Sidhu Moose Wala Murder: पंजाब के मनसा जिले में रविवार शाम तक सब सामान्य था. लेकिन अचानक ही एक सड़क गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठी. एक काली महिंद्रा थार पर तीन गाड़ियों में मौजूद बदमाश ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे. कोई कुछ समझ पाता इससे पहले बदमाश वहां से भाग गए. बाद में जब लोगों ने पास जाकर देखा तो सबकी आंखे सन्न रह गई.
गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर मूसा पिंड की जान सिद्धू मूसेवाला मौजूद थे, जिन्हें बदमाशों ने गोलियों से भून डाला था. गाड़ी के शीशे गोलियों की वजह से चकनाचूर हो चुके थे. गाड़ी की हालत ऐसी थी मानों परखच्चे उड़ गए हों. ड्राइविंग सीट पर सिद्धू बिल्कुल बेसुध पड़े थे, शरीर के कई अंगों से खून निकल रहा था.
सिंगर के साथ में दो और लोग मौजूद थे जो घायल थे. मूसा मनसा जिले में पड़ने वाला गांव है, इसी के नाम पर शुभदीप सिंह ने अपना नाम बदलकर सिद्धू मूसेवाला रख लिया था.
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सीसीटीवी में कैद हुईं संदिग्ध कारें
सिद्धू मूसेवाला पर हमला किसने किया यह अबतक साफ नहीं था. इस बीच कुछ सीसीटीवी फुटेज सामने आईं. इसमें पता चला कि एक बोलेरो गाड़ी समेत तीन कार सिद्धू की कार के आगे पीछे थीं. उनमें से दो गाड़ियों ने आगे से सिद्धू मूसेवाला की गाड़ी को रोका. फिर तीनों कारों से उतरे लोगों ने उनपर गोलियों की बारिश कर दी.
हमले के वक्त कोई कुछ नहीं कर पाया. यहां तक कि सिद्धू के पिता बलकौर सिंह दूसरी गाड़ी में पीछे ही आ रहे थे लेकिन जबतक वह बेटे के पास पहुंचे तो बहुत देर हो चुकी थी. सिद्धू के पिताजी ने बताया कि उनका बेटा दो दोस्तों के साथ थार गाड़ी में बिना सिक्योरिटी के, बुलेट प्रूफ कार के बिना निकला था.
पिता को बेटे की चिंता हुई. वह सिक्योरिटी गार्ड्स को लेकर दूसरी गाड़ी में सिद्धू के पीछे गए. उन्होंने सिद्धू का पीछा करती कारें देखीं. हमलावरों को भागते भी देखा था. उन्होंने ही हमले के बाद चीख-पुकार करके लोगों को इकट्ठा किया जो सिद्धू समेत तीनों को हॉस्पिटल लेकर गए. यहीं सिद्धू को मृत घोषित किया गया.
लॉरेंस बिश्नोई का आया नाम
सिद्धू पर हमला किसने और क्यों किया इसपर अभी कयास ही लगाये जा रहे थे. इसी बीच पंजाब बेस्ड गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के एक फेसबुक पेज ने हमले की जिम्मेदारी ली. कहा गया कि सिद्धू की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस और उनका भाई गोल्डी बराड़ लेते हैं. बता दें कि लॉरेंस कुख्यात गैंगस्टर है जो फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. उसके नीचे करीब 700 गुर्गे काम करते हैं. वहीं गोल्डी कनाडा बेस्ट गैंगस्टर है.
AN-94, 8-10 हमलावर, 30 से ज्यादा गोली
सिद्धू मूसेवाला पर हुआ हमला कितना घातक था इसको फोटोज के जरिये आसानी से समझा जा सकता है. बाद में पुलिस ने बताया कि हमले में कुल तीन हथियारों का इस्तेमाल किया गया था. ये हथियार कौन-कौन से थे इनकी जांच अभी जारी है.
वहीं सूत्रों ने बताया कि हमले में इस्तेमाल एक हथियार AN-94 असॉल्ट राइफल थी. पुलिस की मानें तो ये पहली मर्तबा है, जब पंजाब के किसी गैंगवार में AN-94 रायफल का इस्तेमाल किया गया है. 8 से 10 हमलावरों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था. उन्होंने 30 से 35 गोलियां चलाई थीं, जिसमें से 8 गोली सिद्धू को लगी थीं.
पिता ने लगाये क्या आरोप
मानसा पुलिस ने इस सिलसिले में सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह के बयान पर क़त्ल की एफआईआर दर्ज की है. बलकोर सिंह ने बताया है कि उनके बेटे को अक्सर गैंगस्टर रंगदारी टैक्स वसूलने के लिए धमकियां दिया करते थे. गैंगस्टर लॉरेंस के गैंग से भी फोन आते थे.
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गैंग्स के बीच दुश्मनी ने ली सिद्धू की जान?
सिद्धू मूसेवाला के कत्ल में नॉर्थ इंडिया के अलग-अलग गैंग्स के बीच दुश्मनी की पेचीदा कहानी छुपी है. उसके कत्ल की साज़िश तिहाड़ जेल से रची गई. साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए तिहाड़ में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की कनाडा में बैठे दूसरे गैंगस्टर गोल्डी बरार से फोन पर बात हुई. फिर रेकी की गई और शार्प शूटर्स का इंतज़ाम किया गया.और फिर घात लगा कर सिद्धू मूसेवाला का क़त्ल कर दिया गया.
अब तक की छानबीन में पता चला है कि तिहाड़ में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने ही इस कत्ल की साज़िश रची और इसके लिए उसने कनाडा में मौजूद अपने साथी गोल्डी बराड़ के साथ जेल से ही चोरी छिपे वर्चुअल नंबरों के जरिए कई बार बात की.
यही वजह है कि अब पंजाब पुलिस तिहाड़ जेल में बंद पंजाब के गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी में है, ताकि इस मर्डर केस के बारे में और गहरी जानकारी मिल सके और क़त्ल का मोटिव और साफ़ हो सके. पुलिस ने मानसा से ही छह संदिग्ध लोगों को गिरफ़्तार किया है, जिनसे मूसेवाला मर्डर केस में पूछताछ की जा रही है.
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अब सवाल यह भी उठता है कि लॉरेंस बिश्नोई ने सिद्धू की हत्या करवाई क्यों? इसके पीछे 7 अगस्त 2021 को हुए विक्की मिद्दुखेड़ा मर्डर को वजह बताया जा रहा है, जिसका बिश्नोई गैंग बदला लेना चाहता था. विक्की लॉरेंस का करीबी था. दविंदर बंबीहा गैंग ने उसका मर्डर करवा दिया था. आरोप है कि मिड्डूखेड़ा हत्याकांड में शामिल शूटरों को मूसेवाला ने पनाह दी थी, जिसका बदला बिश्नोई गैंग ने लिया.
शाहरुख को दी गई थी सुपारी लेकिन फेल हुआ
लॉरेंस और गोल्डी बराड़ ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की सुपारी शाहरुख नाम के अपराधी को दी थी. लेकिन उसे स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया है. उसने माना कि पहले भी सिद्धू को मारने की कोशिश की थी लेकिन तब सुरक्षाकर्मियों को देखकर ये गैंगस्टर लौट गए थे.
पूछताछ में शाहरुख ने कुल 8 नाम बताये हैं, जिनपर उसने हत्यारों की मदद करने का आरोप लगाया है. इसमें पंजाबी सिंगर मनकीरत औलख के मैनेजर का नाम भी शामिल है. शाहरुख ने कहा कि वह भोला (हिसार का रहने वाला) और सोनू काजल (नारनौंद, हरियाणा) के साथ मूसेवाला के गांव गया था. लेकिन जब उसने वहां 4 पीएसओ AK-47 के साथ तैनात देखे तो उन्होंने हत्या का प्लान ड्रॉप कर दिया.
तब गोल्डी ने उनको सिद्धू की हत्या के लिए UZI हथियार दिये थे. फिर शाहरुख ने हत्या के काम को अंजाम देने के लिए AK-47 और बियर स्प्रे की मांग की.
फिर शाहरुख इस काम से अलग हो गया. अब दावा किया जा रहा है कि सिद्धू के मर्डर में अब वही बोलेरो कार इस्तेमाल हुई है जिसे भोला और सोनू रेकी के दौरान इस्तेमाल करते थे. पूछताछ में कुल 8 नाम सामने आए हैं, जिन्होंने सिद्धू मूसेवाला के हत्यारों की मदद की
1. गोल्डी बराड़
2. लॉरेंस बिश्नोई
3. सचिन (मनकीरत औलख)
4. जग्मू भगवानपुरिया
5. अमित काजला
6. सोनू काजल और बिट्टू (दोनों हरियाणा के)
7. सतेंदर काला (फरीदाबाद सेक्टर 8)
8. अजय गिल
शाहरुख ने किया था साजिश का खुलासा
हासिम बाबा और लारेंस तिहाड़ में हैं. तिहाड़ से ही हासिम ने शाहरुख की बात लॉरेंस बिश्नोई से करवाई. फिर लॉरेंस ने गोल्डी बराड़ से शाहरुख का सम्पर्क करवाया. फिर कनाडा से गोल्डी ने शाहरुख को हत्या की साजिश में शामिल किया.
इससे पहले शाहरुख कुछ करता स्पेशल सेल ने उसको दिल्ली के एक मुकद्दमे में दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. इसके ऊपर 2 लाख का ईनाम था लेकिन गिरफ्तारी से पहले वह मूसेवाला के घर-गांव की रेकी में शामिल रहा था. गिराफ्तारी के बाद शाहरुख ने दिल्ली पुलिस को पंजाब के रची जा रही बड़ी साजिश के बारे में बताया था.
एक गाड़ी, दो नंबर प्लेट
इस बीच जांच तेज हो चुकी थी. एक कार को हमलावर मौके पर ही छोड़कर फरार हो गए थे. इस बोलेरो गाड़ी पर दिल्ली नंबर की प्लेट लगी थी. जो कि फर्जी पाई गई. गाड़ी के अंदर पंजाब रजिस्ट्रेशन की नंबर प्लेट भी पाई गई. अभी गाड़ी की जांच जारी है.