scorecardresearch
 

25 लाख का इनामी कुख्यात नक्सली नेता गिरफ्तार, 40 साल से था सक्रिय, छत्तीसगढ़ पुलिस ने ऐसे धर दबोचा

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में सुरक्षा बलों ने कुख्यात नक्सली नेता प्रभाकर राव को गिरफ्तार कर लिया है. 57 वर्षीय नक्सली नेता रसद आपूर्ति का प्रभारी और शीर्ष माओवादी पदाधिकारियों का करीबी सहयोगी था. इसके सिर पर 25 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था.

Advertisement
X
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में सुरक्षा बलों ने कुख्यात नक्सली नेता प्रभाकर राव को गिरफ्तार कर लिया है.
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में सुरक्षा बलों ने कुख्यात नक्सली नेता प्रभाकर राव को गिरफ्तार कर लिया है.

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में सुरक्षा बलों ने कुख्यात नक्सली नेता प्रभाकर राव को गिरफ्तार कर लिया है. 57 वर्षीय नक्सली नेता रसद आपूर्ति का प्रभारी और शीर्ष माओवादी पदाधिकारियों का करीबी सहयोगी था. इसके सिर पर 25 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था. इस गिरफ्तारी को वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण सफलता बताया जा रहा है.

Advertisement

बस्तर (रेंज) के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति के सदस्य (डीकेएसजेडसीएम) प्रभाकर राव उर्फ ​​बालमुरी नारायण राव को रविवार को अंतागढ़ थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया. पिछले कुछ दिनों से कांकेर जिला पुलिस को प्रभाकर राव की सक्रिय गतिविधियों के बारे में सूचना मिल रही थी. 

इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए सुरक्षा बलों ने रविवार को अंतागढ़ थाना क्षेत्र में प्रभाकर राव को घेर लिया. इसके बाद उसने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उत्तर बस्तर क्षेत्र के माओवादी संगठन के एक महत्वपूर्ण कैडर प्रभाकर राव की गिरफ्तारी सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता है. इससे नक्सल पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. 

आईडी ने बताया, "प्रभाकर राव साल 1984 में एक सदस्य के रूप में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था. वो पिछले 40 साल से संगठन के लिए काम कर रहा था. वह वर्तमान में उत्तर सब-जोनल ब्यूरो में रसद आपूर्ति और मोबाइल पॉलिटिकल स्कूल (एमओपीओएस) टीम का प्रभारी था. उसके खिलाफ छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं.'' 

Advertisement

प्रभाकर राव ओडिशा, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के शीर्ष माओवादी नेताओं का करीबी सहयोगी रहा है. वो सेंट्रल कमेटी मेंबर (सीसीएम) सचिव गणपति का चचेरा भाई है. उसके सीसीएम सचिव बसव राजू, के रामचंद्र रेड्डी उर्फ ​​राजू, देवजी उर्फ ​​कुमा दादा, कोसा, सोनू, मल्लराजा रेड्डी उर्फ ​​संग्राम जैसे वरिष्ठ माओवादी नेताओं से करीबी संबंध हैं. 

उसकी पत्नी, डिवीजनल कमेटी मेंबर राजे कांगे रावघाट एरिया कमेटी की प्रभारी हैं. वो मूल रूप से तेलंगाना के बीरपुर गांव का रहने वाला है. कई राज्यों में सक्रिय रहा है. वो अविभाजित आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले, उत्तर बस्तर, कोयलीबेड़ा, छत्तीसगढ़ के मानपुर-मोहला इलाकों में सक्रिय रहा है. उसने 2005 से 2007 तक सप्लाई टीम और शहरी नेटवर्क में काम किया.

इस साल अब तक छत्तीसगढ़ के उग्रवाद प्रभावित बस्तर प्रशासनिक संभाग के सात जिलों में कुल 884 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है. बताते चलें कि कुछ दिनों पहले गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले में पहुंचे थे. वहां उन्होंने सरेंडर कर चुके नक्लियों से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि पूरे देश में साल 2026 तक नक्सल खत्म हो जाएगा.

Live TV

Advertisement
Advertisement