यूपी एसटीएफ ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर धर्मेंद्र किरठल को उसके साथी सुभाष छोटू को देहरादून के पास से गिरफ्तार कर लिया है. धर्मेंद्र किरठल और सुभाष छोटू की गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था. धर्मेंद्र किरठल बागपत में इरशाद नामक एक किसान की हत्या करके फरार हो गया था. बागपत पुलिस और यूपी एसटीएफ कई महीने से धर्मेंद्र किरठल को तलाश कर रही थी. धर्मेंद्र के खिलाफ 50 से ज्यादा संगीन मुकदमे दर्ज हैं.
स्पेशल टास्क फोर्स के डिप्टी एसपी विनोद सिरोही ने बताया कि इन दोनों को यूपी एसटीएफ ने देहरादून और मसूरी के बीच सहस्रधारा से गिरफ्तार किया है. धर्मेंद्र किरठल के खिलाफ 50 मुकदमे दर्ज हैं. उस पर 12 दिसंबर 2020 को बागपत में किसान इरशाद की हत्या करने का आरोप है. इरशाद हत्याकांड को अंजाम देने के बाद धर्मेंद्र किरठल और उसका साथी सुभाष करीब 6 महीने से फरार चल रहे थे. इन दोनों को गिरफ्तार करने के लिए मेरठ के अपर पुलिस महानिदेशक ने 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था.
50 साल के गैंगस्टर धर्मेन्द्र किरठल ने पूछताछ में बताया कि वो बीए पास है. थाना रमाला, बागपत का एचएस नं०-720ए है. वर्ष 2002 में वह किरठल गांव का प्रधान था. प्रधानी के चुनाव को लेकर किरठल निवासी नरेन्द्र और सुरेन्द्र से उसकी रंजिश हो गई थी. सुरेन्द्र की शादी उस के समय शातिर अपराधी नीटू कैल (मुजफफरनगर) की बहन से हुई थी. इसी रंजिश को लेकर वर्ष 2004 में नीटू कैल और उसके गैंग के अन्य साथियों ने धर्मेन्द्र किरठल के घर पर स्वचालित हथियारों से हमला किया था.
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इस हमले में धर्मेन्द्र किरठल के पिता, चाचा, भाई और भाभी की मौके पर मौत हो गई थी. उसकी बहन बबिता गम्भीर रूप से घायल हो गई थी. इसी रंजिश में किरठल ने वर्ष 2004 में किरठल निवासी नरेन्द्र और उसके एक अन्य साथी की हत्या कर दी थी, जो कि एक मुकदमें में गवाह था. वर्ष 2004 में ही ग्राम किरठल निवासी ब्रहम सिंह को भी धर्मेन्द्र किरठल ने अपने साथियों के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया था.
डिप्टी एसपी विनोद सिरोही ने बताया कि वर्ष 2005 में धर्मेन्द्र किरठल ने शामली में सुरेन्द्र की हत्या कर दी थी. वर्ष 2005 में किरठल ने अनिल भारसी निवासी कांधला, शामली और बबलू निवासी केजारेडी, शामली की गाजियाबाद न्यायालय में पेशी के बाद वापसी के दौरान मुरादनगर में हत्या कर दी थीय ये लोग धर्मेन्द्र किरठल के घर पर हुए हमले में अभियुक्त थे.
साल 2006 में धौलपुर, राजस्थान में धर्मेन्द्र किरठल, जनक यादव उर्फ अजय जडेजा और उसके साथी राहुल त्रिवेदी के साथ पकड़ा गया था. वर्ष 2011 से जेल में बंद धर्मेन्द्र किरठल ने 2007 में मेरठ की जेल से कैदियों को भगाने के लिए सुरंग खोदी थी. जेल में सख्ती बरतने के कारण वर्ष 2007 में अजय जडेजा और ज्ञानेन्द्र ढाका के साथ किरठल ने मेरठ जेल के डिप्टी जेलर नरेन्द्र द्विवेदी की हत्या करा दी थी. जेल में रहने के दौरान ही किरठल ने वर्ष 2009 में किरठल निवासी साहब सिंह और गवाह मदन पुत्र नाहर सिंह की पुरानी रंजिश के चलते हत्या कराई थी.
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जब वो वर्ष 2011 में जमानत पर छूटकर बाहर आया तो कुछ समय बाद ही ग्राम प्रधान कृष्णपाल से उसकी चुनावी रंजिश हो गई, जिसके चलते उसने अपने साथियों के साथ मिलकर कृष्णपाल पर जान लेवा हमला करा दिया था. जिसमें कृष्णपाल बाल-बाल बचे थे. इसके बाद वो वर्ष 2013 में बागपत न्यायालय में आत्मसमर्पण कर जेल चला गया था और एक वर्ष जेल में रहा था. इसके बाद वर्ष 2014 में जेल से छूटकर बाहर आ गया था.
12 दिसम्बर 2020 को धर्मेन्द्र किरवल ने सुभाष उर्फ छोटू आदि के साथ मिलकर कृष्णपाल के घर रहने वाले किसान इरशाद की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस संबंध में थाना रमाला जनपद बागपत में मुकदमा दर्ज है. गिरफतार अभियुक्त सुभाष छोटू मुज़फ्फरनगर का रहने वाला है. 50 वर्षीय सुभाष ने बताया कि उसकी रिश्तेदारी धर्मेन्द्र किरठल के गांव में है और लगभग 25 साल से वह धर्मेन्द्र किरठल के साथ ही रहता है.