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वाराणसी के एक मंदिर में पुजारी ने संदिग्ध हालात में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. उनका शव मंदिर के प्रांगण में मिला. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव कब्जे में ले लिया और मामले की छानबीन शुरू कर दी. हालांकि पुलिस को शव के पास से कोई सुराग या सुसाइड नोट नहीं मिला है. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.
मामला वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र के रेड जोन का है. जहां अन्नपूर्णा मंदिर प्रांगण में राम मंदिर परिसर की ऊपरी मंजिल पर मंगलवार की दोपहर 40 वर्षीय उमेश मिश्रा नामक पुजारी ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. सूचना मिलने पर दशाश्वमेध थाना पुलिस राम मंदिर परिसर में पहुंची और पुजारी उमेश के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया.
पुलिस के मुताबिक मृतक पुजारी मूल रूप से मध्य प्रदेश के सागर जिले का रहने वाला था. वह करीब 15 वर्षों से नारायणपुर-टेंगड़ा मोड़ पर मकान बनवा कर रहा था. मंदिर में मौजूद पुजारियों ने बताया कि मंदिर की देख-रेख की जिम्मेदारी उमेश पर ही थी. वह दोपहर एक बजे तक एकदम सामान्य था.
उनके अनुसार पुजारी उमेश सबसे बातचीत करके मंदिर के ऊपर बने रूम में गया और वहीं उसने फांसी लगा ली. काफी देर तक जब उमेश नीचे नहीं उतरे तो अन्य पुजारियों ने ऊपर जाकर देखा. वहां का मंजर देखकर सबके होश उड़ गए. पुजारी उमेश कमरे में फांसी के फंदे पर लटका हुआ था.
पुलिस के मुताबिक उमेश ने कमरे की छत के गाटर में लगे हुक के सहारे गमछे से फांसी का फंदा बनाया और फिर उसी पर लटक गया. उमेश ने फांसी क्यों लगाई? पुलिस उसी वजह की तलाश कर रही है. मामले की छानबीन जारी है.