
हरियाणा में भिवानी जिले के तोशाम थाने में तैनात ईएचसी पिछले 70 दिनों लापता था. तोशाम थाने में ही उसके गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. उस दिन से लगातार ईएचसी जसबीर की तलाश में पुलिस लगातार जुटी हुई थी. दो महीने के ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद जसबीर का कंकाल मिला था. कंकाल पर मौजूद कपड़े के आधार पर उसे जसबीर का बताया गया. लेकिन परिजनों ने डीएनए टेस्ट की मांग की है. साथ ही हत्या का केस दर्ज करते हुए विजिलेंस जांच कराए जाने की मांग की है.
दादरी सिविल अस्पताल के पीछ कंकाल मिलने की सूचना मिली थी. कंकाल से मिले कपड़ों के आधार पर उसे जसबीर का बताया गया. परिवार को सूचना दी गई. अस्पताल पहुंचने पर परिवार ने शव जसबीर का ना होने की बात कही. परिवार के लोगों ने अस्पताल में जमकर बवाल किया.
जसबीर के परिवार के लोगों ने कहा ढाई महीने बाद जाने किसके कंकाल को पुलिस जसबीर का बता रही है. हम चाहते हैं कि कंकाल का डीएनए टेस्ट हो. हत्या का मामला दर्ज कराया जाए और केस विजिलेंस को सौंपा जाए.
परिजनों की इस मांग पर पुलिस जांच अधिकारी सुखबीर जाखड़ ने कहा कि कंकाल का डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा. रिपोर्ट आने के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी.
समन लेकर निकला था जसबीर
ईएचसी जसबीर तोशाम थाना से समन लेकर बीती 26 अगस्त को निकला था. इसके बाद उसका ना तो पुलिसकर्मी से संपर्क हुआ था और ना ही परिवारवालों से. एक दो दिन इंतजार करने के बाद उसके नाम की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई गई थी.
अंतिम लोकेशन दादरी में मिली थी
पुलिस की जांच में जसबीर की अंतिम लोकेशन दादरी की मिली थी, लेकिन इससे आगे उसके बारे में कोई जानकारी पुलिस को नहीं मिल पाई थी. भिवानी पुलिस ने दादरी पुलिस के साथ मिलकर जांच की तो दादरी सिविल अस्पताल के पिछली तरफ से गुजर रही सड़क से करीब 30 मीटर अंदर एक कंकाल बरामद किया.
अलग-अलग मिली अंगों की हड्डियां
कंकाल मिलने की जानकारी पर डीएसपी हेडक्वार्टर वीरेंद्र सिंह, तोशाम थान प्रभारी इंस्पेक्टर सुखबीर जाखड़, दादरी सिटी थाना कार्यवाहक प्रभारी एसआई राजकुमार अपनी टीम समेत कंकाल मिलने वाली जगह पहुंचे थे. बाद में बड़े स्तर पर उस इलाके में सर्च अभियान चलाया गया था. इस दौरान पुलिस ने घटनास्थल से मृतक की खोपड़ी और शरीर के अन्य अंगों की हड्डियां अलग-अलग जगहों से बरामद की थी.
(रिपोर्ट- प्रदीप साहू)