ओडिशा में साल 2020 से फरवरी 2025 तक 72 छात्रों ने खुदकुशी की है. सोमवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने ये जानकारी दी है. कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस के एक सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के पीछे कई कारण हैं. इनमें मानसिक दबाव, आरोपियों द्वारा उत्पीड़न, छात्रावासों में फोन का उपयोग करने से मना करना, शैक्षणिक तनाव और दोस्तों के साथ गलतफहमी, घरेलू कलह, प्रेम संबंध और डिप्रेसन शामिल हैं.
मुख्यमंत्री माझी ने यह भी कहा कि छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने, संकट के लक्षण दिखाने वालों की पहचान करने और उनकी काउंसलिंग के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए कई कदम उठाए गए है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि ओडिशा पुलिस ने पिछले 10 साल के दौरान 41 बांग्लादेशियों के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए हैं. बीजेपी विधायक मानस दत्ता के सवाल के जवाब में उन्होंने जानकारी दी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कुल 3,738 बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की गई है. सबसे अधिक 1,649 अवैध बांग्लादेशी केंद्रपाड़ा में पाए गए, जगतसिंहपुर में 1,112, मलकानगिरी में 655, भद्रक में 199, नबरंगपुर में 106 और भुवनेश्वर में 17 पाए गए है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को तहसील, ब्लॉक और स्थानीय स्तर पर टीमें गठित करने को कहा है, ताकि घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें वापस देश भेजा जा सके.
उन्होंने विधानसभा को यह भी बताया कि बालासोर जिले में अब तक किसी भी अवैध बांग्लादेशी अप्रवासी की पहचान नहीं की गई है. हालांकि, जिले में पांच बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें कई मामले विचाराधीन हैं. ओडिशा पुलिस के विशेष कार्य बल ने रविवार को 10 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा, जो बिना वीजा या पासपोर्ट के अवैध रूप से भारत में घुस आए थे. इसमें 6 पुरुष, 3 महिलाएं और एक नाबालिग को पकड़ा गया है.
बताते चलें कि एक मार्च को ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में पत्तामुंडाई कॉलेज की 12वीं की छात्रा ने खुदकुशी कर ली थी. आरोप है कि लड़की ने एक टीचर द्वारा यौन शोषण से तंग आकर ये कदम उठाया था. छात्रा की मां ने एक परीक्षक पर उनकी बेटी के साथ अनुचित आचरण का आरोप लगाया था. उनका दावा था कि इसी वजह से उनकी बेटी को यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा. पत्तामुंडाई ग्रामीण पुलिस ने शिकायत मिलने पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया है.
शिकायत के अनुसार, लड़की 19 फरवरी को पत्तामुंडाई कॉलेज में परीक्षा दे रही थी, जब कॉपी जांच के लिए परीक्षक उसे एक कमरे में ले गया. वहां उसने उसका यौन उत्पीड़न किया. इसके चलते इमोश्नल ट्रॉमा से जूझते हुए उसने 24 फरवरी को अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. इस मामले में उसके परिजनों द्वारा एक मार्च को शिकायत दर्ज कराई गई थी. इस घटना ने अभिभावकों के मन में चिंता पैदा कर दी है. छात्रों के लिए सख्त सुरक्षा उपायों की मांग की जा रही है.