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उन्नाव रेप कांड की पीड़िता ने लिखी PM को चिट्ठी, कुलदीप सेंगर की पेरोल का किया विरोध

साल 2017 उन्नाव रेप कांड की पीड़िता ने पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पेरोल दिए जाने का विरोध किया है. पीड़िता ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा है कि इससे उसकी, उसके परिवार और गवाहों की जान को खतरा है. पीड़िता ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री को इस संबंध में एक पत्र भी लिखा है.

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बेटी की शादी के लिए कुलदीप सेंगर को 15 दिनों की पेरोल मिली है.
बेटी की शादी के लिए कुलदीप सेंगर को 15 दिनों की पेरोल मिली है.

पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बेटी की शादी के लिए 15 दिन की पेरोल मिली है. इस पर साल 2017 उन्नाव रेप कांड की पीड़िता ने विरोध जताया है. पीड़िता ने जान पर खतरे का हवाला देकर उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व विधायक के जेल से बाहर आने का विरोध किया है. 

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पीड़िता ने एक वीडियो बयान जारी करते हुए राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस सिलसिले में पत्र लिखा है. इसमें पीड़िता ने अपने तथा अपने परिवार की जान पर खतरा होने का अंदेशा जताया है.

पीड़िता के चाचा को नहीं मिली थी जमानत  

सोशल मीडिया में वीडियो के साथ शेयर किए गए इस लेटर में पीड़िता ने दावा किया कि जब तक कुलदीप सेंगर जेल से बाहर रहेंगे, तब तक उसके, उसके परिवार और इस मामले में गवाहों पर खतरा बना रहेगा.

पीड़िता ने यह दावा भी किया कि सेंगर परिवार के सदस्यों की ओर के रचे गए षड्यंत्र की वजह से उसके चाचा को अपनी बेटी की शादी के लिए अंतरिम जमानत नहीं मिली थी. मगर, अब कुलदीप सेंगर को बेटी की शादी के लिए पेरोल पर रिहा किया जा रहा है. 

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दिल्ली हाईकोर्ट ने दी है पेरोल 

दिल्ली हाई कोर्ट ने 16 जनवरी को आदेश दिया है कि सेंगर को 27 जनवरी से 10 फरवरी तक बेटी की शादी में शामिल होने के लिए पेरोल पर रिहा कर दिया जाए. उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के एक अलग मामले में सेंगर की इसी तरह की याचिका को उच्च न्यायालय में सूचीबद्ध किया गया था, जिसमें सेंगर 10 साल की कैद की सजा काट रहा है. 

उन्नाव रेप केस में ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली सेंगर की अपील हाई कोर्ट में लंबित है. उन्होंने ट्रायल कोर्ट के दिसंबर 2019 के फैसले को रद्द करने की मांग की है, जिसमें उन्हें बाकी जिंदगी कारावास की सजा सुनाई गई थी.

यह है पूरा मामला 

कुलदीप सेंगर ने 2017 में बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया था. वारदात के वक्त वह नाबालिग थी. चार बार विधायक रहे कुलदीप सेंगर का रेप के मामले में नाम आने के बाद अगस्त 2019 में भाजपा ने उसे पार्टी से निकाल दिया था. 

13 मार्च 2020 को बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में सेंगर को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी. अदालत ने सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर और पांच अन्य को 10 साल की जेल की सजा भी सुनाई थी.

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पीड़िता के पिता को सेंगर की निशानदेही पर आर्म्स एक्ट के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस हिरासत में 9 अप्रैल 2018 को उनकी मौत हो गई थी.

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