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सिंघु बॉर्डर पर हत्या की निहंग समूह निर्वेर खालसा-उड़ना दल ने ली जिम्मेदारी, कहा- बेअदबी के चलते मारा

सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के मंच के पास हुई शख्स की हत्या (Singhu Border Murder Case) की जिम्मेदारी निहंग समूह निर्वेर खालसा-उड़ना दल (Nirvair Khalsa -Udna Dal) ने ली है. निहंग समूह ने कैमरे पर स्वीकार किया है कि उन्होंने ही 35 साल के दलित शख्स की हत्या कर दी.

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बलविंदर सिंह
बलविंदर सिंह
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'बेअदबी के चलते सिंघु बॉर्डर पर की शख्स की हत्या'
  • निहंग समूह के बलविंदर सिंह ने कहा- रात तीन बजे हुई घटना

सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के मंच के पास हुई शख्स की हत्या (Singhu Border Murder Case) की जिम्मेदारी निहंग समूह निर्वेर खालसा-उड़ना दल (Nirvair Khalsa -Udna Dal) ने ली है. निहंग समूह ने कैमरे पर स्वीकार किया है कि उन्होंने ही 35 साल के दलित शख्स की हत्या कर दी. निर्वेर खालसा-उड़ना दल के पंथ-अकाली बलविंदर सिंह ने वीडियो में कहा कि देर रात तीन बजे शख्स को मारा गया. उसने धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी की थी और अगर कोई और भी ऐसा करेगा तो उसके साथ भी वैसा ही व्यवहार होगा, जैसा कि 35 वर्षीय शख्स के साथ किया गया.  

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सामने आए वीडियो में निहंग समूह के बलविंदर सिंह ने कहा, ''जो कोई भी अपवित्रता के कृत्य में लिप्त होगा, हम उसके साथ ऐसा ही व्यवहार करेंगे. हम किसी पुलिस, प्रशासन से संपर्क नहीं करेंगे.'' बलविंदर ने बताया कि मृतक कुछ दिन पहले ही वहां पर आया था. पहले शख्स ने शिविर में सेवा की, जिससे वह उन लोगों का विश्वास जीतने में कामयाब हो गया. प्रकाश प्रार्थना (लगभग 3 बजे) से पहले उसने पवित्र ग्रंथ को ढकने के लिए रखे गए कपड़े को हटा दिया और अपमान किया.''

वीडियो में आगे दावा किया गया कि पवित्र ग्रंथ का अपमान करने के बाद शख्स वहां से भाग गया, जिसके बाद निहंगों ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया. उसे एक प्राइवेट अस्पताल के पास पकड़ लिया गया. लोगों ने उसके ऊपर हमला कर दिया और उसके पास से पवित्र ग्रंथ भी बरामद किया गया.

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सुबह मिला था शख्स का शव

सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनकारियों के मंच के पास से शुक्रवार सुबह एक शख्स का शव मिला था. दलित शख्स की पहचान लखबीर सिंह के नाम से हुई थी, जोकि पंजाब के तरन-तारन जिले के चीमा खुर्द गांव का रहने वाला था. शख्स के शव से हाथ को काटकर अलग कर दिया गया था और फिर शव को बैरिकेड पर लटका दिया गया. सुबह शव के मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी. बाद में पता चला था कि हरनाम सिंह ने लखबीर को गोद लिया था जब वह 6 महीने का था. हरनाम सिंह लखबीर के फूफा हैं. जबकि लखबीर के असल पिता का नाम दर्शन सिंह था. लखबीर की उम्र 35-36 साल बताई जा रही है. लखबीर सिंह के माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी. उसकी एक बहन है राज कौर. लखबीर की पत्नी जसप्रीत कौर उसके साथ नहीं रहती थी. जसप्रीत के साथ ही तीनों बेटियां भी रहती थीं. 

 

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