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सुकेश चंद्रशेखर ने फिर शुरू किया जेल से 'खेल', स्टाफ के लिए कैदी के भाई के अकाउंट में डाले पैसे

सुकेश ने जेल से जुड़े दर्जनभर स्टाफ को रिश्वत देकर जेल में ऐशो-आराम का साजो सामान जुटाया था. जेल में मोबाइल का इस्तेमाल कर वहीं से 200 करोड़ से ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया था जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने सुकेश समेत तिहाड़ प्रशासन से जुड़े अधिकारियों को गिरफ्तार किया था.

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Sukesh Chandrashekar
Sukesh Chandrashekar
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जेल में आजादी के मजे ले रहा सुकेश
  • कैदी के भाई के अकाउंट में डाले पैसे

जेल में बैठकर 200 करोड़ से ज्यादा की ठगी को अंजाम देने वाला सुकेश चंद्रशेखर एक बार फिर तिहाड़ जेल पहुंच चुका है. जेल में कुछ दिन तक शांत रहने के बाद उसने अपना पुराना खेल फिर से शुरू कर दिया है.

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तिहाड़ के डीजी संदीप गोयल के मुताबिक उन्हें जानकारी मिली थी कि सुकेश ने जेल नंबर-4 के एक स्टाफ को रिश्वत देने के लिए एक कैदी के भाई के अकाउंट में 1 लाख 25 हजार रुपए ट्रांसफर किए थे. डीजी ने कहा कि हमने जांच शुरू कर दी है और जेल प्रशासन के 3 स्टाफ का ट्रांसफर कर दिया है और सुकेश को दूसरे जेल में ट्रांसफर कर दिया है. 

यहां हम आपको बता दें कि सुकेश ने जेल के दर्जन भर अधिकारों को रिश्वत देकर जेल में ऐशो आराम का साजो सामान जुटाया था .और तो और जेल में मोबाइल का इस्तेमाल कर 200 करोड़ से ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने सुकेश समेत तिहाड़ प्रशासन से जुड़े अधिकारियों को गिरफ्तार किया था. लेकिन एक बार फिर सुकेश उसी जेल में पहुंच चुका है और जेल से उसका खेल फिर शुरू हो चुका है.

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रोहिणी जेल के सात मुलाज़िम और अफसर तो पहले ही सुकेश की मदद कर भ्रष्टाचार फैलाने के इल्ज़ाम में सलाखों के पीछे जा चुके हैं, वहीं हाल में खबर आई है जेल के 82 और मुलाज़िम अब दिल्ली पुलिस के रडार पर हैं.

जेल के उन सभी कर्मचारियों पर इल्ज़ाम है कि उन्होंने सिक्कों की खनक के सामने अपना ईमान गिरवी रख दिया और रोहिणी जेल में बंद जालसाज सुकेश चंद्रशेखर को जेल में हर वो सुविधा मुहैया करवाई, जो आजादी की जिंदगी में किसी आम आदमी को नहीं बल्कि रईसों को नसीब होती है. ऊपर से तुर्रा ये रहा कि जेल में मिली इन्हीं सुविधाओं की बदौलत वो ना सिर्फ़ अंदर ऐशो-आराम की ज़िंदगी जीता रहा, बल्कि अंदर से ही बैठे-बैठे फ़ोन पर लोगों को ठगता और लूटता रहा. एक अंदाजे के मुताबिक उसकी पोल-पट्टी खुलने से पहले वो हर महीने जेल के अफ़सरों पर करीब दस करोड़ रुपये से ज़्यादा लुटाया करता था.

 

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