
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के असोहा कांड की तीसरी पीड़िता स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच गई है. पिछले हफ्ते उन्नाव के एक खेत से 3 लड़कियां अचेत अवस्था में मिली थीं जिसमें 2 की मौत हो गई और तीसरी का कानपुर में इलाज चल रहा था. होश आने के बाद मजिस्ट्रेट ने हॉस्पिटल में बयान भी ले लिया था.
असोहा कांड में बचने वाली बबुरहा गांव की तीसरी पीड़िता का कानपुर के रिजेंसी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था और आज वह शुक्रवार को स्वस्थ होकर घर पहुंच गई. पीड़िता को पुलिस सुरक्षा में घर पहुंचाया गया. गांव पहुंचने पर पीड़िता का फूल माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया गया.
बबुरहा गांव की तीसरी पीड़िता को मंगलवार देर शाम होश आया था. इसके बाद एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता ने उस दिन की पूरा कहानी बताई. लड़की ने मजिस्ट्रेट को बताया कि आखिर कैसे उन दो लड़कियों की जान गई. लड़की का बयान दर्ज करके पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
एसपी आनंद कुलकर्णी ने मामले के बारे में बताया, 'लड़की ने अपने बयान में कहा कि विनय और उसका दोस्त घटना के दिन खेत में आए थे. उस समय, वह और दो अन्य लड़कियां जानवरों के लिए चारा इकट्ठा कर रही थीं, इस बीच विनय ने कुछ नाश्ते की पेशकश की, जिसे उन लोगों ने अस्वीकार कर दिया, फिर विनय ने उन्हें पानी पिलाया, इसे पीने के बाद वे अचानक बेहोश हो गईं.
एसपी कुलकर्णी ने बताया कि लड़की ने अपने बयान में कहा कि आरोपी ने यौन उत्पीड़न नहीं किया. लड़की ने ये भी बताया कि पानी पीने के बाद वह बेहोश हो गई थीं, लेकिन उनके साथ किसी भी तरीके की छेड़खानी या सेक्सुअल असॉल्ट की घटना नहीं हुई है.
क्या है पूरा मामला
पिछले हफ्ते 17 फरवरी को करीब 3 बजे तीनों लड़कियां जानवरों के लिए चारा लेने निकली थीं लेकिन शाम 6 बजे तक जब लड़कियां वापस नहीं लौटीं तो परिजन खोजबीन करने निकले. इस बीच करीब 7 बजे तीनों खेत में बेहोशी की हालत में मिलीं और उनके मुंह से झाग निकल रहा था. परिजन 7:30 बजे के करीब तीनों को लेकर असोहा सीएचसी पहुंचे, जिसमें 2 लड़कियों को मृत घोषित कर दिया गया.
तीसरी पीड़िता को रात 9 बजे जिला अस्पताल पहुंचाया गया. फिर 9:30 बजे पीड़िता को कानपुर के हैलेट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. इसके बाद हैलेट अस्पताल ने भी लड़की को प्राइवेट अस्पताल में रेफर कर दिया. करीब एक हफ्ते तक मौत से जंग लड़ने के बाद पीड़िता को आखिरकार मंगलवार को होश आया और उसने पूरी आपबीती बताई. अब वह अपने परिजनों के पास आज शुक्रवार को पहुंच गई.