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उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जेल में फायरिंग हुई है. बताया जा है कि यह फायरिंग दो गुटों के बीच हुई. इस फायरिंग में जेल के अंदर दो बदमाशों की हत्या कर दी गई. मारा गया एक बदमाश, बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का करीबी था. हत्या करने वाले गैंगस्टर को जेल पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है. जेल के अंदर प्रशासन के आला-अधिकारी मौजूद हैं. इस बीच डीआईजी जेल लखनऊ संजीव त्रिपाठी पूरे घटनाक्रम का जायजा लेने चित्रकूट जेल पहुंच गए हैं.
सूत्रों के मुताबिक, हाल में सुल्तानपुर जेल से चित्रकूट जेल में शिफ्ट किए गए पूर्वांचल के बड़े गैंगस्टर अंशु दीक्षित ने शुक्रवार दोपहर में फायरिंग की. इस फायरिंग में चित्रकूट जेल में बंद मुकीम काला और मेराज की हत्या की खबर है. मुकीम काला पश्चिमी उत्तर प्रदेश का इनामी गैंगस्टर था. वहीं मेराज को बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का करीबी बताया जा रहा है.
सूत्रों का कहना है कि मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद मेराज, बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का खास गुर्गा बन गया था. खैर जेल में फायरिंग के बाद मौके पर प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ पुलिस टीम पहुंच गई. इस दौरान अंशु दीक्षित और पुलिस टीम के बीच भी फायरिंग की खबर है, जिसमें अंशु दीक्षित मारा गया है.
अंशु ने हत्या के बाद पांच कैदियों को बनाया था बंधक
चित्रकूट प्रशासन का कहना है कि अंशु दीक्षित ने मुकीम काला और मेराज अली को मारने के बाद पांच कैदियों को बंधक बना लिया था. इस दौरान जेल प्रशासन ने अंशु से कैदियों को छोड़ने की अपील की, लेकिन अंशु माना नहीं. इस दौरान पुलिस और अंशु के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें अंशु मारा गया. फिलहाल जेल में चेकिंग अभियान चल रहा है.
चित्रकूट जेल में गैंगवार पर जांच के आदेश
जेल में फायरिंग पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त हो गए है. उन्होंने जांच का आदेश देते हुए 6 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट तलब की है. सूत्रों के मुताबिक, अंशु दीक्षित ने जेल में 7 राउंड गोली चलाई थी. यह गोली 9 एमएम की पिस्टल से चली. पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर अंशु दीक्षित तक पिस्टल कैसे पहुंचा.
मेराज ने वाराणसी में किया था आत्म समर्पण
मेराज, मुन्ना बजरंगी गैंग का सक्रिय सदस्य माना जाता था. बीती 3 सितंबर 2020 को जैतपुरा थाने में मेराज के खिलाफ शस्त्र के लाइसेंस के नवीनीकरण में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था. पहले मेराज फरार हुआ, बाद में उसने वाराणसी के थाने में आत्म समर्पण कर दिया था.
2015 में गिरफ्तार किया गया था मुकीम काला
मुकीम काला गैंग ने 15 फरवरी 2015 को सहारनपुर के तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में डकैती की वारदात की थी. उसी दरमियान तीतरो में दो सगे भाइयों की हत्या और सहारनपुर में सिपाही राहुल ढाका की हत्या कर दी थी. बाद में 20 अक्तूबर 2015 को एसटीएफ ने मुकीम काला और उसके शार्प शूटर साबिर जंधेड़ी को गिरफ्तार किया था.
कुरुक्षेत्र से सहारनपुर फिर चित्रकूट जेल लाया गया था मुकीम काला
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संदेश दिया तो मुकीम काला गैंग के खिलाफ कार्रवाई का अभियान चला. इसके बाद गैंग के कई बदमाश ढेर कर दिए गए. मुकीम काला को पिछले दिनों की हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिला कारागार से सहारनपुर जिला कारागार में निरुद्ध किया गया था और इस वक्त को चित्रकूट कारागार में था.
2014 में गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया था अंशु
अंशु दीक्षित 2014 दिसंबर तक उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए काफी सिरदर्द बना गया था. सीतापुर निवासी अंशु दीक्षित कई आपराधिक मामलों में फरार चल रहा था. 5 दिसंबर 2014 को एसटीएफ को सूचना मिली कि अंशु गोरखपुर में मौजूद है और वहां से नेपाल भागने की फिराक में है. गोरखनाथ इलाके में मुठभेड़ के बाद अंशु को गिरफ्तार कर लिया गया था.