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2 बीवी, 6 गर्लफ्रेंड, 9 बच्चे...5वीं पास पीओपी मजदूर ऐसे लगाता था लाखों का चूना, यूं बना वॉन्टेड क्रिमिनल

फॉल्स सीलिंग करने वाला एक शख्स काम छूटने पर सोशल मीडिया पर रील्स बनाने लगा. पहचान बनी, पैसे भी आए, लेकिन बढ़ते खर्चों ने उसे क्रिमिनल बना दिया. वो लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठगने लगा. उसके खिलाफ आधा दर्जन से अधिक केस दर्ज हो गए. आखिरकार एक दिन पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पुलिस के सामने उसने जो राज खोले उसे सुनकर हर कोई दंग है.

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर से पकड़ा गया एक हैरतअंगेज ठग.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर से पकड़ा गया एक हैरतअंगेज ठग.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का सरोजनी नगर इलाका. यहां स्थित एक फाइव स्टार होटल का लग्जरी रेस्टोरेंट. एक शख्स अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ डिनर कर रहा था. परिवार के बीच नए साल का जश्न मनाने के लिए विदेश जाने की चर्चा चल रही थी. बेटे सिंगापुर जाने की जिद्द कर रहे थे, तो बीवी दुबई जाने की बात कह रही थी. अभी डेस्टिनेशन तय भी नहीं हो पाया था कि अचानक वहां पुलिस आ गई. कोई कुछ समझ पाता उससे पहले पुलिस ने उस शख्स को अपनी गिरफ्त में ले लिया. पत्नी और बच्चों को घर जाने के लिए कहकर पुलिस उसे लेकर थाने आई. वहां पूछताछ के दौरान जो खुलासा हुआ, उसे सुनकर लोग दंग रह गए. 

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दरअसल, पुलिस की गिरफ्त में आए इस शख्स का नाम अजीत मौर्य उर्फ रमेश कुमार है.  ये उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले का रहने वाला है. इसने पांचवीं तक पढ़ाई की है. साल 1999 में छठी क्लास में फेल होने के बाद परिजनों के दबाव में आकर नौकरी की तलाश में मुंबई चला गया. वहां एक ठेकेदार के पास रहकर पीवीसी फॉल्स सीलिंग का काम करने लगा. इसी दौरान उसकी मुलाकात संगीता नामक एक महिला से हुई. दोनों के बीच प्यार हो गया. साल 2000 में दोनों ने शादी कर ली. इन दोनों के सात बच्चे हैं. साल 2010 तक इनकी जिंदगी खुशहाल कटी, लेकिन इसी दौरान उसका काम छूट गया. इधर-उधर हाथ-पैर मारने के बाद काम नहीं मिला तो गोंडा लौट आया.

मुंबई में पीओपी का काम करते हुए सीखे ठगी के गुर
मुंबई में रहने के दौरान अजीत कुछ ऐसे लोगों के संपर्क में आया, जो ठगी का काम किया करते थे. उन लोगों के साथ रहते-रहते इसने भी ठगी के गुर सीख लिए. गांव वापस आने के बाद इसने धोखाधड़ी का धंधा शुरू करने का प्लान बनाया. इसके लिए लखनऊ चला आया. यहां अपने दो साथियों प्रतापगढ़ के राजेश कुमार और अंबेडकर नगर के दीपक गुप्ता के साथ मिलकर उसने एक गैंग बनाया. इसमें मुंबई में रहने वाला सूरज कुमार भी उनका पार्टनर बन गया. सूरज फोन के जरिए शिकार की तलाश करता. उसे अपने जाल में फंसाकर अजीत, राजेश और दीपक से संपर्क कराता. ये तीनों पैसे डबल करने का लालच देकर शिकार को लखनऊ बुलाते.

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असली-नकली नोट का जाल, पैसे डबल करने का लालच 
पहले शिकार को 100-100 रुपए के असली नोट नकली बताकर दे दिए जाते. उससे कहा जाता कि इसे ले जाकर बाजार में चलाओ. नोट चूंकि असली होते तो आसानी से चल जाते थे. इसके बाद शिकार को उन पर भरोसा हो जाता. फिर बड़ी संख्या में पैसों की डिमांड की जाती. उन पैसों को डबल करने का वादा किया जाता. शिकार जब पैसे लेकर आता तो उसे नकली नोटों से भरा बैग देकर आरोपी फुर्र हो जाते. बैग खोलने के बाद शिकार ठगा रह जाता. इस तरह गैंग ने कई लोगों को ठगा. इनके खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हुए. लेकिन ये पुलिस की गिरफ्त में आने से बचते रहे. इसी दौरान इन्होंने उन्नाव के रहने वाले धर्मेंद्र कुमार को अपने जाल में फंसा लिया.

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लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के आयुक्त विनीत जायसवाल के नेतृत्व में गठित टीम ने इस मामले का पर्दाफाश किया है.

तीन लाख रुपए लेकर नकली नोट का बैग पकड़ा दिया
26 नवंबर को धर्मेंद्र कुमार को तीन लाख रुपए के बदले छह लाख देने का वादा करके लखनऊ बुलाया गया. धर्मेंद्र पैसे लेकर पहुंचे तो उन्हें ताला बंद एक बैग दिया गया. इसके बाद आरोपी ये कहकर जल्दीबाजी दिखाने लगे कि पीछे पुलिस लगी है, इसलिए वो बैग कहीं दूसरी जगह जाकर खोले. पीड़िता को उन पर इतना भरोसा हो चुका था कि वो बैग लेकर चला गया. उसने जब बैग खोला तो उसके होश ही उड़ गए. नोटों के बंडल में केवल उपर और नीचे असली नोट थे, बाकी सब नकली थे. इसके बाद उन्होंने सरोजनी नगर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए अजीत को वारदात के कुछ दिन बाद ही गिरफ्तार कर लिया. उसके दोनों साथी फरार बताए जा रहे हैं. 

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पोंजी स्‍कीम, नकली नोट, फर्जी इंश्‍योरेंस से लाखों की ठगी
पुलिस ने अजीत के पास से 2.15 लाख रुपए नकद, 3 मोबाइल फोन, नकली कूपन नोट और एक स्कॉर्पियों गाड़ी बरामद की है. उसके खिलाफ पोंजी स्‍कीम, नकली नोट सर्कुलेशन, फर्जी इंश्‍योरेंस स्‍कीम सहित कई तरह के फर्जीवाड़े का आरोप है. उसके खिलाफ गोंडा के खोड़ारे थाना में आईपीसी की धारा 363, 452, 323, 504 और 506 (मुकदमा संख्या 345/2016), लखनऊ के मोहनलालगंज थाना में आईपीसी की धारा 406, 420, 47 (मुकदमा संख्या 73/2020), आईपीसी की धारा 406, 411, 419, 420, 467, 468, 471 (मुकदमा संख्या 599/2020), लखनऊ के कृष्णा नगर थाना में आईपीसी की धारा 182, 34, 406, 420 (मुकदमा संख्या 221/2021) के तहत केस दर्ज है.

2 बीवी, 6 गर्लफ्रेंड, 9 बच्चे, लग्जरी लाइफ के लिए बना ठग
बताया जा रहा है कि लखनऊ में ठगी का रैकेट चला रहे अजीत मौर्य की मुलाकात सुशीला नामक एक महिला से हुई. वो उसके ठगी के काम में मदद किया करती थी. अजीत ने सुशीला से भी शादी कर ली. इसी से उसके दो बच्चे हैं. वो जिस दिन गिरफ्तार हुआ, उस दिन सुशीला और बच्चों के साथ ही होटल में बैठकर डिनर कर रहा था. अजीत ने अपनी दोनों बीवियों के लिए अलग-अलग आलीशान घर बनवाया है. उनको लग्जरी सुविधाएं देता है. खुद लखनऊ के पॉश इलाके में किराए पर अपार्टमेंट लेकर रहता है. अपनी सुविधा के अनुसार दोनों बीवियों से अलग-अलग मिलता है. इतना ही नहीं उसकी छह गर्लफ्रेंड भी हैं, जो उसके अपार्टमेंट पर आती-जाती रहती हैं. वो उनके साथ हॉलीडे पर बाहर भी जाता है.

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लग्जरी लाइफ दिखाकर ऐसे बना सोशल मीडिया इन्‍फ्लूएंसर
अजीत मौर्य की आलीशान और अय्याश जिंदगी के खर्चे इतने बढ़ गए कि उसने लोगों के साथ ठगी का काम शुरू कर दिया. वो पिछले एक दशक से अपराध कर रहा था, लेकिन पुलिस की नजर उस पर तब पड़ी जब उन्नाव के धर्मेंद्र कुमार ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. पुलिस जांच में पता चला है कि अजीत सोशल मीडिया इन्‍फ्लूएंसर भी है. वो फेसबुक और इंस्टाग्राम पर रील्स और वीडियो बनाकर अपलोड करता है. उसकी लग्जरी लाइफ को लोग खूब देखते हैं. उसके अच्छे खासे फॉलोवर्स भी हैं. पुलिस जांच में ये भी पता चला है कि अजीत और उसके साथी नेपाल से नकली नोट लेकर आते थे. पुलिस इस रूट का भी पता लगाने में जुटी है कि आखिर नेपाल से नोटों की सप्लाई कैसे हो रही है.

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