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टूलकिट केस: एक दिन की पुलिस हिरासत में दिशा, निकिता-शांतनु के सामने कल होगी पूछताछ

किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट मामले में सोमवार को दिशा रवि की अदालत में पेशी हुई. दिल्ली पुलिस ने अदालत से दिशा रवि की रिमांड पांच दिन बढ़ाने की मांग की थी.

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टूलकिट केस में गिरफ्तार दिशा रवि
टूलकिट केस में गिरफ्तार दिशा रवि
स्टोरी हाइलाइट्स
  • टूलकिट मामले में दिशा रवि की पेशी
  • दिल्ली पुलिस ने मांगी थी 5 दिन की कस्टडी
  • अन्य आरोपियों के सामने होगी दिशा से पूछताछ

टूलकिट केस में दिल्ली पुलिस ने जे शांतनु और निकिता से पूछताछ की. सोमवार की रात दिल्ली पुलिस की पूछताछ खत्म होने के बाद दोनों वापस लौट गए. दिल्ली पुलिस ने दोनों को पूछताछ के लिए 23 फरवरी को फिर से बुलाया है. दिल्ली पुलिस 23 फरवरी को निकिता और शांतनु को दिशा के सामने बैठाकर पूछताछ करेगी. इन दोनों के साथ आमने-सामने की पूछताछ के लिए ही दिल्ली पुलिस ने दिशा को एक दिन की पुलिस कस्टडी में लिया है.

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किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट मामले में सोमवार को दिशा रवि की अदालत में पेशी हुई. दिल्ली पुलिस ने अदालत से दिशा रवि की रिमांड पांच दिन बढ़ाने की मांग की है. पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की अर्जी पर दिशा रवि को एक दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेजे जाने का फैसला सुनाया.

दिशा रवि ने शांतनु-निकिता पर डाले सभी आरोप
सोमवार को दिशा के वकील ने अदालत में कहा कि मोबाइल में जो जानकारी थी, वो पुलिस के पास भी है. इसलिए हमने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. वहीं, दिल्ली पुलिस ने अदालत में बताया कि दिशा रवि ने सारे आरोप शांतनु-निकिता पर डाल दिए हैं, ऐसे में वो उन तीनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करना चाहते हैं. दिल्ली पुलिस की ओर से अदालत को जूम मीटिंग की जानकारी दी गई, जिसका संबंध टूलकिट बनाने और आगे बढ़ाने से है.

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बता दें कि सोमवार को ही टूलकिट मामले में आरोपी निकिता जैकब और शांतनु साइबर सेल पहुंची हैं. निकिता जैकब और शांतनु को दिल्ली पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया है. पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि दिशा रवि को निकिता जैकब और शांतनु के साथ आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है.

क्या है दिल्ली पुलिस का दावा?
आपको बता दें कि पर्यावरणविद दिशा रवि को किसान आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने के लिए टूलकिट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस का दावा है कि इसके पीछे खालिस्तान से जुड़े संगठनों की साजिश थी. पुलिस ने बताया कि 17 और 18 जनवरी को भी जूम मीटिंग की गई और 23 को टूलकिट तैयार हुआ.

दिल्ली पुलिस का दावा है कि कनाडा के पोएटिक जस्टिक फाउंडेशन से जुड़ा एमओ धालीवाल भारत में किसानों की आड़ में माहौल खराब करने की फिराक में था. अगर वो सीधे कोई कार्रवाई करता तो एक्सपोज़ हो जाता इसलिए उसने भारत मे कुछ चेहरों का सहारा लिया. दिशा रवि ने टूलकिट में एडिट किया है. इनका सहयोगी शान्तनु दिल्ली आया था और 20 से 27 तक दिल्ली में था.

दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि दिशा की तरफ से सबूतों को मिटाया गया है. दिशा ने सुबूतों के साथ छेड़छाड़ की है, 60 से 70 लोग Zoom मीटिंग में थे जिसमें मो धालीवाल शामिल था, दिशा रवि को तमाम हो रही चीजों की जानकारी थी. उनको यह पता था कि किस प्रकार लोगों को भ्रमित किया जा सकता है.

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वहीं, दिशा रवि के वकील ने कहा कि किसी देश विरोधी व्यक्ति के बातचीत करने से क्या हम देश विरोधी हो जाएंगे? अपनी बातें किसी भी प्लेटफॉर्म पर रखना अपराध नहीं है. दिल्ली पुलिस कोई लिंक नहीं बना पा रही है. उन्होंने कहा कि हम किसी आंलोलन को पसंद-नापंसद कर सकते हैं. नापसंद करने का मतलब ये नहीं कि हम देशद्रोही हो गए. 

 

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