scorecardresearch
 

लखनऊः 4.5 करोड़ रुपए गबन के मामले में UPSIDC के पूर्व रीजनल मैनेजर श्रीकृष्ण त्रिपाठी अरेस्ट

क्लोरीन टैबलेट की आपूर्ति में गड़बड़ी करने के आरोप में उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (UPSIDC) के पूर्व प्रबंधक को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि पूर्व मैनेजर ने इस मामले में 4.5 करोड़ का गबन किया है.

Advertisement
X
UPSIDC के पूर्व प्रबंधक श्रीकृष्ण त्रिपाठी.
UPSIDC के पूर्व प्रबंधक श्रीकृष्ण त्रिपाठी.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • क्लोरीन टैबलेट की आपूर्ति में की गई गड़बड़ी
  • ईओडब्ल्यू की टीम ने लखनऊ से किया गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (UPSIDC) के पूर्व रीजनल मैनेजर श्रीकृष्ण त्रिपाठी को करीब 4.5 करोड़ रुपए के गबन मामले में गिरफ्तार किया गया है. UPSIDC के पूर्व रीजनल मैनेजर पर यह कार्रवाई EOW (आर्थिक अपराध शाखा) ने की है. आरोप है कि पूर्व प्रबंधक ने क्लोरीन टैबलेट व अन्य सामग्री की आपूर्ति में भारी गड़बड़ी की है.

Advertisement

करोड़ों की संपत्ति का मालिक निकला PCB का जूनियर साइंटिस्ट, EOW को मंगानी पड़ी नोट गिनने की मशीन

जानकारी के अनुसार, 4 करोड़ की क्लोरीन टेबलेट व अन्य सामग्री सप्लाई में गबन करने वाले यूपीएसआईसी के पूर्व रीजनल मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया है. Eow की कानपुर यूनिट ने उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम के रीजनल मैनेजर श्रीकृष्ण त्रिपाठी को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि फर्जी दस्तावेजों से एरा इंटरप्राइजेज ने रीजनल मैनेजर के साथ मिलकर 4.5 करोड़ से अधिक का घोटाला किया था. लखनऊ के सरोजनी नगर और कानपुर के काकादेव थाने में 12 साल पहले इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. इन दोनों एफआईआर की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई थी.

उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले की जांच की. इसके बाद उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (UPSIDC) के पूर्व रीजनल मैनेजर श्रीकृष्ण त्रिपाठी को अरेस्ट कर लिया. श्रीकृष्ण त्रिपाठी को ईओडब्ल्यू की टीम ने लखनऊ से गिरफ्तार किया. जांच में पाया गया था कि क्लोरीन टैबलेट व अन्य सामग्री की आपूर्ति में साढ़े चार करोड़ रुपए का गबन किया गया है. इस जांच प्रक्रिया के बाद ईओडब्ल्यू (EOW) की टीम ने पूर्व रीजनल मैनेजर को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया.

Advertisement
Advertisement