दिल्ली से सटे फरीदाबाद में संदिग्ध आतंकवादी की गिरफ्तारी के बाद कई केंद्रीय खुफिया एजेंसियां स्लीपर सेल एंगल की जांच कर रही हैं. उत्तर प्रदेश के फैजाबाद के मिल्कीपुर कस्बे के निवासी 19 वर्षीय अब्दुल रहमान को रविवार को गुजरात एटीएस और हरियाणा एसटीएफ की संयुक्त टीम ने फरीदाबाद के पास पलवल से हिरासत में लिया था. उसके खिलाफ डबुआ पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है.
एक स्थानीय अदालत ने संदिग्ध आतंकी रहमान को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है. उसने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उसने फरीदाबाद के पाली गांव के पास एक खाली पड़े घर में दो हैंड ग्रेनेड छिपाए थे. उसके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संपर्क होने की आशंका है. उसे 4 मार्च को अयोध्या जाना था. एक अधिकारी ने बताया कि ये मामला बहुत संवेदनशील है. इसकी जांच चल रही है.
रहमान ने पूछताछ के दौरान दावा किया कि उसे हैंड ग्रेनेड मुहैया कराने वाले व्यक्ति का नाम और पता नहीं पता है. वो रविवार को ट्रेन से फैजाबाद से फरीदाबाद आया था. एक हैंडलर ने उसे दो हैंड ग्रेनेड दिए और उसे बम लेकर ट्रेन से अयोध्या जाना था, लेकिन उससे पहले ही उसे पकड़ लिया गया. हरियाणा एसटीएफ को सूचना मिली थी कि फरीदाबाद में एक स्लीपर सेल आतंकी रहमान की मदद कर रहा था.
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. इस साजिश से जुड़े किसी भी स्लीपर सेल को खत्म करने के लिए राज्य सुरक्षा बलों के साथ काम कर रही हैं. वरिष्ठ एसटीएफ अधिकारी ने कहा कि हरियाणा एसटीएफ गिरफ्तार संदिग्ध के लिए स्थानीय संपर्कों, स्लीपर सेल और रसद सहायता की पहचान करना चाह रही है. उन्होंने कहा कि रहमान के इनपुट पर कई गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है.
बताते चलें कि संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान अयोध्या में राम मंदिर पर आतंकी हमले के लिए तैयार किया गया था. जांच में खुलासा हुआ है कि रहमान कई कट्टरपंथी जमातों से जुड़ा हुआ था. फैजाबाद में एक मटन शॉप चलाता था. सुरक्षा एजेंसियों को मिली जानकारी के अनुसार, राम मंदिर निर्माण के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने भारत में बड़ी आतंकी साजिश रचने की योजना बनाई थी.
इसमें अयोध्या स्थित राम मंदिर को निशाना बनाने का प्लान था. जांच में यह भी सामने आया है कि अब्दुल रहमान पहले भी कई बार अयोध्या के राम मंदिर की रेकी कर चुका था. उसने वहां की सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी आईएसआई के साथ साझा की थी. आतंकियों का मकसद राम मंदिर पर हैंड ग्रेनेड से हमला कर बड़े पैमाने पर तबाही मचाना था. लेकिन अपने साजिश में सफल नहीं हो पाए.