UPTET Paper Leak: उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) के पेपर लीक मामले को लेकर जांच शुरू हो गई है. अब तक 29 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. 20 से ज्यादा संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. फिर भी सवाल ये है कि प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा का पेपर लीक कैसे हो गया? अब भी कई ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब मिलने बाकी हैं....
सवाल नंबर-1: क्या ट्रेजरी से लीक हुआ था पेपर?
- सॉल्वर गैंग को पेपर रविवार रात 12 बजकर 5 मिनट पर मिल चुका था. जानकारी के मुताबिक, शनिवार शाम को ही पेपर ट्रेजरी में जाम गए थे. परीक्षा वाले दिन यानी रविवार की सुबह करीब 7 बजे परीक्षा केंद्रों पर पेपर पहुंचाने के लिए ट्रेजरी खोली गई. तो क्या ट्रेजरी खुलने से पहले ही पेपर सॉल्वर गैंग के पास पहुंच गया था?
सवाल नंबर-2: क्या एजेंसी से लीक हुआ पेपर?
- इस मामले से जुड़े एक अफसर ने बताया कि ट्रेजरी से पेपर लीक होने की गुंजाइश न के बराबर है. ऐसा इसलिए क्योंकि हर जिले में ट्रेजरी में पेपर जमा और निकलने के वक्त डीएम और एसपी मौजूद रहते हैं और ट्रेजरी में डबल लॉकर में पेपर रखा जाता है. ऐसे में सवाल उठता है क्या जिस एजेंसी को परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी गई थी, पेपर वहीं से लीक हुआ?
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सवाल नंबर-3: पहला पेपर कहां से लीक हुआ?
- एसटीएफ ने कौशांबी से लैब टेक्नीशियन रोशन पटेल को गिरफ्तार किया है. उसके मोबाइल से ही पहला पेपर मिला है. रोशन पटेल को रात 12 बजे मोबाइल पर पेपर मिल गया था. उसे ये पेपर संतोष नाम के व्यक्ति प्रभात नाम के शख्स के जरिए भेजा था. इसके लिए रोशन पटेल से 5 लाख रुपये लिए गए थे.
- इस मामले में मेरठ से भी तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से दूसरी पाली का पेपर मिला है. तीनों आरोपी रविवार सुबह परीक्षार्थियों को 50-50 हजार रुपये में बेच रहे थे.
- प्रयागराज से सॉल्वर गैंग के सरगना, सॉल्वर सप्लायर, कई सॉल्वर गिरफ्तार हुए हैं. इन सभी से पूछताछ के बाद भी अब तक यूपी एसटीएफ उस सिरे को नहीं पकड़ पाई है, जहां से ये पहला पेपर लीक हुआ है.
एजेंसी से पेपर लीक होने की आशंका ज्यादा
बताया जा रहा है कि इस बार UPTET का पेपर मुंबई की एक एजेंसी को दिया गया था, जिसने दिल्ली की एक प्रेस में ये पेपर छपवाए थे. कहा तो यहा तक जा रहा है कि प्रिंटिंग प्रेस से ये पेपर सड़क के रास्ते प्राइवेट गाड़ियों से जिलों में पहुंचाए गए थे. ऐसे में सॉल्वर गैंग की परीक्षा कराने वाली एजेंसी और प्रिंटिंग प्रेस से मिलीभगत की आशंका बढ़ जाती है.
केंद्रों में आने से पहले ही लीक हो गया पेपर
एसटीएफ चीफ प्रशांत कुमार ने बताया कि इस मामले में निचले सिरे से सॉल्वर की जांच की जा रही है. सॉल्वर, सॉल्वर गैंग सरगना को तलाशते हुए उस सिरे तक पहुंचा जा रहा है जिसने ये पेपर लीक किया. इसमें एक-दो दिन का वक्त लग सकता है. हालांकि, ये बात तय है कि पेपर परीक्षा केंद्रों में पहुंचने से पहले ही लीक हो गया था.