मुंबई के बांद्रा इलाके में मौजूद सदगुरु शरण अपार्टमेंट में बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान अपने परिवार के साथ रहते हैं. उस अपार्टमेंट के बैक साइड में एक सीढ़ी है, जो कि इमरजेंसी फायर एग्जिट है. 16 जनवरी की देर रात 1 बज कर 37 मिनट पर एक शख्स नंगे पांव सीढ़ियों पर चढ़ता है. वो नारंगी रंग के मफलर से अपना चेहरा ढंका हुआ था. उसके हाथ और कपड़ों पर धूल और मिट्टी लगी हुई थी. ऐसा तभी होता है, जब कोई किसी दीवार की फांदता हो, या कहीं से घिसटता हुआ आ रहा हो.
उपर जाने के करीब 55 मिनट बाद रात के 2 बजकर 33 मिनट पर वही शख्स वापस सीढ़ियों से नीचे उतरता नजर आता है. लेकिन इस बार इसका चेहरा खुला होता है. इतना ही नहीं पैरों में जूता पहना होता है. यानी ये ऊपर नंगे पांव गया और नीचे जूते पहन कर आया. अब ये जूता पिट्ठू बैग में साथ लेकर गया था या फिर सैफ अली खान के घर से ही पहन कर आया, ये पता नहीं है. सीसीटीवी कैमरे में दर्ज घड़ी के मुताबिक 1 बजकर 37 मिनट पर ये ऊपर की तरफ गया होता है.
इसे 3 से 5 मिनट सैफ अली खान के घर के दरवाजे तक पहुंचने में लगे होंगे. इस हिसाब से ये रात करीब 1.40 से 1.45 मिनट के दरम्यान ही सैफ के घर में दाखिल हुआ होगा. मुंबई पुलिस सूत्रों की मानें तो सैफ के घर का दरवाजा इसने अपनी चाबी से खोला होगा. ऐसे प्रोफेशनल चोरों के पास हर ताले की चाबी होती है. अब घर में दाखिल होने के बाद क्या हुआ जाहिर है ये खुद ये चोर तो अभी बता नहीं पाएगा, क्योंकि अभी वो पुलिस के हाथ लगा ही नहीं है.
इसके आगे की कहानी सैफ अली खान के घर में काम करने वाली इस्मा फिलिप ने बताई है. इस अपार्टमेंट में सैफ अली खान का घर टॉप फ्लोर पर है. अपार्टमेंट के बाकी घरों की तरह सैफ का घर भी डुप्लैक्स है. इस घर में 16 जनवरी की देर रात कुल सात लोग थे. सैफ अली खान, करीना कपूर, उनके दोनों बेटे तैमूर और जहांगीर. इसके अलावा घर में तीन स्टाफ भी थे. इस्मां, जो जहांगीर की देखभाल करती है. जुनू, जो तैमूर की देखभाल करती है और तीसरी गीता.
रात 11 बजे पूरा खान परिवार सोने चला गया. इस्मां भी सोने चली गई. रात के करीब 2 बज रहे थे. अचानक इस्मां को जहांगीर के रूम के बाहर बाथरूम में कुछ आहट सुनाई दी. पहले उसे लगा कि शायद करीना आ चुकी हैं और जहांगीर को देखने कमरे में गई होंगी. लेकिन फिर इस्मा को कुछ शक हुआ. वो अपने कमरे से बाहर निकली. बाथरूम की तरफ गई. दरवाजा खोलते ही उसे एक परछाई सी नजर आई. उसने सिर पर कैप पहन रखी थी. तभी वो बाथरूम से बाहर निकलती है.
एक शख्स जहांगीर के कमरे की तरफ बढ़ने लगता है. लेकिन इस्मां को देखते ही वो इशारों में उसे चुप रहने की धमकी देता है. धीरे से कहता है- आवाज मत करना. कोई आवाज नहीं. कोई बाहर भी नहीं आएगा. इस पर इस्मां जब उससे पूछती है, आपको क्या चाहिए, वो धीरे से जवाब देता है- पैसा चाहिए. इस्मां फिर उससे पूछती है, कितना पैसा? वो जवाब देता है- एक करोड़. अब इस्मां जहांगीर की तरफ बढ़ती है. ताकि वो उसे अपनी कस्टडी में ले सके. वो शख्स इस्मां की तरफ लपकता है.
उसके दोनों हाथों में हथियार थे. बांये हाथ में डंडे जैसी कोई चीज और दांये हाथ में बड़ा सा हेक्सा ब्लेड. इस्मां डर जाती है कि कहीं वो जहांगीर को नुकसान न पहुंचा दे. इसीलिए वो उसके और जहांगीर के बीच आ जाती है. इस पर वो शख्स इस्मां पर हमला करता है. खुद को बचाने के लिए इस्मां अपने हाथ ऊपर की तरफ उठाती है. इसी कोशिश में उसकी दाहिनी कलाई पर उसी ब्लेड से चोट लग जाती है. चोट लगते ही इस्मां चीखती है. उसकी चीख सुन कर अब जुनू भी उठ चुकी थी.
देर रात घर में चीख की आवाज सुन कर अब सैफ और करीना की भी नींद टूट जाती है. दोनों ऊपर के कमरे से बाहर आते हैं. देर रात अपने ही घर में एक अनजबी और उसके हाथों में हथियार देख कर वो दोनों भी चौंक उठते हैं. इधर अब हमलावर इतने लोगों को देख कर घबरा जाता है. सैफ जैसे ही इस्मां की तरफ उसे बचाने के लिए बढ़ते हैं, तब तक हमलावर सैफ पर भी हमला कर देता है. इस दौरान गीता भी वहां पहुंच चुकी है. गीता बीच बचाव के लिए आगे बढ़ती है.
हमलावर उस पर हमला कर देता है. इस हमले और गुत्थम गुत्थी में सबसे ज्यादा निशाने पर सैफ ही थे. क्योंकि उस वक्त घर में वो अकेले पुरुष थे. बाकी सब महिलाएं. इतने लोगों को देख कर अब हमलावर ने एक चाकू भी निकाल लिया था. अब वो चाकू और हेक्सा ब्लेड से एक साथ सैफ पर हमले कर रहा था. थोड़ी देर की गुत्थम गुत्थी के बाद सैफ और गीता ने मिल कर लगभग हमलावर को काबू कर लिया था. लेकिन अब भी वो पूरी तरह से काबू में नहीं था.
हथियार उसके हाथ में थे. इसी बीच खान गीता और कमरे में मौजूद इस्मां और जुनू अचानक उस कमरे से बाहर की तरफ दौड़ पड़ते हैं. बाहर निकलते ही वो दरवाजा बाहर से बंद कर देते हैं. अब हमलावर कमरे में अकेला बंद हो चुका था. घऱ के लोग हमलावर को कमरे में बंद कर ऊपर के फ्लोर पर गए, जहां सैफ और करीना का बेडरूम है. थोड़ी देर बाद सारे लोग नीचे आए. उन्हें यकीन था कि हमलावर कमरे में बंद हो गया. उन्होंने कमरा खोला, मगर ये देख कर हैरान रह गए कि हमलावर बंद कमरे से निकल कर भाग चुका है. दरअस उस कमरे में एक खिड़की थी, जो बाहर की तरफ खुलती थी. हमलावर उसी खिड़की से निकल भागा था.
हमलावर के भागते ही अब पहली बार घर के स्टाफ को इस बात का अहसास होता है कि सैफ के जिस्म के कई हिस्से से खून रिस रहा है. इसके साथ ही गीता को भी चोट लगी है. इस्मां की चोट थोड़ी मामूली थी. अब घायल सैफ और गीता अस्पताल ले जाना था. घर का ही एक स्टाफ फौरन सैफ के बेटे इब्राहिम को फोन करते हैं. उसे सारी बात बताते हैं. इब्राहिम इसी अपार्टमेंट की छठी मंजिल पर रहता है. वो फौरन सैफ के पास पहुंचता है. चूंकि देर रात का वक्त था.
लिहाजा घर में कोई ड्राइवर नहीं था. अब मुश्किल ये थी कि ड्राइव कौन करे. सैफ के घर में तब इलेक्ट्रिक ऑटोमेटिक कार पार्क थी. लेकिन इब्राहिम को ये कार चलानी नहीं आती थी. इधर सैफ के जिस्म से लगातार खून रिस रहा था. लिहाजा बिना वक्त गंवाए इब्राहिम और बाकी स्टाफ सैफ को लिफ्ट के जरिए नीचे लाते हैं. अपार्टमेंट के बाहर एक ऑटो खड़ा था. आनन-फानन में उसमें सैफ और गीता को बिठा कर नजदीक के ही लीलावती अस्पताल ले जाते हैं. तब रात को करीब 3 बजने वाले थे.
अस्पताल जाने के बाद पहली बार खुद सैफ को ये अहसास होता है कि उसके जिस्म पर कई जख्म हैं. सबसे ज्यादा खून गर्दन और पीठ से रिस रहा था. बाद में पता चला कि पीठ में रीढ़ की हड्डी के करीब चाकू का एक टूटा हुआ टुकड़ा अंदर ही धंसा पड़ा है. यूं तो सैफ के जिस्म पर चाकू और ब्लेड के कुल छह जख्म थे. लेकिन दो सबसे गहरे थे. एक रीढ़ की हड्डी के पास और एक गर्दन पर. बाद में डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर रीढ़ की हड्डी के करीब से चाकू का वो टूटा हुआ टुकड़ा निकाल लिया.
इसके बाद शाम तक सैफ को आईसीयू से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. उनकी तबीयत अब बेहतर है. लेकिन रिकवरी में कम से कम एक हफ्ते का वक्त लगेगा. तो ये तो रही 16 जनवरी की रात की उन 50-55 मिनट की कहानी. अब इस कहानी का एक दूसरा पहलू. बांद्रा के जिस अपार्टमेंट में सैफ और करीना रहते हैं, ये कोई मामूली अपार्टमेंट नहीं है. इस अपार्टमेंट में सिर्फ डुप्लेक्स घर ही हैं. सैफ के अलावा यहां कुल 11 परिवार और रहते हैं. और ये सभी बड़े बड़े बिजनेसमैन हैं.
लेकिन मुंबई पुलिस सैफ पर हमले के बाद जब इस अपार्टमेंट में पहुंची और यहां तफ्तीश की, तो खुद पुलिस हैरान रह गई. जिस अपार्टमेंट में इतने हाई प्रोफाइल लोग रह रहे हैं, उस अपार्टमेंट में सुरक्षा का आलम ये कि खुद सैफ के अपने घर के अंदर या बाहर तक एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था. इतना ही नहीं इस अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों के पास अपना निजी गार्ड तक नहीं है. सैफ के पास भी अपना कोई पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड नहीं है.
इस अपार्टमेंट के मेन गेट पर दो सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहते हैं. जबकि पीछे के गेट पर एक सिक्योरिटी गार्ड. गेट पर विजिटर रजिस्टर तक नहीं. जिससे ये पता चले कि बिल्डिंग में कौन आता है और कौन जाता है. मुंबई पुलिस के मुताबिक अपार्टमेंट के बैक साइड में एक दीवार है. लेकिन ये दीवार इतनी ऊंची भी नहीं कि इसे फलांगी ना जा सके. दीवार पर तार जरूर है. लेकिन वो भी मुड़े हुए. पुलिस को अंदेशा है कि हमलावर या चोर इसी दीवार के सहारे इस बिल्डिंग में दाखिल हुआ.
इसके बाद इमरजैंसी एग्जिट यानी सीढ़ियों के रास्ते वो सैफ के घर में दाखिल हुआ. लेकिन अंदर जाने और सैफ के घर तक पुहंचने के रास्ते की जानकारी जिस तरह से उसे थी, उससे पुलिस को ये भी शक है कि बहुत मुमकिन है कि इस बिल्डिंग का कोई अंदरुनी शख्स उस चोर का जानकार हो. ये भी मुमकिन है कि कभी वो इस बिल्डिंग में किसी तरह का काम कर चुका हो. हालांकि इस चोर का हुलिया, इसकी तस्वीर, ये सबकुछ पुलिस के पास है. मुंबई का सारा चोर बाजार चोरों की सारी बारात, उनके सरदार को मुंबई पुलिस की 35 टीमें खंगाल चुकी हैं. लेकिन 36 घंटे से ज्यादा हो चुका है पर इस चोर का अब तक कोई सुराग़ नहीं मिला है.
मुंबई पुलिस को शक है कि ये मुंबई में ही किसी ठिकाने पर छुपा बैठा है. फिलहाल इस मामले में शनिवार को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है, जिसका नाम आकाश बताया जा रहा है. डीजी आरपीएफ मनोज यादव ने उसके हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि आरोपी की फोटो मुंबई पुलिस के साथ साझा की गई है. उन्होंने उसकी पहचान कर ली है. इससे पहले मुंबई पुलिस ने एक संदिग्ध शाहिद को पकड़ा था. वो गिरगांव से पकड़ा गया था.