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अमरोहा कांडः शबनम ने फिर लगाई राज्यपाल से दया याचिका की गुहार

अमरोहा के बहुचर्चित बामनखेड़ी कांड की गुनाहगार शबनम के वकीलों ने एक बार फिर दया के लिए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से अनुरोध किया है. इस बीच शबनम के बेटे ने भी राष्ट्रपति से मां के गुनाहों को माफ करने की गुहार लगाई.

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रामपुर जिला जेल में कैद है शबनम (फोटो-आमिर खान)
रामपुर जिला जेल में कैद है शबनम (फोटो-आमिर खान)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चर्चित बामनखेड़ी कांड की गुनाहगार है शबनम
  • राज्यपाल की ओर से पहली याचिका हो चुकी है खारिज
  • शबनम के बेटे की राष्ट्रपति से दया की गुहार

अमरोहा के बहुचर्चित बामनखेड़ी कांड की गुनाहगार और फांसी की सजा पाई शबनम से मिलने आज गुरुवार को उसके दो वकील रामपुर जेल पहुंचे और इन्होंने दया याचिका के लिए एक बार फिर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से अनुरोध किया है. इस बीच शबनम के बेटे ने भी राष्ट्रपति से मां के गुनाहों को माफ करने की गुहार लगाई.

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रामपुर जेल के अधीक्षक पीडी सलोनीया ने बताया कि शबनम के संबंध में दो वकील आए थे और उन्होंने प्रार्थना पत्र दिया है जिसको माननीय राज्यपाल महोदया को प्रेषित किया जा रहा है. इस प्रार्थना पत्र में दया याचिका के लिए गुहार लगाई गई है. पहली दया याचिका खारिज हो चुकी है अब इन्होंने फिर से प्रार्थना पत्र दिया है जिसे राज्यपाल महोदया को प्रेषित किया जाएगा.

बेटे की राष्ट्रपति से गुहार
इस बीच दोषी शबनम के डेथ वारंट पर कभी भी हस्ताक्षर होने की संभावना है और उसे फांसी पर लटकाया जा सकता है, लेकिन फांसी की संभावनाओं के बीच शबनम के बेटे ने राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद से अपनी मां की फांसी की सजा को माफ करने की गुहार लगाई है. शबनम का नाबालिग बेटा अपनी मां से मिलने के लिए रामपुर जेल जाता रहा है.

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बुलंदशहर के सुशीला विहार कॉलोनी निवासी उस्मान सैफी को शबनम की इकलौती संतान की जिम्मेदारी सौंपी गई है. मासूम के कस्टोडियन उस्मान का कहना है कि निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने शबनम को फांसी की सजा सुनाई है. शबनम के बेटे का जन्म जेल में हुआ था और जब वह 6 साल का हुआ तो उसे जेल में बाहर लाया गया. अमरोहा जिला प्रशासन ने उस्मान को उसका कस्टोडियन बनाया.

मथुरा में फांसी देने की तैयारी
15 अप्रैल 2008 को बामनखेड़ी की रहने वाली शबनम ने अपने प्रेमी सलीम की मदद से प्रेम संबंध में बाधा बने अपने माता-पिता, दो भाई, भाभी और मौसी की लड़की के अलावा अपने सात माह के दुधमुंहे भतीजे को कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया था. निचली अदालत ने इस मामले में शबनम को फांसी की सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी सजा बरकरार रखी और अब राष्ट्रपति ने भी शबनम की दया याचिका को खारिज कर दिया है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से याचिका ठुकराए जाने के बाद शबनम को फांसी देने की तैयारी शुरू कर दी गई है. रामपुर जिला कारागार में बंद शबनम को मथुरा में स्थित फांसी घर में फांसी दी जाएगी. आजादी के बाद पहली बार किसी महिला को फांसी दी जाएगी.

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इस बीच अमरोहा में हुए नरसंहार के मामले में राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने के बाद चर्चित कांड शबनम और सलीम के बावन खेड़ी गांव में कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल नजर आ रहा है. शबनम को सजा मिलने के बाद परिवार को न्याय मिलने की आस जगी है तो वहीं सलीम के परिजनों में सदमे का माहौल बताया जा रहा है और सलीम के परिजन घर में तालाबंदी करके अज्ञातवास में चले गए हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि सलीम का परिवार घर में तालाबंदी करके अज्ञातवास में चला गया है और जब से सलीम के पिता ने यह खबर सुनी है तब से वह गांव में नजर नहीं आ रहे हैं.

 

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