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नाबालिग दलित लड़की से किया था रेप, 10 साल बाद अदालत ने तीन दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा

बरेली के विशेष न्यायाधीश (POCSO) राम दयाल की अदालत ने सोमवार को इस मामले में दीपक (32), हरिओम (34) और राजकुमार (35) को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाया है.

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पुलिस ने तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है
पुलिस ने तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की एक विशेष अदालत ने एक रेप पीड़िता के मामले मे इंसाफ करते हुए गुनहगारों को सजा सुना दी. बरेली की अदालत ने एक 16 साल की दलित लड़की के साथ बलात्कार करने के मामले में तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने हर दोषी पर 75-75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

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विशेष न्यायाधीश (POCSO) राम दयाल की अदालत ने सोमवार को इस मामले में दीपक (32), हरिओम (34) और राजकुमार (35) को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. सरकारी वकील सुभव कुमार मिश्रा ने बताया कि यह मामला साल 2014 में जिले के फतेहगंज इलाके में दर्ज किया गया था.

पीटीआई के मुताबिक, अभियोजन पक्ष का आरोप था कि वारदात के वक्त आरोपी दीपक, हरिओम और राजकुमार उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर अपने साथ दिल्ली ले गए थे और वहां उसके साथ लगातार बलात्कार करते थे. इस मामले में परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला था कि आरोपी लड़की को दिल्ली ले गए हैं. फिर तीन महीने बाद पुलिस ने दिल्ली में दबिश देकर पीड़ित लड़की को बरामद कर लिया था. तब जाकर इस मामले का खुलासा हुआ था.

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इस मामले में लड़की के पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (बलात्कार के आरोप) के प्रावधानों के तहत एक एफआईआर दर्ज की थी. उसी के तहत यह मामला कोर्ट में चल रहा था. 

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