से भागकर जान बचाई. इस वारदात को कुख्यात गैंगस्टर जयपाल सिंह भुल्लर ने अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था. बस यहीं से उसकी जिंदगी की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी. वहीं से पुलिस ने 'ऑपरेशन जैक' की शुरुआत की.
इस ऑपरेशन का मकसद था जयपाल सिंह भुल्लर को पकड़ना. जिंदा या मुर्दा. पुलिस पूरी तैयारी के साथ उसकी तलाश में जुट गई थी. उसके एक एक गुर्गे पर पुलिस की नजर थी. 15 मई को इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद जयपाल भुल्लर फरार था. लेकिन 28 मई पुलिस को पुलिस ने उसके दो साथी दर्शन और बब्बी को मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में धरदबोचा. इसके बाद पुलिस ने 9 जून को पंजाब के राजपुरा में इसी गैंग के एक और गुर्गे भरत को बंगाल नंबर की एक आलीशान होंडा अकोर्ड कार डब्ल्यूबी 02आर- 4500 के साथ दबोच लिया था.
भरत की गिरफ्तारी के साथ ही पहली बार ये खुलासा हुआ कि गैंगस्टर जयपाल सिंह भुल्लर अपने कुछ साथियों के साथ कोलकाता में छुपा हुआ है. ये पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी थी. पंजाब पुलिस ने इस बारे में कोलकाता पुलिस के साथ ये जानकारी साझा की. जब तक पंजाब पुलिस की विशेष टीम कोलकाता के लिए रवाना नहीं हो गई, तब तक पंजाब पुलिस ने इस इनपुट को बेहद गुप्त बनाए रखा. और आखिरकार एक ज्वाइंट ऑपरेशन में गैंगस्टार जयपाल सिंह भुल्लर को कोलकाता एसटीएफ ने मार गिराया. भुल्लर कई साल से पूरे देश की पुलिस के लिए एक छलावा बना हुआ था. इसी के साथ पंजाब पुलिस का ऑपरेशन जैक पूरा हुआ.
इसे भी पढ़ें-- आशिक मिजाज प्रधान पति बैठा रहा था गोद में, गुस्से में लड़की ने तमंचे से मार दी गोली
हालांकि गैंगस्टर भुल्लर के घरवाले अपने बेटे की लाश मिलने के बाद से ही उसका दोबारा पोस्टमॉर्टम करवाने की मांग पर अड़े थे. उन्होंने भुल्लर की लाश को फिरोज़पुर में अपने घर में ही रखा था. इस मांग को लेकर भुल्लर का परिवार पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट भी गया था, लेकिन पहली कोशिश में हाई कोर्ट ने कहा कि चूंकि एनकाउंटर का मामला कोलकाता का है और वहां एक बार लाश का पोस्टमार्टम किया जा चुका है, ऐसे में इस मामले में कोई नया आदेश नहीं दिया जा सकता.
इसके बाद भुल्लर के घरवाले सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए और तब सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट को इस मामले की सुनवाई के लिए कहा. इस बार भुल्लर की लाश के दोबारा पोस्टमार्टम की मांग हाईकोर्ट ने स्वीकार कर ली. जस्टिस अवनीश झिंगन ने पीजीआई को फौरन मेडिकल बोर्ड बना कर मंगलवार को लाश का पोस्टमार्टम करवाने का हुक्म दिया. इस हुक्म के बाद फिलहाल भुल्लर की लाश का दोबारा पोस्टमार्टम तो हो चुका है, लेकिन इसका नतीजा क्या रहा, ये फिलहाल साफ नहीं है.