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कर्ज में डूबे किसान ने जहर खाकर की आत्महत्या, ट्रैक्टर का लोन न चुका पाने का था तनाव

लोन पर लिए गए ट्रैक्टर की किश्त की राशि नहीं चुका पाने को लेकर किसान तनाव में रहता था. 2 दिन पहले किसान ने जहर खा लिया था. किसान को अंबिकापुर के  मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन 14 दिसंबर की रात को इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.

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कर्ज में डूबे किसान ने जहर खाकर की आत्महत्या.
कर्ज में डूबे किसान ने जहर खाकर की आत्महत्या.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 12 दिसंबर की रात किसान दशन राम ने जहर पी लिया
  • लोन पर लिए गए ट्रैक्टर की किश्त की राशि नहीं चुका पाने का था तनाव
  • पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद मंगलवार को उनका शव परिजनों को सौंपा

किसान कानून को लेकर एक ओर देशभर में किसान आंदोलन कर रहे हैं. किसान कानून को लेकर उनकी केंद्र सरकार से ठन गई है. वहीं, कर्ज में डूबे कई किसानों की आत्महत्या करने के मामले सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के एक किसान ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली.

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दरअसल, लोन पर लिए गए ट्रैक्टर की किश्त की राशि नहीं चुका पाने को लेकर किसान तनाव में रहता था. 2 दिन पहले किसान ने जहर खा लिया था. किसान को अंबिकापुर के  मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन 14 दिसंबर की रात को इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.

जानकारी के मुताबिक, किसान का नाम दशन राम है. वह सरगुजा जिले के धौरपुर थाना अंतर्गत ग्राम बबौली का रहने वाला है. 12 दिसंबर की रात दशन राम ने अचानक जहर का सेवन कर लिया था. जब घरवालों को ये बात पता चली तो उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया जिसके बाद 14 दिसंबर की रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद मंगलवार को उनका शव परिजनों को सौंप दिया.

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मृत किसान के बेटे रामजनम ने बताया कि कर्ज की राशि चुका नहीं पाने के कारण पिता टेंशन में रहते थे. इसी कारण उन्होंने जहर खा लिया था. बेटे का कहना है कि उसके पिता ने 2 साल पहले बैंक लोन पर ट्रैक्टर खरीदा था. हर 6 महीने में 63 हजार रुपए किश्त चुकानी पड़ती थी. लेकिन 2 बार वह लोग किश्त की राशि नहीं चुका पाए थे. बैंक में किश्त की राशि 1 लाख 15 हजार बकाया थी, इसे लेकर पिता परेशान रहते थे.

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गौरतलब है कि इसके पहले बीजापुर और राजनांदगांव के दो किसान भी आत्महत्या कर चुके हैं. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव का कहना है कि इस प्रकार की घटना दुखद है. इस प्रकार की घटना नहीं होनी चाहिए. समाज व प्रशासन का ध्यान इस ओर जाना चाहिए. मृतक व्यक्ति अगर किसान के रूप में पंजीकृत थे तो उन्हें क्षतिपूर्ति राशि प्रदान किया जाएगा. इसके अलावा अगर किसी भी प्रकार का प्रावधान होगा तो हम उस प्रावधान के तहत मदद पहुंचाएंगे.

पुलिस प्रभारी पुष्पा तिर्की का कहना है कि यह मामला धौरपुर से आया है. जहां किसान ने किस्त ने भर पाने के तनाव के चलते जहर पी लिया था. 14 तारीख के उनकी मृत्यु हो गई. उनके बेटे ने अपने बयान में बताया कि उसके पिता ने एक ट्रैक्टर फाइनेंस कराया था जिसकी किस्त न चुका पाने के तनाव के कारण जहर पी लिया. जिसके बाद प्राथमिक इलाज के लिए उन्हें धौरपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. किसान की तबियत बिगड़ते देख अंबिकापुर मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया जहां उनकी मृत्यु हो गई. 

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