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झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान में लैंडमाइन यानी बारूदी सुरंग बड़ा रोड़ा बन गया हैं. लोहरदगा जिले में शुक्रवार सुबह एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान कोबरा 203 बटालियन के 2 जवान नक्सलियों द्वारा बिछाए गए लैंडमाइन की चपेट में आकर जख्मी हो गए. झारखंड बनने के बाद लोहरदगा जिले में लैंडमाइन ब्लास्ट में सुरक्षा बल के 15 जवान जान गंवा चुके हैं जबकि 75 से अधिक जवान घायल हुए हैं. 4 ग्रामीणों की जान गई है.
हाल के समय में नक्सलियों ने प्रेशर बम को अपनी IED टेक्नोलॉजी का मुख्य हथियार बनाते हुए पुलिस के लिए बड़ी चुनौती पेश की है. पिछले 3 सालों में प्रेशर बम की चपेट में आने से 3 ग्रामीणों की जान गई है और आधा दर्जन सुरक्षा बल के जवान जख्मी हुए हैं. प्रेशर बम जल्दी पकड़ में नहीं आते और इन पर पांव पड़ते ही विस्फोट हो जाता है. स्निफर डॉग और आईइडी डिटेक्टर भी कई बार फेल हो जाते हैं.
नक्सलियों को लैंडमाइन के लिए बारूद और अन्य विस्फोटक सामग्री बड़े पैमाने पर आसानी से आखिर कहां से उपलब्ध हो रहा है, यह बड़ा सवाल है. जंगलों में आईइडी बिछाकर ही नक्सली सुरक्षाबलों के अभियान को धीमा या बीच में ही बंद करने पर मजबूर कर देते हैं.
लोहरदगा-लातेहार की सीमा पर बुलबुल जंगल और पहाड़ नक्सलियों का पनाहगाह बने हुए हैं. यहां तक पुलिस को पहुंचने से रोकने के लिए नक्सलियों ने चप्पे-चप्पे पर बारूदी सुरंगे बिछा रखी हैं. सुरक्षाबलों के लिए इन्हें डिटेक्ट करना मुश्किल हो जाता है. यही वजह है कि लैंड माइंड की चपेट में आकर जम्मू के रहने वाले 28 साल के जवान दिलीप कुमार और 38 साल के नारायण दास गंभीर रूप से घायल हो गए. आनन-फानन में जवानों ने इन्हें ग्राउंड जीरो से ही एअरलिफ्ट कर रांची मेडिका अस्पताल पहुंचाया. दिलीप के चेहरे, सीने और बाहों पर गहरे जख्म हैं जबकि नारायण का पैर जख्मी है.
घायल जवानों को एअरलिफ्ट करने के बाद भी जंगल से कई धमाके की आवाज सुनाई पड़ी है. सूत्रों ने बताया कि पुलिस द्वारा नक्सलियों के बंकर बम से उड़ाए गए हैं. पिछले 3 दिनों से चल रहा अभियान सुरक्षाबलों ने और तेज कर दिया है. ऑपरेशन में शामिल पेशरार थाने के सर्किल इंस्पेक्टर चंद्रमोहन हांसदा ने बताया कि घायल जवानों को एअरलिफ्ट कर रांची अस्पताल पहुंचाया गया है. अधिकारियों द्वारा लगातार दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं और इसी के आधार पर नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी है.
10 फरवरी को सुरक्षाबलों से मुठभेड़ के बाद नक्सली दस्ता जंगलों में भाग गया था. सुरक्षाबलों द्वारा नक्सलियों के कई सुरक्षित ठिकानों को विस्फोट कर उड़ा दिया गया है, जबकि काफी मात्रा में इनके सामान भी जब्त किए गए हैं. ऑपरेशन जारी है.
डीएसपी ऑपरेशन दीपक पांडे के अलावा सीआरपीएफ के सहायक और डिप्टी कमांडेंट अलग-अलग यूनिट का नेतृत्व कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि सीआरपीएफ, कोबरा, जिला बल और जगुआर के अधिकारी और जवानों ने नक्सलियों के दस्ते को घेर रखा है. लंबे समय बाद सुरक्षा बलों का इतना व्यापक और लंबा अभियान नक्सलियों के खिलाफ चल रहा है.