तमिलनाडु पुलिस ने राज्य भर में करीब 50 से अधिक चोरियों में शामिल एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. चोरी किए गई पैसे से बदमाशों ने महंगी गाड़ियां और कताई मिल तक खरीद ली थी. दरअसल, पिछले कई दिनों से राज्य में चोरी और सेंधमारी की खबरें सामने आ रही थीं, जिसके बाद सिंगनल्लूर और कट्टूर पुलिस पिछले दो वर्षों से इस गिरोह की तलाश में जुटी थी.
इंस्पेक्टर विनोथ कुमार, कार्तिकेयन, पार्वती और अंबलगन के साथ हेड कांस्टेबल कादिरवेल, पार्थिबन, बालाप्रकाश, प्रकाश, रवि, गुरुसामी और आनंदन की देखरेख में तीन विशेष टीमों का गठन किया गया था.
कई इलाकों में पुलिस ने डाली दबिश
टीम ने पिछले तीन महीनों से तलाश तेज कर दी थी और थिरुप्पुर, डिंडीगुल, विरुधुनगर, शिवगंगा और चेन्नई सहित कई इलाकों का दौरा किया था. वैज्ञानिक विश्लेषण का इस्तेमाल करते हुए पुलिस ने 'रॉडमैन' गिरोह के नेता की पहचान मूर्ति के रूप में की और उसे हमसराज के साथ गिरफ्तार कर लिया.
इसलिए कहा जाता है रॉडमैन गिरोह
पुलिस टीम को जांच में पता चला है कि रॉडमैन को यह नाम इसलिए मिला क्योंकि वह जिन घरों में चोरी करता था, उनके दरवाजों को खोलने के लिए एक रॉड का इस्तेमाल करता था. क्योंकि इससे कम आवाज होती थी. गिरोह के सदस्य हमेशा मास्क और फुल शर्ट पहनते थे.शुरुआत में इस गिरोह ने रेलवे पटरियों के बगल में बने घरों को लूटने की घटनाओं को अंजाम दिया था, क्योंकि इन इलाकों में पुलिस की निगरानी कम थी और लोगों की आवाजाही भी ज्यादा नहीं होती थी. गिरोह के सदस्य पहले इलाके की रेकी करते थे फिर बंद घरों की पहचान करने के बाद अपना हाथ साफ करते थे.
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पूरे राज्य में फैला था नेटवर्क
यह गिरोह पूरे तमिलनाडु में 50 से अधिक चोरियों में शामिल था और कथित तौर पर उसने 1500 से अधिक सोने के आभूषण चुराए थे जिन्हें वे तुरंत पिघलाकर बेच देते थे. इन पैसों के इस्तेमाल से गिरोह के सदस्यों ने दो कारें और करीब 4.5 करोड़ की एक कताई मिल खरीदी थी. पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्य मनोज कुमार, सुधाकर, राम प्रकाश और प्रकाश की तलाश कर रही है.पुलिस ने बताया कि मामले की जांच जारी है.