उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गो हत्या को लेकर सख्त है. सीएम योगी खुद बार-बार यह कहते हैं गो हत्या के मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसका असर यूपी पुलिस की ओर से पिछले एक साल में की गई कार्रवाई का ब्यौरा देखें, तो साफ दिखता भी है. यूपी पुलिस ने गो हत्या के कथित मामलों में आधे से अधिक लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की है.
गो हत्या से जुड़े मामलों में आधे से अधिक गिरफ्तारियां एनएसए के तहत हुई हैं. यूपी के बहराइच में 4 सितंबर को गो हत्या के मामले में एक आरोपी के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई हुई है. जिन लोगों के खिलाफ इस साल राज्य में कड़े कानून का इस्तेमाल किया गया है, इनमें से आधे से ज्यादा मामले कथित गो हत्या से संबंधित हैं.
इस साल 19 अगस्त तक यूपी पुलिस ने राज्य में 139 लोगों पर एनएसए लगाया, जिनमें 76 मामले सिर्फ गो हत्या से संबंधित थे. 31 अगस्त तक अकेले बरेली जोन में ही ऐसे 44 मामले सामने आए. इसके विपरीत पुलिस ने महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध के मामले में छह आरोपियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की. वहीं, 37 जघन्य अपराध और अन्य अपराध के मामलों में एनएसए का इस्तेमाल किया गया.
सीएए प्रोटेस्ट में 13 की गिरफ्तारी
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में भी पुलिस ने इस साल 13 लोगों को गिरफ्तार किया है. गौरतलब है कि एनएसए के तहत किसी भी व्यक्ति को 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है. अगर अधिकारियों को लगता है कि कोई व्यक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा या कानून के लिए खतरा है, तो उसके खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए थे कि एनएसए का उपयोग उन अपराधियों के खिलाफ किया जाए, जो सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित करते हैं. सीएम ने कहा था कि एनएसए से अपराधियों में खौफ होगा और आम जनमानस में सुरक्षा की भावना उत्पन्न होगी. यूपी प्रिवेंशन काऊ स्लॉटर एक्ट के उल्लंघन से जुड़े 1716 मामले 26 अगस्त तक यूपी में एनएसए के तहत दर्ज किए गए हैं.