उमेश पाल हत्याकांड के मामले में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ चार दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड में हैं. इन दोनों से रिमांड के दौरान की गई पूछताछ के बाद यूपी ATS भी FIR दर्ज करेगी. अतीक और अशरफ के ISI और लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन को लेकर एफआईआर दर्ज की जाएगी. बताया जा रहा है कि यूपी ATS में इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी ने दोनों से शुरुआती पूछताछ की है.
अतीक के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंधों का खुलासा होने के बाद यूपी एटीएस ने भी पूछताछ की है. दरअसल, पुलिस ने दावा किया था कि अतीक ने कबूल किया है कि ISI एजेंट से फोन पर उसकी बात हुआ करती थी. वो पाकिस्तान से हथियार खरीदता रहा है. अब यूपी एटीएस एफआईआर दर्ज कर अतीक का आतंकी कनेक्शन का पता लगाएगी.
पुलिस के मुताबिक अतीक ने पूछताछ में बताया कि उसने जेल के अंदर से उमेश पाल को मारने की साजिश रची थी. अतीक की पत्नी शाइस्ता ने उन्हें बताया था कि उमेश पाल के साथ दो गनर रहते हैं. इसके बाद उनके मर्डर की प्लानिंग भी की गई. उमेश पाल 2005 में हुई बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य गवाह थे.
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रिमांड कॉपी के मुताबिक, अतीक ने पत्नी शाइस्ता से मुलाकात के दौरान नए मोबाइल फोन और सिम मुहैया करवाने को बोला था और उस सरकारी आदमी का नाम भी बताया था, जिसके हाथ ये मोबाइल और सिम जेल में पहुंचेंगे. इसके साथ ही जेल में बंद अशरफ को भी मोबाइल और सिम मुहैया करवाए गए थे.
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक और अशरफ तो शामिल ही थे, साथ ही शाइस्ता परवीन की भूमिका भी अहम थी. फिलहाल शाइस्ता परवीन फरार है और उसे पकड़ने के लिए कई टीमें गठित हैं. प्रयागराज पुलिस के पास इनपुट है कि शाइस्ता अपने बेटे असद के जनाजे में शामिल हो सकती है. इसको लेकर टीमें अलर्ट हैं.
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माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में गैंगस्टर अबू सलेम के करीबी सहयोगियों ने असद और गुलाम के लिए पनाह देने की व्यवस्था की थी, ये दोनों ही उमेश पाल की हत्या के बाद फरार थे. बरेली की जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ ने ही असद और गुलाम को महाराष्ट्र भागने में मदद की थी. वहीं अतीक ने अपने बेटे और गुर्गे को बचाने की हर एक कोशिश की. अपने हर संपर्क को खंगाला. अंडरवर्ल्ड तक के कनेक्शन का इस्तेमाल किया. अबू सलेम भी मदद मांगी थी.
अब वही अतीक अपने बेटे असद के जनाजे में शामिल होने के लिए गिड़गिड़ा रहा है. 1979 में पहला कत्ल करने वाले अतीक को अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि जिस असद को वो अपने अपराध की सल्तनत का साहिबाजादा बनाना चाहता है, उसे आखिरकार इसी दोगज जमीन में दफ्न होकर माफियागीरी की कीमत चुकानी पड़ेगी. 24 फरवरी को हुए उमेश पाल के मर्डर में अतीक का बेटा असद भी आरोपियों में से एक था.गुरुवार को झांसी में पुलिस ने एनकाउंटर में असद और अतीक के शूटर गुलाम को ढेर कर दिया.
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