Sidhu Moosewala Murder: सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस की जांच कर रही पुलिस को कुछ कामयाबी हासिल हुई है. दिल्ली पुलिस और महाराष्ट्र पुलिस की टीम ने कल बुधवार को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के खास शूटर सिद्धेश हीरामल काम्बले उर्फ सौरव महाकाल को पुणे से गिरफ्तार किया था. पुलिस को उम्मीद है कि वह नए राज उगलेगा.
बताया जा रहा है कि जिस शूटर ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की, महाकाल उसका काफी करीबी है और दोनों मिलकर कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुके हैं. सौरभ महाकाल का इस हत्या में बाहर से रोल था. इसको पता था की मूसेवाला की हत्या होने वाली है. इसके साथ के लोग उसमे शामिल भी थे. इसने पूछताछ में 2-3 लोगों के नाम और बताए हैं. अब महाराष्ट्र पुलिस और दिल्ली पुलिस मिलकर महाकाल से एक-एक राज उगलवाएगी.
सौरव महाकाल को दरअसल पुलिस ने दूसरे केस में पकड़ा है. उसे 24 वर्षीय ओंकार बांखेले उर्फ रान्या की हत्या के सिलसिले में अरेस्ट किया गया है लेकिन अब मूसेवाला मर्डर केस में उससे पूछताछ होगी. बांखेले की पिछले साल 1 अगस्त को महाराष्ट्र में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. महाकाल ने इस हत्या में संतोष जाधव की मदद की थी.
पंजाब पुलिस दावा कर रही है कि उसने मूसेवाला के कातिलों को पकड़ने के लिए 6 टीमें बनाई हैं, जो तीन अलग अलग राज्यों में मूसेवाला के कातिलों को तलाश रही हैं. इसी कड़ी में पंजाब पुलिस ने महाराष्ट्र, राजस्थान और पंजाब से 8 शार्प शूटरों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद भी कुछ गिरफ्तारी हुई थी. अबतक 12 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.
पंजाब पुलिस की मानें तो राजस्थान से मूसेवाला के मर्डर के लिए हथियार शार्प शूटर्स को सप्लाई किये गए. पंजाब पुलिस को लगता है कि 8 शार्प शूटर्स में से 3 शार्प शूटर्स ने मूसेवाला का कत्ल किया है. इसमें -
इसके अलावा पंजाब पुलिस ने जिन 5 शार्प शूटर को अरेस्ट किया है, उनमें मंजित उर्फ भाऊ औऱ प्रियावरत उर्फ फौजी हरियाणा में सोनीपत के रहने वाले हैं. जबकि सौरव महाकाल औऱ संतोष जाधव का ताल्लुक महाराष्ट्र के पुणे से है और आठवां शूटर सौरभ बनूदा है, जिसको राजस्थान के सीकर से गिरफ्तार किया गया है.
इन 8 शार्प शूटर्स के अलावा पंजाब पुलिस अभी विजय, राका और रंजीत को भी खोज रही है, ये सभी राजस्थान के रहने वाले हैं. बताया जा रहा है कि इन्हीं लोगों ने गैंगस्टर बिश्नोई के इशारे पर मूसेवाला के मर्डर के लिए हथियार सप्लाई करवाए थे. पुलिस सूत्रों की मानें तो जिन हथियारों का इस्तेमाल मूसेवाला का मारने के लिए हुआ, वो पाकिस्तान से लाए गए थे.
अभी तक की जांच में ये बात सामने आयी है कि सिद्धू मूसेवाला पिछले 5 महीने से गैंग्स्टर लॉरेंस बिश्नोई का टारगेट पर था. जांच में ये भी पता चला है कि मूसेवाला के मर्डर को अंजाम देने के लिए दो लोगों ने रेकी की थी. पहली रेकी इसी साल जनवरी में प्रभदीप सिद्धू उर्फ पब्बी ने की थी. मुखबिर पब्बी ये ये रेकी गैंग्स्टर गोल्डी बराड़ ने करवाई थी.
जबकि दूसरी रेकी भी गैंग्स्टर गोल्डी बराड़ के इशारे पर ही करवाई गई और ये रेकी संदीप सिंह उर्फ केकड़ा और निक्का सिंह उर्फ निक्कू ने की थी. पुलिस ने केकड़े को सिरसा से पकड़ा है, जबकि निक्का तरन तारण से पकड़ा गया है.
पुलिस की मानें तो केकड़ा और निक्का दोनों अकसर मूसेवाला के गांव मूसा जाया करते थे, खासकर जब वहां कबड्डी का आयोजन होता था, केकड़ा की मौसी मूसा गांव में ही रहती है. केकड़ा शार्प शूटर जगरूप उर्फ रूपा के इशारे पर काम कर रहा था, और ये तीनों 29 मई यानी जिस दिन मूसेवाला का मर्डर हुआ, बाइक पर मूसा गांव आए थे. उस दिन शूटर रूपा मूसेवाला के घर से कुछ दूरी पर उतर गया था, ताकि वो मूसेवाला का पीछा कर सके.
जबकि केकड़ा मूसेवाला की मिनट दर मिनट सारी जानकारी कनाडा में बैठे गैंग्स्टर गोल्डी बराड़ को पहुंचा रहा था. सूत्रों की मानें तो गोल्डी बराड़ फोन पर मूसेवाला के घर में काम करने वाली किसी महिला से भी बातचीत कर रहा था.