सागर धनखड़ मर्डर में गिरफ्तार ओलंपिक पदक विजेता रेसलर सुशील कुमार से पूछताछ की जा रही है. क्राइम ब्रांच के आला अधिकारियों के मुताबिक, सुशील कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, गैंगेस्टर के साथ संबंधों को लेकर सुशील कुमार मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं. अब गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों को सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी.
दिल्ली पुलिस ने सागर मर्डर केस में काला असौदा-नीरज बवाना गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. भूपेंद्र, मोहित, गुलाब और मंजीत ने पूछताछ के दौरान सागर की हत्या की पूरी साजिश और घटनाओं के क्रम का खुलासा किया है. अब तक इस केस में सुशील कुमार समेत सात आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
अर्श से फर्श पर आए सुशील कुमार
इस बीच दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि ओलंपियन, स्टार रेसलर, पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त सुशील कुमार किसी पेशेवर मुजरिम की तरह दिल्ली के मॉडल टाउन थाने की हवालात में फर्श पर बैठे रो रहे थे. हालत ये थे कि उनको बैठने के लिए एक बेंच तक नहीं मिला, अर्श से फ़र्श तक की कहावत इस वक्त अगर किसी पर सबसे सटीक बैठती है, तो वो सुशील कुमार ही हैं.
दरअसल, सुशील कुमार को गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली पुलिस ने अदालत से उनके और उनके साथी अजय बक्करवाला के 12 दिनों की रिमांड मांगी थी, लेकिन अदालत से छह दिनों की रिमांड ही मिल सकी, जिसके बाद पुलिस उन्हें लेकर मॉडल टाउन के उस फ्लैट और छत्रसाल स्टेडियम तक भी गई, जहां से वारदात की शुरुआत हुई और जहां वारदात ख़त्म हुई.
इस दौरान सुशील कुमार पूछताछ में कई बार विरोधाभासी बातें कहते रहे. हालांकि तब तक उनसे कायदे से पूछताछ नहीं हुई थी, लेकिन जब बाहर की कार्रवाई और दौरों के बाद पुलिस की टीम उन्हें लेकर मॉडल टाउन थाने के हवालात तक पहुंची, तो सुशील के आंसुओं का पैमाना छलक गया. हवालात के अंदर पहुंचते ही सुशील रोने लगे.
सूत्रों का कहना है कि थाने के अंदर सुशील कुमार रोते-रोते ही फ़र्श पर बैठ गए और लगातार क़रीब आधे घंटे तक रोते रहे, हालांकि इस दौरान उनके साथ ही गिरफ्तार उनका दोस्त अजय बक्करवाला खामोश बैठा रहा. रात को पुलिस ने दोनों को खाना भी दिया. अजय ने खाना खाया, लेकिन सुशील ने कुछ भी खाने से इनकार कर दिया.
इसके दौरान क्राइम ब्रांच के अधिकारियों की तरफ़ से सुशील कुमार से पूछताछ भी की जाती रही और सुशील बार-बार इमोशनल होते रहे. सुशील से एडिशनल सीपी शिबेश सिंह और डीसीपी मोनिका भारद्राज और उनकी टीम ने पहले दिन करीब पांच घंटे पूछताछ की. हालांकि, सुशील अभी भी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.