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राजस्थान सीडी कांड: BJP मेयर के पति को एंटी करप्शन ब्यूरो ने किया गिरफ्तार

राजस्थान के नए सीडी कांड में जयपुर की हटाई गई बीजेपी की मेयर सौम्या गुर्जर के पति और बीजेपी नेता राजाराम गुर्जर की गिरफ्तारी हो गई है. एंटी करप्शन ब्यूरो ने नगर निगम में सफाई काम-काम संभालने वाली एक कंपनी के कर्मचारी और राजाराम गुर्जर को पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

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बीजेपी मेयर सौम्या गुर्जर और राजाराम गुर्जर (फाइल फोटो)
बीजेपी मेयर सौम्या गुर्जर और राजाराम गुर्जर (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बढ़ता जा रहा है सीडी कांड पर विवाद
  • सीडी में दिख रहे हैं संघ प्रचारक
  • NCB ने दर्ज किया है केस

राजस्थान के नए सीडी कांड में जयपुर के हटाई गई भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) की मेयर सौम्या गुर्जर के पति और नेता राजाराम गुर्जर की गिरफ्तारी हो गई है. एंटी करप्शन ब्यूरो ने नगर निगम में सफाई का कामकाज संभालने वाले बीवीजी कंपनी के कर्मचारी और राजाराम गुर्जर को आज पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया. दोनों पर एक सीडी में घूस मांगने और घूस देने का आरोप है.

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दरअसल कुछ दिन पहले ही मीडिया हाउस को पेन ड्राइव भिजवाई गई थी, जिसमें जयपुर ग्रेटर निगम की बीजेपी की निलंबित मेयर सौम्य गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर, कचरा सफाई करने वाली कंपनी के प्रतिनिधि से बिल पास करने के बदले में पैसे के लेन-देन के बारे में बात कर रहे हैं. बगल में राजस्थान में संघ प्रचारक की भूमिका में काम करने वाले निंबा राम भी बैठे हुए थे.

उसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस सीडी के आधार पर घूसखोरी का मुकदमा दर्ज कर लिया था. सोमवार को हाई कोर्ट ने जैसे ही सौम्या गुर्जर को मेयर पद से हटाए जाने के राजस्थान सरकार के फैसले पर मुहर लगाई, राजस्थान का एंटी करप्शन ब्यूरो, राजाराम की गिरफ्तारी के लिए सक्रिय हो गया. राजाराम गुर्जर वसुंधरा राजे के सरकार के दौरान करौली जिले का सभापति रह चुका है.

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कांग्रेस का सीडी कांड में हाथ नहीं!

राजस्थान का सीडी कांड बीजेपी के अंदरूनी राजनीति का हिस्सा माना जा रहा है. कांग्रेस ने पहले ही साफ कर दिया है कि इस सीडी को बनवाने और मीडिया को भेजने से कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है. यह बीजेपी के ही एक गुट का काम है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम आने की वजह से कांग्रेस का भरपूर राजनीतिक फायदा लेना चाह रही है. हालांकि संघ के नेताओं की तरफ से कहा गया था कि वह राम मंदिर और प्रताप फाउंडेशन के चंदे के लिए संघ भवन आया था.


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