उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में व्यापारी इन्द्रकांत त्रिपाठी के अंतिम संस्कार के बाद एएसपी वीरेंद्र कुमार की व्यवहार से माहौल तनावपूर्ण हो गया. दरअसल, पुलिस अंतिम संस्कार से लौटे कुछ लोगों को थाने ले जाकर पूछताछ करना चाहती थी. व्यापारी के परिजनों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.
आक्रोशित परिजनों और सैकड़ों नागरिकों ने दो सब इंस्पेक्टर का घेराव किया. सैकड़ों समर्थकों के साथ व्यापारियों ने थाने को कूच किया. महोबा जिले के कबरई कस्बे में व्यापारी के अंतिम संस्कार के बाद कुछ लोगों को पूछताछ के लिए थाने ले जाने का विरोध करते इकट्ठा हुई भीड़ थाने तक आ गई.
क्या है मामला?
व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने एसपी मणिलाल पाटीदार के जरिए घूस मांगे जाने का वीडियो वायरल किया था. जिसके बाद एसपी पाटीदार सहित कई थानेदारों को सस्पेंड किया गया था और इनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा भी दर्ज कर दिया था. कानपुर में मृतक व्यापारी के परिवार ने कहा कि एसपी राजा बनकर घूस मांगता था और इसने ही हत्या करवाई है.
इस मामले में निलंबित एसपी मणिलाल पाटीदार सहित 4 लोगों पर धारा 307 का मुकदमा दर्ज है. इस मामले में मृतक क्रेशर व्यापारी के भाई रविकांत त्रिपाठी ने कबरई थाने में तहरीर दी थी. तहरीर में दोषियों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेजने की मांग पर केस दर्ज किया गया.
क्रेशर व्यवसायी इंद्रकांत त्रिपाठी ने तत्कलीन एसपी मणिलाल पाटीदार, सुरेश सोनी, ब्रह्मदत्त और एसओ देवेंद्र कुमार शुक्ला पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाये थे. जिसके बाद एसपी पाटीदार को निलंबित कर दिया था. सीओ सिटी राजकुमार पांडेय इस केस के जांच अधिकारी बनाए गए हैं. वहीं मामले में 387, 307, 120B, 7 और 13 धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
अखिलेश ने उठाए सवाल
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि महोबा के ‘इंद्रकांत त्रिपाठी सरकारी हत्याकांड’ में दिखावटी सस्पेंशन की लीपापोती न करके सरकार गिरफ़्तारी करे. आरोपित पुलिस कप्तान व डीएम के ख़िलाफ़ इतनी ढिलाई क्यों? पुलिस किस अधिकार से जन प्रतिनिधियों को जनता से मिलने व उनके मुद्दे उठाने से रोक रही है? क्या कोई हिस्सेदारी है?