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यूपीः मऊ में मुख्तार अंसारी का FCI गोदाम कुर्क, पत्नी और रिश्तेदारों के नाम है संपत्ति

शुक्रवार को शासन के आदेश पर अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के एफसीआई गोदाम पर पहुंचे और उस संपत्ति की कुर्की कर ली. संपत्ति की वैल्यू 4 करोड़ रुपये बताई जा रही है.

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पुलिस-प्रशासन मुख्तार अंसारी की कई बड़ी संपत्ति कुर्क कर चुका है
पुलिस-प्रशासन मुख्तार अंसारी की कई बड़ी संपत्ति कुर्क कर चुका है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मुख्तार की पत्नी के नाम है गोदाम की संपत्ति
  • कुर्क की गई संपत्ति की वैल्यू 4 करोड़ रुपये
  • यूपी में माफियाओं के खिलाफ जारी है अभियान

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ सरकार अभियान जारी है. यूपी के मऊ सदर विधानसभा के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का एक एफसीआई (FCI) गोदाम शुक्रवार को प्रशासन ने कुर्क कर लिया. यह संपत्ति मुख्तार की पत्नी और रिश्तेदारों के नाम पर है.

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मऊ में दक्षिणटोला के रैनी में कुर्की की इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया. शुक्रवार को शासन के आदेश पर अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के एफसीआई गोदाम पर पहुंचे और उस संपत्ति की कुर्की कर ली. संपत्ति की वैल्यू 4 करोड़ रुपये बताई जा रही है.

बताते चलें कि इससे पहले पुलिस मुख्तार अंसारी की पत्नी और बेटे के नाम की करोड़ों की संपत्ति पर बुलडोजर चला चुकी है. करोड़ों की संपत्ति पहले ही कुर्क की जा चुकी है. साथ ही पुलिस ने मुख्तार के खास गुर्गे की संपत्ति पर भी कार्रवाई की थी. पुलिस ने वहां अवैध रूप से बने दो मंजिला मकान को कुर्क किया था, उसका मालिक राजन सिंह मुख्तार अंसारी का बेहद करीबी है. 

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ठेकेदार मन्ना सिंह हत्याकांड के गवाह रहे रामसिंह मौर्या की हत्या में भी राजन सिंह मुख्तार अंसारी के साथ मुकदमे में सहआरोपी रहा है. राजन सिंह के ऊपर पहले से दर्ज गैंगस्टर एक्ट के केस में 14 (1) के तहत अवैध रूप से बनी संपत्ति की जब्तीकरण की कार्रवाई की गई थी. मकान की कुर्की की कार्रवाई के दौरान राजस्व अधिकारियों की टीम के साथ ही पुलिस अधिकारियों के साथ ही भारी मात्रा में पुलिस मौके पर मौजूद था.

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मऊ पुलिस ने के अनुसार मुख्तार और उनके जैसे माफिया गैंग के खिलाफ लगातार अभियान चल रहा है. उसमें मुख्तार अंसारी से संबंधित जो सदस्य शामिल हैं, उनके खिलाफ भी एक्शन हो रहा है. आईआर 9 गैंग का सदस्य राजन सिंह भी उनके साथ शामिल था. 2009 में मुख्तार अंसारी और उसके अन्य साथियों द्वारा मन्ना सिंह हत्याकांड के गवाह राम सिंह मौर्या और उनकी सुरक्षा में लगे सिपाही की हत्या में राजन सिंह भी अभियुक्त था. इस पर तब गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हुई थी.

 

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