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उन्नाव: कौन है सपा सरकार के पूर्व मंत्री का बेटा और क्या है आश्रम का कनेक्शन?

Unnao murder case: उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन रहे फतेह बहादुर सिंह का साल 2016 में निधन हो गया था. वह सपा नेता मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव के बेहद खास माने जाते थे. उन्हीं के छोटे बेटे राजोल सिंह का दलित युवती के हत्याकांड में नाम उछला है.

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दिव्यानंद आश्रम के संस्थापक फतेहबहादुर के बेटे ने हत्याकांड को अंजाम दिया.
दिव्यानंद आश्रम के संस्थापक फतेहबहादुर के बेटे ने हत्याकांड को अंजाम दिया.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 8 दिसंबर, 2021 से गुमशुदा हुई थी दलित युवती
  • परिजनों ने दिवंगत सपा नेता के बेटे पर जताया था शक
  • अखिलेश यादव से लगाई गई थी न्याय की गुहार

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में दलित युवती के अपहरण और हत्या के मामले में सियासी हंगामा शुरू हो गया है. लड़की का शव समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे दिवंगत फतेह बहादुर सिंह के दिव्यानंद आश्रम के नजदीक मिला है. पुलिस ने इस मामले में पूर्व मंत्री के छोटे बेटे राजोल सिंह को आरोपी बनाया है और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. अब इस हत्याकांड की आंच दिव्यानंद आश्रम तक जा पहुंची है. आखिर कहां है यह आश्रम और क्या है इसकी कहानी...

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उन्नाव के कब्बाखेड़ा इलाके में यह दिव्यानंद आश्रम बना है. इसमें कई हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं. यूपी में सपा सरकार के दौरान पूर्व राज्य मंत्री और कोऑपरेटिव बैंक के तत्कालीन चेयरमैन फतेहबहादुर सिंह ने आश्रम को बनवाया था. हालांकि, यहां प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही संस्थापक का निधन हो गया था. 

कौन थे फतेहबहादुर सिंह?

बता दें कि फतेहबहादुर सिंह उन्नाव के डीवीडीटी इंटर कॉलेज में संस्कृत के लेक्चरर थे. 1977 में आपातकाल के दौरान जेल गए और फिर उन्होंने राजनीति में कदम रखा. वह यूपी में गन्ना बीज विकास निगम के अध्यक्ष रहे. उन्होंने लोकदल, जनता दल, समाजवादी जनता पार्टी और सपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ा था. इसके बाद लगातार 23 साल कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन भी रहे थे. सपा से उनकी नजदीकियों का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 2013 में पार्टी ने उन्नाव के अपने पांच विधायकों को तवज्जो न देते हुए पार्टी के नेता फतेह बहादुर सिंह को यूपी कोऑपरेटिव बैंक का चेयरमैन बनाकर लालबत्ती से नवाजा था. 

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पूर्व मंत्री का छोटा बेटा है राजोल सिंह

सपा के दिवंगत नेता फतेहबहादुर सिंह अपने पीछे दो बेटे अशोक सिंह और राजोल सिंह को छोड़ गए थे, जो कि उनकी राजनीतिक विरासत को संभाल रहे हैं. इस हत्याकांड में छोटे बेटे रजोल सिंह का नाम ही सामने आया है.  बता दें कि मामला बढ़ता देख उन्नाव पुलिस ने 25 जनवरी को ही आरोपी राजोल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. अब इस मामले में उसके साथी सूरज सिंह की पुलिस सरगर्मी से तलाश करने में जुटी है. 

अपहरण और हत्याकांड के आरोपी राजोल सिंह और सूरज सिंह.

क्या है पूरा मामला?

उन्नाव सदर के कोतवाली थाना इलाके की कांशीराम कॉलोनी में रहने वाली एक महिला की बेटी 8 दिसंबर, 2021 को घर से लापता हो गई थी. गुमशुदा युवती के परिजनों ने शक गहराने पर इसी इलाके के कल्याणी मोहल्ला में रहने वाले पूर्व मंत्री फतेहबहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. उन्नाव पुलिस से न्याय न मिलने पर युवती की मां और पिता ने बीती 24 जनवरी को लखनऊ में सपा मुखिया अखिलेश यादव की गाड़ी के सामने कूदकर जान देने की कोशिश की थी.  

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राजोल से नहीं उगले राज

इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने दूसरे दिन ही 25 जनवरी को राजोल सिंह को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया, जिसके बाद भी गुमशुदा युवती का पता नहीं चल सका. लेकिन मामले में राजनीति तेज होती देख पुलिस ने 4 फरवरी को राजोल सिंह को पीसीआर रिमांड पर लेकर पूछताछ की, लेकिन फिर भी सफलता नहीं हासिल हुई. लेकिन फिर पुलिस ने अपने मुखबिरों को दौड़ाया और पता चला कि दिव्यानंद आश्रम के पास एक प्लॉट में युवती का शव गड़ा हुआ है.

गर्दन की हड्डी भी टूटी, सिर पर भी चोट के निशान

इस पर सदर कोतवाली पुलिस स्वाट टीम के सभी पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचकर खुदाई शुरू करवाई. इसके बाद 4 फीट गड्ढा खोदने के बाद शव को बरामद कर लिया. परिजनों को सूचना मिलते ही कोहराम मच गया. सूत्रों के मुताबिक, शव की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि लड़की की मौत गला दबाने से हुई है. इसके साथ ही गर्दन की हड्डी भी टूटी मिली, सिर पर भी चोट के निशान हैं.   

'तो हमारी बेटी जिंदा होती'

लड़की की मां ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा, ''अगर दारोगा जी हमारे साथ आ जाते तो हमारी बेटी जिंदा होती.'' लड़की के पिता ने कहा, ''लड़की की लाश दिव्यानंद आश्रम के पास मिली है. आश्रम में मेरी बेटी कैद थी, तब प्रेम नारायण दीक्षित दारोगा थे, यहां उन्होंने दरवाजा नहीं खुलवाया.''

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पुलिस की दलील

इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह ने बताया कि पहले गुमशुदगी दर्ज की गई थी, विवेचना के क्रम में गुरुवार को डेड बॉडी बरामद की गई है. एक आरोपी को जेल भेजा गया है. इस घटना में जो अन्य साथी है, उनको पता कर गिरफ्तार करके जेल भेजा जाएगा.  

अखिलेश यादव की सफाई

उधर, इस मामले पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सफाई दी कि जिस पूर्व मंत्री (फतेह बहादुर सिंह) का नाम लिया जा रहा है, उनका 4 साल पहले देहांत हो चुका है, और उनके बेटे का पार्टी या पार्टी के किसी पद से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने योगी पर सरकार को घेरते हुए कहा कि यह दिखाता है कि लॉ एंड ऑर्डर के मामले में योगी राज कैसा है. सपा मुखिया ने कहा कि सरकार आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करे.  

 

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