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तमिलनाडुः प्रेमी के घर के बाहर प्रेमिका ने जहर खाकर दी जान, दो बार गर्भापत कराने का भी आरोप

मुरलीधरन और ज्ञानमोझी पिछले 12 साल से रिलेशनशिप में थे. वे दोनों इंजीनियर थे और बेंगलुरु शहर में काम करते थे. आरोप है कि मुरलीधरन ने कई बार ज्ञानमोझी के साथ शारीरिक संबंध बनाए और जिसकी वजह से ज्ञानमोझी को दो बार गर्भपात कराना पड़ा था.

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लड़की ने अपने प्रेमी के घर के बाहर ही जहर खाकर जान दे दी
लड़की ने अपने प्रेमी के घर के बाहर ही जहर खाकर जान दे दी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पिछले 12 साल से रिलेशनशिप में थे दोनों
  • घरवालों ने बचपन में ही तय कर दिया था दोनों का रिश्ता
  • आरोपी मुरलीधरन लड़की के मामा का बेटा है

तमिलनाडु के धर्मपुरी में एक दिल दहला देने वाली मामला सामने आया है. जहां एक लड़की ने अपने प्रेमी के घर के बाहर जहर खा लिया. जिससे उसकी मौत हो गई. लड़की की पहचान ज्ञानमोझी के रूप में हुई, जो अपने ममेरे भाई मुरलीधरन के साथ रिश्ते में थी. दरअसल, ज्ञानमोझी और मुरलीधरन का रिश्ता बचपन में ही उनके घरवालों ने तय कर दिया था. 

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जानकारी के मुताबिक मुरलीधरन और ज्ञानमोझी पिछले 12 साल से रिलेशनशिप में थे. वे दोनों इंजीनियर थे और बेंगलुरु शहर में काम करते थे. हाल ही में लॉकडाउन के कारण ये दोनों इंजीनियरिंग स्नातक अपने घर वापस आ गए थे. आरोप है कि मुरलीधरन ने कई बार ज्ञानमोझी के साथ शारीरिक संबंध बनाए और जिसकी वजह से ज्ञानमोझी को दो बार गर्भपात कराना पड़ा था. 

लेकिन हाल ही में मुरलीधरन के परिवार ने उसकी शादी दूसरी लड़की से करने का फैसला कर लिया. यह जानकर ज्ञानमोझी मुरलीधरन के पास उसके घर गई और मुरलीधरन के माता-पिता से मुरलीधरन की शादी उसके साथ कराने की गुहार लगाई. लेकिन मुरलीधरन के माता-पिता नहीं माने. इस बात से खफा होकर ज्ञानमोझी ने मुरलीधर के घर के सामने जहर खा लिया. आसपास के लोगों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

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लड़की के परिवारवालों ने धर्मपुरी के सरकारी अस्पताल के बाहर हंगामा किया और लड़की का शव लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि "मुरलीधरन के माता-पिता, बहन और उसके पति के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, क्योंकि वे खड़े होकर उनकी लड़की को मरते हुए देखते रहे.

ज्ञानमोझी के बहनोई महेंद्रन ने कहा कि वो सब उसे रोक सकते थे, उसके हाथ से जहर ले सकते थे या आसपास रहने वाले अन्य रिश्तेदारों को भी सूचना दे सकते थे. लेकिन उन सबने ऐसा नहीं किया और ज्ञानमोझी ने जहर खा लिया.

 

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