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श्रद्धा हत्याकांड: फ्लैट और जंगल के बाद अब कूड़े के ढेर की जांच... पुलिस को अब तक नहीं मिला 7 सबूतों का सुराग

श्रद्धा मर्डर केस में जांच महरौली के फ्लैट से शुरू हुई थी. फिर आफताब के बयान से जांच जंगल की तरफ मुड़ी. अब श्रद्धा मर्डर से जुड़े सबूतों के लिए दिल्ली पुलिस डंप यार्ड तक पहुंच गई है. पुलिस को श्रद्धा के कपड़ों की तलाश है जो कि अबतक बरामद नहीं हुए हैं.

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आफताब को श्रद्धा मर्डर केस में और 5 दिन की रिमांड पर भेजा गया है
आफताब को श्रद्धा मर्डर केस में और 5 दिन की रिमांड पर भेजा गया है

श्रद्धा मर्डर केस का आरोपी आफताब अब नार्को टेस्ट से गुजरेगा, जिसमें हत्याकांड से जुड़े नए राज सामने आ सकते हैं. शुक्रवार को साकेत कोर्ट में सुनवाई के दौरान उसकी पुलिस रिमांड को पांच दिन के लिए बढ़ा दिया गया है, इसके साथ-साथ उसके नार्को टेस्ट का रास्ता भी साफ हो गया है. इस बीच आफताब से जुड़े नए-नए खुलासे चौंका रहे हैं, जिनसे पता चल रहा है कि उसने हत्याकांड को अंजाम देने के बाद खुद को बचाने के लिए कैसी-कैसी तिकड़म लगाई थी.

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वैसे अब यह जांच फ्लैट और जंगल से होते हुए कूड़े के ढेर तक भी पहुंच गई है. पुलिस को श्रद्धा के उन कपड़ों की तलाश है जो हत्याकांड के वक्त पहने थे.

सबसे पहले आपको बताते हैं कि साकेत कोर्ट में क्या-क्या हुआ. शुक्रवार को दिल्ली पुलिस आफताब को साकेत कोर्ट में पेश करने वाली थी. यहां उसकी रिमांड बढ़ने पर फैसला होना था. लेकिन कोर्ट में वकीलों ने ही हंगामा कर दिया. वकील कोर्टरूम के बाहर ही नारेबाजी करने लगे. उनकी मांग थी कि आफताब को फांसी की सजा हो.

फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आफताब की पेशी हुई. इसमें उसकी रिमांड पांच दिन बढ़ गई. साथ ही यह भी साफ हुआ कि आफताब का नार्को टेस्ट अब हो सकेगा. इसके लिए आरोपी की मंजूरी चाहिए होती है, जो कि शुक्रवार को मिल गई. अब दिल्ली पुलिस रोहिणी FSL में नार्को टेस्ट के लिए अप्लाई करेगी और टेस्ट के लिए टाइम लेगी. कोर्ट की कार्रवाई के बीच आफताब से जुड़ी नई-नई चौंकाने वाली जानकारियां भी सामने आईं.

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श्रद्धा का फोन लेकर घूमता था आफताब

अपना राज खुलने से पहले तक आफताब ने पुलिस और श्रद्धा के घरवालों को गुमराह करने की हर संभव कोशिश की. वह श्रद्धा की हत्या के बाद उसका फोन हर जगह लेकर जाता था. मतलब अगर फोन को ट्रेस किया जाए तो उसका और श्रद्धा का फोन एक ही जगह ट्रेस हो. मतलब दोनों एकसाथ हैं. इसके अलावा उसने श्रद्धा के फोन से बहुत सारा डेटा भी डिलीट किया है.

दो लोगों के लिए करता था खाना ऑर्डर

आफताब पिछले कई महीनों से बाहर जब भी खाने का ऑर्डर देता था तो दो लोगों के लिए ही देता था. Zomato या कहीं और से ऑनलाइन ऑर्डर हमेशा उसने 2 लोगों के लिए ही किया. चाय के लिए उसे बाहर से दूध, चाय, चीनी नहीं खरीदनी पड़े इसके लिए वह रेडीमेड चाय ही मंगवाता था. वो इस कोशिश में था कि उसे बाहर के लोगों से कम से कम संपर्क बनाने पड़े, ताकि वह छिपा रह सके.

वैक्यूम क्लीनर से मिटाए खून के दाग

आफताब ने श्रद्धा के मर्डर के बाद वैक्यूम क्लीनर भी मंगाया था. ये क्लीनर जमीन पर स्पॉट मिटाने के लिए प्रयोग किया जाता है. आफताब ने मर्डर के बाद इस क्लीनर का इस्तमाल किया था. इसका प्रयोग करने से छोटे स्पॉट, निशान मिटाए जाते हैं. इसी वजह से घर के अंदर ब्लड के स्पॉट पुलिस को मिलने में दिक्कत आई. जब पुलिस ने मंगलवार को खून के धब्बे तलाशने के लिए बेंजीन टेस्ट करा तो बाथरूम सहित पूरे घर में कहीं भी खून के निशान नहीं मिले.

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जांच में सिर्फ किचन में अंदर की तरफ छुपा हुआ एक खून का धब्बा मिला. फोरेंसिक टीम के मुताबिक, अफताब ने बताया की श्रद्धा की बॉडी का एक टुकड़ा किचन में रखा था वहीं से ब्लड का निशान मिला.

10 घंटे में काटा शव, 18 पॉलीथिन बैग में रखे टुकड़े

पुलिस के मुताबिक, आफताब ने कहा है कि शव के टुकड़े करने में उसे 10 घंटे लगे थे. जब वो थक गया तो उसने बीच में रेस्ट किया उसके बाद उसने बीयर और सिगरेट पी और घंटों तक पानी से शव के टुकड़ों को धोया. फिर काम खत्म करने के बाद उसने जोमेटो से खाना मंगवाया और खाया. उसे कत्ल का बिल्कुल मलाल नहीं था इसका पता इस बात से चलता है कि सब होने के बावजूद वह नेटफ्लिक्स पर मूवी देख रहा था. बाद में उसने 17-18 पॉलीथिन बैग में शव के टुकड़ों को रखा.

अभी भी इन 7 सबूतों की तलाश

टुकडों में बंटी लाश के टुकड़े, लाश के टुकड़े करनेवाली आरी, कत्ल के वक्त श्रद्धा के पहने कपड़े, घर में मौजूद लाश के टुकड़ों या खून के कोई निशान, बाथरूम में नाली में इकट्ठा कोई सबूत, श्रद्धा का मोबाइल फोन, 18 मई से 5 जून तक रात 2 बजे से सुबह 6 बजे तक आफताब का मोबाइल का लोकेशन, अब इन्हें सवाल कहिए या सबूत. बस, दिल्ली पुलिस की सबसे बड़ी तलाश इन्हीं चीज़ों की है. ये मिल गए, तो समझिए केस आईने की तरह साफ और नहीं मिला तो मुश्किल.

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जंगल से 13 हड्डियां बरामद

चार दिन और कुल 14 घंटे दिल्ली पुलिस महरौली के इन जंगलों को छान चुकी है. हालांकि ये जंगल 35 किलोमीटर के दायरे में फैला है. लेकिन जंगल के ज्यादा अंदर जाने की पुलिस को जरूरत नहीं पड़ी. क्योंकि आफताब जो जगह बता रहा था, वो जंगल की शुरुआत में ही था. पुलिस ने जंगल में कुछ झाड़ियां काटी, कुछ झाड़ियों में डंडे घुमाए. जंगल को कदमों से नापा और 13 हड्डियां उसके हाथ लगीं.

हालांकि इसी जंगल में सैकड़ों हड्डियां बिखरी पड़ी हैं. आजतक की टीम को भी जंगल में ऐसी कई हड्डियां नजर आईं. लेकिन पहली नजर में देख कर ऐसा लगता है कि ये हड्डियां किसी जानवर की हैं. अब पुलिस के हाथ जो 13 हड्डियां लगी हैं, वो जानवर की हैं या फिर श्रद्धा की लाश के टुकडे इसके लिए अब पुलिस सांसें रोके फॉरेंसिक रिपोर्ट का इतंजार कर रही है.

श्रद्धा के कपड़ों की तलाश

पुलिस ने आफताब के घर के आस-पास से कूड़ा इकट्ठा करनेवाली दो गाड़ियों की भी पहचान कर ली है. असल में पुलिस की पूछताछ में आफताब ने बताया है कि उसने श्रद्धा की जान लेने के बाद उसकी लाश के टुकड़े करने से पहले उसके कपड़े उतार दिए थे. और ये कपड़े उसने अगले दिन कूड़ा उठानेवाली गाड़ी में डाल दिए. जाहिर है आफताब का इरादा हर सबूत मिटा देने का था.

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अब आफताब के इस खुलासे के बाद पुलिस ने ना सिर्फ उस इलाके में कूडा उठानेवाले दोनों गाड़ियों की पहचान कर ली है, बल्कि ये गाड़ियां कूड़ा इकट्ठा करने के बाद जिस डंप यार्ड में कूड़ा डालती है, उसकी भी पहचान कर ली गई है. अब पुलिस की कोशिश इन कूड़े वाली जगहों पर श्रद्धा के कपड़ों तलाश करने की होगी, ताकि सबूतों की ये कड़ी भी मुकम्मल की जा सके. हालांकि कूड़े के घर में श्रद्धा के कपड़ों का कितना हिस्सा बचा होगा और उससे कैसे फॉरेंसिक सबूत इकट्ठा किए जा सकेंगे, ये अपने-आप में एक बड़ा सवाल है.

(इनपुट- आजतक ब्यूरो)

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