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पश्चिम बंगालः नौकरी का लालच देकर लड़कियों को बिहार में बेचा, वैश्यावृत्ति का बनाते थे दबाव

तस्करी करने वाले गिरोह से मुक्त होने के बाद युवतियों ने बताया कि आरोपी लीलू दास ने उन्हें नौकरी का लालच दिया. इसके बाद वह युवतियों को बर्दवान से बिहार ले गया. जहां उसने पैसे लेकर उन्हें बेच दिया. 

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मानव तस्करों के चुंगुल से छूटने के बाद महिलाएं को सेफ हाउस ले जाया गया
मानव तस्करों के चुंगुल से छूटने के बाद महिलाएं को सेफ हाउस ले जाया गया

पश्चिम बंगाल के हुगली के चूचूड़ा में 2 युवतियों ने अंतरराज्यीय मानव तस्करी गिरोह का काला चिट्ठा खोल दिया है. दरअसल, पुलिस और ह्यूमन राइट्स के कर्मचारियों ने दो लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर मानव तस्करी करने वाले गिरोह के चंगुल से मुक्त कराया है.

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इनमें एक आदिवासी लड़की है जो कि अविवाहित है जबकि दूसरी विवाहित है. युवतियों ने बताया कि उन्हें नौकरी का लालच दिया गया था. लेकिन बाद में बिहार में ले जाकर बेच दिया गया. वहां उन पर वैश्यावृत्ति का दबाव बनाया जाता था.

पुलिस के मुताबिक तस्करी करने वाले गिरोह से मुक्त होने के बाद युवतियों ने बताया कि आरोपी लीलू दास ने उन्हें नौकरी का लालच दिया. इसके बाद वह युवतियों को बर्दवान से बिहार ले गया. जहां उसने पैसे लेकर उन्हें बेच दिया. 

लड़कियों ने बताया कि वहां उनका यौन शोषण किया गया. साथ ही मारपीट की जाती थी. जबरन वेश्यावृत्ति का धंधा करने के लिए दबाव बनाया जाता था. किसी तरह से दोनों युवतियां ट्रेन पकड़ कर बिहार से भागकर चूचूड़ा आ गईं. वह यहां कोर्ट परिसर के बाहर संदेहास्पद स्थितियों में घूमती हुई दिखाई दीं. इसकी सूचना मानवाधिकार के कर्मचारियों को दी गई.

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ह्यूमन राइट्स और पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची. फिलहाल दोनों युवतियों को उत्तरपाड़ा के सेफ होम में रखा गया है. युवतियों से आरोपियों के बारे में पुलिस पूछताछ कर रही है. 

(रिपोर्ट- भोलानाथ साहा) 


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