सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआई जांच को दो हफ्ते से ज्यादा हो गए हैं. इसी दौरान सुशांत के घरवालों के वकील विकास सिंह ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए खुलासा किया कि उनकी मुवक्किल यानी सुशांत की बहनों ने मुंबई पुलिस को बयान कुछ दिया और मुंबई पुलिस ने लिख कुछ और लिया. यानी सुशांत की बहनों के गलत बयान दर्ज किए गए.
वैसे सुशांत के परिवार ने अब बेशक सुशांत की मौत के पीछे क़त्ल का अंदेशा जताया हो, लेकिन सुशांत के घरवाले पहले इसे खुदकुशी का मामला ही बता रहे थे और इसी आधार पर उन्होंने पहले पटना में अपनी रिपोर्ट भी लिखवाई थी. फिर बाद में सीबीआई ने भी उनकी शिकायत के आधार पर इस मामले में एबेटमैंट टू सुसाइड यानी खुदकुशी के लिए उकसाने के मामला दर्ज किया था.
अब सवाल ये है कि आख़िर सुशांत के घरवालों के ऐसा कहने के पीछे दलील क्या है? क्यों सुशांत के परिवार को लगता है कि ये मामला क़त्ल का है? क्यों घरवाले ये सोच रहे हैं सुशांत के क़ातिल अब तक छुट्टा घूम रहे हैं? और क्यों उन्हें ये लगता है कि मुंबई पुलिस ने जानबूझ कर ग़लत बयान दर्ज कर लिया?
असल में विकास सिंह का ये कहना है कि सुशांत की बहनों ने अपने बयान में जो बातें कहीं, मुंबई पुलिस ने उसे अंग्रेज़ी या हिंदी में लिखने की बजाय मराठी में लिख लिया. इतना ही नहीं अपने हिसाब से उसे तोड़ मरोड़ कर उस पर सुशांत की बहनों से दस्तखत भी करा लिया. यहां तक कि बयान लिखने के बाद पुलिस ने उसकी कॉपी तक सुशांत के घरवालों को देने की ज़रूरत नहीं समझी. ऐसे में उन्हें ये भी समझ में नहीं आया कि आख़िर पुलिस ने क्या लिखा और क्या नहीं?
वो तो जब उनकी बहनों का बयान की कॉपी गुरुवार को सामने आई, तब उन्हें पता चला कि उन्होंने मुंबई पुलिस को जो बयान दिया था, उससे सामने आई बयान की कॉपी मेल नहीं खाती है. अब सवाल ये उठता है कि आख़िर सुशांत की बहनों ने मुंबई पुलिस से कहा क्या था? और पुलिस ने उसमें क्या झोल कर दिया? तो फिलहाल इस मामले पर विकास सिंह ने भी अपनी बात साफ़ नहीं की.
आपको याद होगा सुशांत के घरवाले शुरू से ही इस मामले को खुदकुशी का मामला बता रहे थे और ये भी कह रहे थे कि इसके पीछे उनकी गर्लफ्रेंड रिया का हाथ है. लेकिन बाद में सुशांत के पिता ने सीधे सीधे ये आरोप लगाया था कि रिया ने ज़हर पिला कर सुशांत की जान ले ली और अब सुशांत की बहनों ने भी ये दावा किया है. उधर, सुशांत के घरवालों ने सुशांत की बीमारी को लेकर भी खुद को अंजान बताया था और कहा था कि अगर सुशांत डिप्रेशन में थे, तो रिया को इसकी जानकारी उसके घरवालों को देनी चाहिए थी, लेकिन रिया ने घरवालों को भरोसे में दिए बगैर सुशांत को दवाओं की ओवरडोज़ दी और उनकी जान चली गई.
लेकिन पिछले दिनों सुशांत की बहनों के साथ उनके मोबाइल चैट और अब सुशांत की बहनों के पुलिस को दिए गए बयान के सामने आने के बाद ये साफ़ हो गया कि सुशांत के घरवालों को उनकी बीमारी की ख़बर थी. हालांकि अब सुशांत के घरवालों के वकील विकास सिंह ने जब बयानों में तोड़ मरोड़ की बात कही है, तो इस मामले पर सवाल खड़ा हो गया है कि आख़िर उन्होंने बयान दिया क्या था और पुलिस ने लिखा क्या?
वैसे यहां ये भी बताना ख़ास है कि अब तक की जांच में सीबीआई के शक की सुई भी खुदकुशी की तरफ़ ही मुड़ रही है. फिर चाहे वो क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्शन की बात हो, फॉरेंसिक सबूतों की छानबीन का नतीजा, मौका-ए-वारदात से मिले सबूत, गवाहों और आरोपियों से लंबी पूछताछ या फिर कुछ और. सीबीआई को अब तक इस मामले में ऐसा कोई भी सुराग़ नहीं मिला है, जिससे वो इस मामले को क़त्ल का मामला मान कर अपनी तफ्तीश आगे बढ़ाए. हालांकि सीबीआई सूत्रों ने ये भी दावा किया है कि अभी उन्होंने अपनी जांच के सारे ऑप्शन खोल रखे हैं और आनेवाले दिनों में अगर ऐसा कोई सबूत सामने आता है, जिससे मामला क़त्ल का लगे, तो उस एंगल से भी जांच आगे बढ़ा सकते हैं.