उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में गोली लगने से घायल व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत हो गई है. कानपुर के एक अस्पताल में इंद्रकांत त्रिपाठी का इलाज चल रहा था. हालांकि इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. इंद्रकांत त्रिपाठी पांच दिन तक जिंदगी और मौत से जूझते रहे लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका.
इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के बाद उनके आवास और इलाके में भारी पुलिस बल और पीएसी को तैनात कर दिया है. दरअसल, 8 सितंबर को गोली लगने के बाद से कानपुर में घायल व्यापारी का इलाज चल रहा था. वहीं इसी मामले में महोबा के एसपी मणिलाल पाटीदार को निलंबित किया जा चुका है. तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार सहित 4 पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ था. वहीं इस मामले में व्यापारी की मौत से पुलिस आलाधिकारी सतर्कता बरत रहे हैं.
क्या है मामला?
दरअसल, व्यापारी ने एसपी के जरिए घूस मांगे जाने का वीडियो वायरल किया था. जिसके बाद एसपी पाटीदार सहित कई थानेदारों को सस्पेंड किया गया था और इनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा भी दर्ज कर दिया था. कानपुर में मृतक व्यापारी के परिवार ने कहा कि एसपी राजा बनकर घूस मांगता था और इसने ही हत्या करवाई है.
जानकारी के मुताबिक मृतक का पुलिस रात में ही पैनल बनाकर पोस्टमार्टम करवाएगी और बॉडी महोबा भेज देगी. मामला पुलिस विभाग से जुड़ा है, इसलिए पोस्टमार्टम के दौरान भारी पुलिस बल तैनात की गई है. वहीं परिजनों का कहना है कि पुलिस अपने विभाग को बचा रही है. परिजनों को शक है कि पोस्टमार्टम में कुछ गड़बड़ी की जा सकती है, इसलिए इसकी वीडियोग्राफी कराई जाए.
मुकदमा दर्ज
बता दें कि व्यापारी गोलीकांड में निलंबित एसपी पाटीदार सहित 4 लोगों पर धारा 307 का मुकदमा दर्ज है. इस मामले में मृतक क्रेशर व्यापारी के भाई रविकांत त्रिपाठी ने कबरई थाने में तहरीर दी थी. तहरीर में दोषियों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेजने की मांग पर केस दर्ज किया गया.
क्रेशर व्यवसायी इंद्रकांत त्रिपाठी ने तत्कलीन एसपी मणिलाल पाटीदार, सुरेश सोनी, ब्रह्मदत्त और एसओ देवेंद्र कुमार शुक्ला पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाये थे. जिसके बाद एसपी पाटीदार को निलंबित कर दिया था. सीओ सिटी राजकुमार पांडेय इस केस के जांच अधिकारी बनाए गए हैं. वहीं मामले में 387, 307, 120B, 7 और 13 धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.