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उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की खौफनाक हत्या की जांच के लिए एनआईए की टीम पूरा जोर लगा रही है. 6इस वारदात से जु़ड़े हर एंगल की जांच के लिए आईजी रैंक के अधिकारी उदयपुर पहुंच गए है. NIA मान रही है कि इस वारदात में कुछ और लोग या आतंकी संगठन शामिल हो सकते हैं. इसमें पाकिस्तान का लिंक भी जुड़ रहा है.
इस बीच आरोपी रियाज और गौस मोहम्मद जिस बाईक से भाग रहे थे, उस बाइक का नंबर 2611 है. संयोग से नंबर मुंबई आतंकी हमले की तारीख से मेल खाता है. इस स्पेशल नंबर के लिए आरोपी ने आरटीओ में 5000 रुपये का ड्राफ्ट जमा किया था. अब जांच एजेंसियां इस बाइक नंबर के पीछे की कहानी जानने में जुट गई हैं.
पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में थे दोनों आरोपी
हत्यारों ने जिस बेरहमी से कन्हैया लाल की हत्या की, वो कोई आम आपराधिक घटना नहीं बल्कि आतंकी घटना थी. जांच एजेंसियों के मुताबिक, इसकी स्क्रिप्ट पाकिस्तान में लिखी गई थी. दोनों हत्यारे नुपुर शर्मा के बयान के बाद से ही पाकिस्तान में बैठे लोगों के संपर्क में थे. दोनों की पाकिस्तान के 8 से 10 मोबाइल नंबरों पर लगातार बात हो रही थी.
दहशत फैलाने के लिए हत्यारों को पाकिस्तान से निर्देश मिल रहे थे. कन्हैया लाल के बाद दोनों हत्यारे उदयपुर के ही एक और व्यापारी की हत्या करने वाले थे. कन्हैया लाल के हत्यारों के तार आतंकवादी संगठन ISIS से जुड़े होने के भी सबूत मिले हैं. सूत्रों के मुताबिक, आरोपी आतंकवादी रियाज और गौस ISIS से जुड़े थे.
अलसूफा का मुखिया है रियाज अत्तारी
रियाज़ अत्तारी उदयपुर में ISIS के रिमोट स्लीपर संगठन अलसूफा का मुखिया है. रियाज मोबाइल, इंटरनेट कॉलिंग और सोशल मीडिया के जरिए ISIS के सीधे संपर्क में था. रियाज पिछले पांच सालों से उदयपुर मोहम्मद गौस के साथ मिलकर नफरत का अभियान चला रहा था. दोनों आतंकवादियों ने उदयपुर के आसपास युवाओं का ब्रेनवॉश करने के लिए कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हुए थे.
12 जून को रियाज ने कमरा किराये पर लिया था
आजतक की टीम हत्यारे रियाज के ठिकाने पर भी पहुंची, जहां से पुलिस को कन्हैया लाल की हत्या में आतंकी साजिश से जुड़े सबूत मिले हैं. रियाज ने 12 जून को कमरा किराये पर लिया था. राजस्थान पुलिस ने ताला लगा दिया है. इस ताले को यहां पर तोड़ा गया है. पुलिस आई. छानबीन की. काफी कुछ बरामद हुआ.
कराची में गौस मोहम्मद ने ट्रेनिंग लिया था
बताया जा रहा है कि प्लानिंग के तहत रियाज ने अंजाम दिया है. दावा किया जा रहा है कि कन्हैया लाल के दोनों हत्यारे आतंकवादी हैं और उन्होंने पाकिस्तान में जाकर टेरर ट्रेनिंग का कोर्स भी किया था. हत्यारा गौस मोहम्मद 2014 में जोधपुर के रास्ते कराची गया था, तब उसने तीस लोगों के साथ दावत-ए-इस्लामी में 15 दिनों की ट्रेनिंग ली थी.
गृह राज्य मंत्री बोले- ये आतंकी हमला है
उसके बाद वापस लौटकर गौस, रियाज के साथ मिलकर युवाओं की ब्रेनवॉश करता था. दोनों आरोपी कानपुर, दिल्ली-मुंबई में भी दावत-ए-इस्लामी की बैठकों में हिस्सा लेने जाते थे. दोनों आरोपी अरब देशों और नेपाल की यात्रा कर चुके हैं. राजस्थान के गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने कहा कि ये हिंदू-मुसलमान का मामला नहीं है, ये आतंकी हमला हैं.