छत्तीसगढ़ के कांकेर में हुए मुठभेड़ में 29 नक्सलियों को मार गिराया गया है. बीएसएफ और नक्सलियों के बीच कई घंटे तक मुठभेड़ चली है. इसके बाद नक्सलियों के पास से भारी तादाद में हथियार बरामद किए गए हैं. इनमें एके-47 और एलएमजी जैसे घातक हथियार भी शामिल हैं. अब तक के इतिहास में यहां किसी एक मुठभेड़ में नक्सलियों की सबसे अधिक मौत हुई हैं.
इसके साथ ही सुरक्षा बलों ने कुख्यात नक्सली शंकर राव को मारने में भी बड़ी सफलता पाई है. वो दंडकारण्य डिवीजन में नक्सलियों का सबसे बड़ा और प्रभावशाली कमांडर था. वो अपने डिवीजन का मिलिट्री इंटेलिजेंस चीफ था. उसके सिर पर 25 लाख रुपए का इनाम घोषित था. उसे दहशत का दूसरा नाम भी कहा जाता था. उससे आम लोग क्या पुलिसवाले भी खौफ खाते थे.
खूंखार नक्सली शंकर राव एलएमजी और एके-47 जैसे घातक हथियारों को चलाने में माहिर था. वो हर वक्त इन हथियारों को अपने साथ रखता था. पिछले 15 वर्षों से उसने अपने आतंक का राज कायम कर रखा था. छत्तीसगढ़ से लेकर तेलंगाना और ओड़िसा तक के जंगलों में उसकी तूती बोलती थी. वो कई बड़ी नक्सली वारदातों की अगुवाई कर चुका था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए.
शंकर राव ने साल 2021 में सबसे बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. उसने अपने साथियों के साथ मिलकर सीआरपीएफ जवानों से भरी एक बस को आईईडी के जरिए उड़ा दिया था. इसमें 5 जवान शहीद हो गए थे, जबकि दो दर्जन से ज्यादा घायल हुए थे. वो सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों पर घातक लगाकर हमला करता था. वो सुकमा और बीजापुर जिले में हुए कई वारदातों का मास्टरमाइंड था.
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी के मुताबिक, तेलंगाना के रहने वाले नक्सली शंकर राव की लंबे समय से तलाश थी. वो बस्तर जिले के कांकेर के थाने के परतापुर, बड़गांव, पखांजूर, दुर्गकोंदल, कोयलीबेड़ा, सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में ज्यादा सक्रिय था. वो पहले जनमिलिशिया का कमांडर बनाया गया था. लेकिन सक्रियता और तेज दिमाग की वजह से उसे लगातार प्रमोशन मिलता रहा.
आईजी ने बताया कि सुरक्षाबलों को माओवादियों के उत्तरी बस्तर डिवीजन के नक्सली शंकर राव, ललिता, राजू सहित अन्य नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी. इसके बाद छोटेबेठिया थाना क्षेत्र में बीएसएफ और डीआरजी की संयुक्त टीम को गश्ती के लिए रवाना किया गया. दोपहर करीब दो बजे हापाटोला गांव के जंगल में नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी.
इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी. इसमें बड़ीं सख्या में नक्सलियों की मौत हुई है. घटनास्थल से 29 माओवादियों के शव, एके-47, एसएलआर, इंसास, एलएमजी और राइफल सहित भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं. नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा सीट पर मतदान पहले चरण में 19 अप्रैल को होना है. इससे पहले सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की है.
गृह मंत्रालय के मुताबिक, इस मुठभेड़ में तीन सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं, जिनमें बीएसएफ के दो इंस्पेक्टर और एक डीआरजी जवान शामिल है. बताया गया कि 15 अप्रैल की देर शाम को ऑपरेशन शुरू किया गया था. सुरक्षाबलों को पांच इनपुट मिले थे. इसमें बिनागुंडा क्षेत्र में माओवादियों की उत्तर बस्तर डिवीजन समिति की सटीक स्थिति बताने वाले दो इनपुट भी शामिल थे.
बताते चलें कि इस साल अब तक कांकेर सहित सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ में 79 नक्सली मारे गए हैं. 2 अप्रैल को 13 नक्सली मारे गए, जबकि 27 मार्च को बीजापुर में 6 माओवादी मारे गए थे. छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम शर्मा ने इस मुठभेड़ को नक्सलवाद पर "सर्जिकल स्ट्राइक" करार दिया है. उन्होंने कहा कि हम शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं.