
साउथ दिल्ली (South Delhi) में मंगलवार सुबह पुलिस ने दो बच्चों के शवों को बरामद किया है. कुतुब मीनार मेट्रो स्टेशन के पास महरौली के जंगल में दो सगे भाइयों की हत्या कर उनके शवों को फेंक दिया गया था. फिरौती के लिए राजस्थान के भिवाड़ी से तीन बच्चों का अपहरण किया गया था.
बच्चों के पिता से आठ लाख की फिरौती मांगी गई थी. मगर, बच्चों के रोने से डरे किडनैपर्स ने उनका गला घोंट दिया. इस मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा कर दिया है. बच्चों का अपहरण और उनकी हत्या रिश्ते में लगने वाले दो चाचाओं ने की थी. दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
तीनों बच्चों को मरा समझकर उनके शव जंगल में फेंक दिए. आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने दो बच्चों के शव को बरामद कर लिया था. मगर, एक भाई की किस्मत अच्छी निकली और वह जिंदा बच गया और किसी तरह जंगल से निकल मुख्य सड़क पर आ गया था. हालांकि, वह अपने और पिता के नाम के अलावा कुछ नहीं बता पा रहा था. लिहाजा, पुलिस ने उसे चाइल्ड केयर सेंटर में भेज दिया.
नशे का शौक पूरा करने के लिए बनाया प्लान
हत्यारों ने पुलिस को बताया कि वे मूल रुप से बिहार के रहने वाले हैं. काम के चलते राजस्थान के भिवाड़ी में रहते हैं. एक चाचा यहां मोबाइल शॉप में और दूसरा निजी कंपनी में काम करता है. दोनों को नशा करने की आदत है. शौक पूरा करने के लिए बच्चों के अपहरण का प्लान बयाना था.
बच्चों के रोने पर घोंट दिया था गला
दोनों आरोपियों ने बताया, ''पहले भिवाड़ी से तीन भतीजों का अपहरण करके हम उन्हें धारूहेड़ा ले गए. यहां रखने के बाद तीनों को दिल्ली घुमाने की बात कही और उन्हें साथ में दिल्ली ले आए. शाम होन पर बच्चे घर जाने की जिद करने लगे."
आरोपियों ने आगे बताया, "बच्चों के रोना शुरू करने के बाद हमें लगा कि अब हम फंस जाएंगे. घबराकर शनिवार की रात को ही महरौली के जंगल में ले जाकर तीनों का गला दबाकर हत्या कर दी." बच्चों को मारने के बाद भी आरोपी बच्चों के पिता यानी अपने भाई से फिरौती की रकम मांगते रहे.
बच्चे के पिता को था मकान मालिक पर शक
15 अक्टूबर को अलवर जिले के भिवाड़ी के यूआईटी फेज थर्ड थाना इलाके के सांथलका गांव की लेबर कॉलोनी से तीन भाई घर से गायब हो गए थे. 10 साल का अमन, 12 साल का विपिन और 8 साल का शिवा का कहीं पता नहीं चल रहा था. चौबीस घंटे तक परिजन बच्चों की आस-पास तलाश करते रहे.
कोई जानकारी नहीं मिलने पर पिता ज्ञान सिंह और मां उर्मिला ने 16 अक्टूबर को पुलिस थाने में बच्चों की गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज कराई. इसमें अपने मकान मालिक और उसके दो दोस्तों पर किडनैपिंग का आरोप लगाया. उसी दिन माता-पिता ने पुलिस द्वारा बच्चों की तलाश नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए एसपी ऑफिस में धरना भी दिया था.
17 को आया फिरौती का फोन
17 अक्टूबर यानी सोमवार को पिता ज्ञान सिंह के पास आठ लाख रुपए की फिरौती का फोन आया. इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस जानकारी जुटाने में लग गई. फोन कॉल की डिटेल निकाली गई. साथ ही जहां से किडनैपिंग की गई उस एरिया में लगे सीसीटीवी को खंगाला गया.
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दो लोगों हिरासत में लिया गया था. दोनों ही रिश्ते में बच्चों के चाचा निकले. पूछताछ में दोनों ने बच्चों के किडनैपिंग की बात स्वीकारते हुए सभी की हत्या करने की बात कही. यह सुनकर पुलिस हैरान रह गई.
पुलिस की दो टीमें आईं दिल्ली
भिवाड़ी डीएसपी जसवीर मीणा और थाना अधिकारी मुकेश कुमार के नेतृत्व में 2 टीमें आरोपियों को दिल्ली लेकर आईं. इनके साथ बच्चों के माता-पिता भी मौजूद थे. लोकल पुलिस को साथ लेकर हत्यारों की बताई जगह (महरौली जंगल) पहुंची. यहां सर्च करने पर अमन और विपिन के शव बरामद हुए.
मगर, हत्यारे तीनों बच्चों की हत्या करने की बात कह रहे थे. ऐसे में सवाल उठ रहा था कि तीसरे बच्चे का शव कहां गया. दरअसल, उसकी किस्मत अच्छी थी और वह गला दबाने के बाद भी जिंदा बच गया था. बाद में पता चला कि दिल्ली पुलिस को 16 अक्टूबर को एक बच्चा (शिवा) लावारिस हालत में इसी इलाके में मिला था.
वो केवल अपना और पिता का नाम बता पा रहा था. इसके अलावा उससे कोई भी जानकारी नहीं मिल पा रही थी. लिहाजा, पुलिस ने उसे लाजपत नगर के चाइल्ड केयर सेंटर भिजवा दिया था. अब कानूनी कार्रवाई के बाद बच्चा माता-पिता को सौंप दिया जाएगा.
गरीब है परिवार
मृतक बच्चों का पिता ज्ञान सिंह मूल रूप से यूपी के रहना वाला है. कुछ ही समय पहले भिवाड़ी के गांव में रहने आया था. यहां पत्नी और छह बच्चों के साथ किराए के कमरे में रह रहा था. परिवार के पालन-पोषण के लिए फल का ठेला लगाता है. सबसे बड़ी बेटी प्राइवेट नौकरी करती है.
(इनपुट-अमरदीप कुमार)