उत्तर प्रदेश सरकार भले ही महिलाओं से जुड़े अपराध में सख्ती से कार्रवाई का दावा कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत सरकारी दावे से जुदा है. हाथरस के बाद महराजगंज जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे कानून व्यवस्था पर सवाल उठना शुरू हो गया.
दरअसल, बीते अगस्त महीने में कोठीभार थानाक्षेत्र की एक युवती के अस्मत पर मनचलों ने सरेआम हाथ डाला. परिजनों के सामने ही छेड़छाड़ किया. इस मामले में कोठीभार थाना में शिकायत करने के बाद पीड़िता को मदद नहीं मिली. दुष्कर्म के मामले को दरकिनार कर पुलिस ने आरोपितों को शांति भंग की आशंका में धारा 151 में दर्ज कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया.
इस कार्रवाई के बाद आरोपी युवती के पीछे हाथ धो कर पड़ गया. शादी करने के लिए दबाव बनाने लगा. विरोध करने पर युवती के परिजनों को पीट दिया. इस मामले में भी कोठीभार पुलिस आरोपितों को बचाने के लिए ढाल बनती नजर आई. इससे आहत युवती गुरुवार को जान देने की नीयत से अपने हाथ के नस को काट ली.
परिजन रोते-बिलखते सिसवा के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ले गए. प्राथमिक चिकित्सा के बाद भी युवती के हाथ में सुधार नहीं देख डॉक्टरों ने जिला अस्पताल महराजगंज रेफर कर दिया. जहां युवती की जिंदगी बचाने के लिए डॉक्टर जी-जान लगा दिए है, लेकिन खतरा टला नहीं है. लड़की की हालत नाजुक है.
इसके बाद कोठीभार पुलिस अपने बचाव के लिए 18 अगस्त वाले उसी मामले में आरोपित युवक को गिरफ्तार कर गुरुवार को शाम पांच बजे जेल भेज दिया, जिस केस में पुलिस यह कह रही थी कि इसमें गिरफ्तारी संभव नहीं है. खैर देर रात एएसपी निवेश कटियार जिला असपताल पहुंचे. पीड़िता का हाल जाना. पूरे प्रकरण में न्याय का भरोसा दिलाते हुए निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया.