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संदेशखाली केस: PMLA कोर्ट ने शाहजहां शेख को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

निलंबित टीएमसी नेता शाहजहां शेख को मछली पालन व्यवसाय की आड़ में मनी लॉन्ड्रिंग के प्रवर्तन निदेशालय के एक मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. शाहजहां शेख को ईडी ने 30 मार्च को गिरफ्तार किया था. उस पर ईडी अधिकारियों पर हमले का भी आरोप है.

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संदेशखाली केस के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
संदेशखाली केस के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.

वेस्ट बंगाल के उत्तर 24 परगना के संदेशखाली केस में पहले सीबीआई फिर ईडी के द्वारा गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. राशन घोटाले, मनी लॉन्ड्रिंग, जमीनों पर कब्जा, महिलाओं के यौन शोषण और ईडी की टीम पर हमला करवाने के आरोपी शेख को पीएमएलए कोर्ट ने ईडी के वकील के अनुरोध पर अपना फैसला सुनाया.

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शाहजहां शेख को ईडी ने 30 मार्च को गिरफ्तार किया था. उससे पहले वो सीबीआई की हिरासत में था. उसे पीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रशांत मुखोपाध्याय ने न्यायिक हिरासत में भेजा है. ईडी के वकील अभिजीत भद्रा ने उसकी न्यायिक हिरासत की मांग की थी. ईडी ने आरोप लगाया है कि उसने मछलीपालन की आड़ में ग्रामीणों से जमीन हड़पने से प्राप्त धन की हेराफेरी करके मनी लॉन्ड्रिंग की है.

5 जनवरी को ईडी अधिकारियों की एक टीम पर करीब एक हजार लोगों ने शाहजहां शेख के उकसाने पर हमला किया था. वे लोग राशन वितरण घोटाला मामले में संदेशखाली के सरबेरिया गांव में शेख के परिसर की तलाशी लेने गए थे. कलकत्ता हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद सीबीआई हमले के मामले की जांच कर रही है. शेख को भारी दबाव के बाद वेस्ट बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था. कोर्ट के आदेश के बाद उसे सीबीआई को सौंपा गया था.

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बताते चलें कि शाहजहां शेख की पहचान टीएमसी के एक ताकतवर और प्रभावशाली नेता के तौर पर है. वो संदेशखाली यूनिट का टीएमसी अध्यक्ष भी रह चुका है. पहली बार शाहजहां शेख उस समय चर्चा में आया, जब 5 जनवरी को ईडी की टीम शाहजहां से बंगाल राशन वितरण घोटाला मामले में पूछताछ करने पहुंची थी, उस समय उसके गुर्गों ने ईडी की टीम पर हमला कर दिया था. इसके बाद से ईडी ने उसे लगातार समन जारी किया था. 

ईडी की टीम पर हमला होने के बाद संदेशखाली उस समय सुर्खियों में आया, जब वहां की महिलाओं ने शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने और उसके गुर्गों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. इस मामले को लेकर लेफ्ट और बीजेपी पार्टियों ने ममता सरकार के खिलाफ जमकर विरोध किया. संदेशखाली में धारा 144 लगाकर विपक्ष के नेताओं को वहां जाने से रोका गया, हालांकि बीजेपी के नेताओं ने बंगाल से लेकर दिल्ली तक इस मामले को उठाया था. 

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