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Srinagar: सोशल मीडिया पर भारत विरोधी पोस्ट करने के आरोप में कट्टरपंथी गिरफ्तार

जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में सोशल मीडिया पर भारत विरोधी वीडियो और कंटेंट पोस्ट करने के आरोप में एक कट्टरपंथी को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी की पहचान शौकत अहमद डार (28) के रूप में हुई है, जो श्रीनगर के दूध मोहल्ला का निवासी है. वो लगातार आतंकवाद को महिमामंडित करने वाली पोस्ट शेयर कर रहा था.

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आरोपी की पहचान शौकत अहमद डार (28) के रूप में हुई है.
आरोपी की पहचान शौकत अहमद डार (28) के रूप में हुई है.

जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में सोशल मीडिया पर भारत विरोधी वीडियो और कंटेंट पोस्ट करने के आरोप में एक कट्टरपंथी को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी की पहचान शौकत अहमद डार (28) के रूप में हुई है, जो श्रीनगर के दूध मोहल्ला का निवासी है. वो लगातार आतंकवाद और आतंकी संगठनों के कमांडरों को महिमामंडित करने वाली पोस्ट शेयर कर रहा था.

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काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) के एक प्रवक्ता ने बताया कि शौकत अहमद डार 'शैडी कश्मीर ड्रायफ्रूट्स' नामक फेसबुक अकाउंट चला रहा था. उस पर शांति भंग करने के इरादे से राष्ट्र विरोधी पोस्ट शेयर करके लोगों की भावनाओं को भड़काता था. सोशल मीडिया कंपनियों की विशेष निगरानी इकाइयों द्वारा उसके कंटेंट को चिह्नित करने के बाद उसे ट्रैक किया जा सका.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी के ऑनलाइन एक्टिविटी के बारे में इनपुट मिलने के बाद तेजी से जांच शुरू की गई. सोशल मीडिया हैंडल के जरिए संदिग्ध की पहचान की गई. आरोपी लगातार अपना लोकेशन बदल रहा था. इस वजह से उस तक पहुंचने में समस्या हो रही थी. डिजिटल उपकरणों की प्रारंभिक जांच से उसके फेसबुक अकाउंट तक पहुंच बन पाई.

उसने सोशल मीडिया पर कई आपत्तिजनक कंटेंट शेयर किया था, जिसमें मारे गए आतंकवादी कमांडर जाकिर मूसा का वीडियो भी शामिल था. मूसा मई 2019 में पुलवामा में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था. आरोपी का कट्टरपंथी गतिविधियों का इतिहास रहा है. उसे पहले साल 2019 में पथराव की घटनाओं में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

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साल 2022 में उसे कट्टरपंथी कंटेंट के ऑनलाइन प्रसार में शामिल होने के आरोप में श्रीनगर के साइबर पुलिस स्टेशन ने हिरासत में लिया गया था. सीआईके ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में खुफिया एजेंसियों के अनुरोध पर सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने कट्टरपंथी प्रचार की निगरानी के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं. इसमें घाटी के लोगों पर विशेष नजर रखी जाती है.

ऑनलाइन कंटेंट मॉनिटरिंग यूनिट को जैसे ही कोई कट्टरपंथी गतिविधि दिखाई देती है, तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को सूचना दी जाती है. खुफिया एजेंसियों और सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा की गई ऐसी संयुक्त कार्रवाइयों से कई कट्टरपंथी मॉड्यूलों का भंडाफोड़ करने और संभावित आतंकवादियों की पहचान करने में मदद मिली है. आरोपी से हिरासत में पूछताछ की जा रही है.

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