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उपहार सिनेमा कांड: अंसल भाइयों को HC से झटका, काटनी होगी सात साल की सजा

उपहार सिनेमा कांड के दोषी और सिनेमा के मालिक अंसल भाइयों को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है. उनकी सात साल की सजा को निलंबित करने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है.

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उपहार सिनेमा कांड में 59 लोगों की मौत हुई थी
उपहार सिनेमा कांड में 59 लोगों की मौत हुई थी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 13 जून 1997 को उपहार सिनेमा में आग लगी थी
  • इस अग्निकांड में फिल्म देखने आए 59 लोगों की मौत हुई थी

उपहार सिनेमा कांड (uphaar cinema case) के दोषी अंसल भाइयों को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है. सुशील अंसल और गोपाल अंसल ने जमानत और निचली अदालत से मिली सात साल की सजा को निलंबित करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन कोर्ट ने किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है. मतलब उपहार सिनेमा कांड में सबूतों से छेड़छाड़ के लिए अंसल भाइयों को सात साल की सजा काटनी होगी. यह सजा निचली अदालत ने सुनाई थी.

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सुशील अंसल और गोपाल अंसल समेत अन्य आरोपियों की याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. हालांकि हाईकोर्ट ने एक अन्य दोषी अनूप सिंह करायत की सजा निलंबित कर दी. ये सभी उस उपहार सिनेमा कांड में सबूतों से छेड़छाड़ के दोषी हैं जिसमें सिनेमा हॉल प्रबंधन की लापरवाही से 59 मासूम लोगों की जान चली गई थी. अंसल बंधुओं इस बात के दोषी है कि उन्होंने कोर्ट स्टाफ के साथ मिलकर केस की महत्वपूर्ण फाइलों में छेड़छाड़ कर कुछ अहम सबूत वाले पन्ने गायब करवा दिए थे.

क्या है उपहार सिनेमा कांड

बता दें कि 13 जून 1997 को दिल्ली के उपहार सिनेमाहॉल में हिन्दी फिल्म बॉर्डर के प्रदर्शन के दौरान भीषण आग लग गई थी. उस अग्निकांड में सिनेमा हॉल में फंसकर 59 दर्शकों की मौत हो गई थी. जांच में पता चला कि सिनेमा हॉल में अतिरिक्त सीटें लगाकर आने-जाने का रास्ता संकरा कर दिया गया था.

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मामले की सुनवाई के दौरान अंसल बंधुओं पर याचिकाकर्ताओं को धमकाने और कोर्ट स्टाफ से सांठगांठ कर कोर्ट की फाइलों से छेड़छाड़ की गई. फाइलों से पन्ने फाड़कर गायब किए गए. कोर्ट में यह मामला उपहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन (AVUT) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने दाखिल किया था

 

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