उत्तराखंड हादसे में लोहरदगा के लापता नौ मजदूरों में से एक का शव मिल गया है. शव की पहचान 30 साल के विक्की भगत के रूप में की गई है. शव की पहचान उसके पिता करमदास भगत ने की है. जिसे लोहरदगा जिला प्रशासन द्वारा चमोली भेजी गई टीम में शामिल किया गया था. लोहरदगा उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो ने बताया कि उत्तराखंड सरकार से समन्वय कर विक्की का शव अंतिम संस्कार के लिए लोहरदगा लाया जाएगा.
गौरतलब है कि बेटहट महुरांगटोली निवासी विक्की भगत, अपने गांव के आठ युवकों को एनटीपीसी के टनेल में मजदूरी कराने चमोली ले गया था. सभी 23 जनवरी 2021 को लोहरदगा से रवाना हुए थे. बमुश्किल सप्ताह भर वहां काम किया था कि ग्लेशियर फटने से आए जलप्रलय में जान गंवा बैठे. बाकी आठ युवकों का अबतक कोई पता नहीं है.
लापता श्रमिकों की पहचान के लिए उनके परिजनों को साथ लेकर गए जिला श्रम अधीक्षक धीरेन्द्र महतो ने बताया कि हमलोग संभवत: शुक्रवार को विक्की के शव को लेकर लोहरदगा रवाना होंगे. विक्की का शव मिलने की जानकारी ग्रामीणों को मिल चुकी है, हालांकि बाकी परिजनों को यह नहीं बताया गया है.
23 वर्षीय रविंद्र उरांव, 29 वर्षीय ज्योतिष बाखला, 20 वर्षीय नेम्हस बाखला, 27 वर्षीय सुनील बाखला, 49 वर्षीय उरवानुस बाखला, 22 वर्षीय दीपक कुजुर, 31 वर्षीय मजनू बाखला, 29 वर्षीय प्रेम उरांव अब भी लापता हैं. अधिकारी ने बताया कि तपोवन के पांच टनल में केवल एक खुला है जिसमें विक्की की लाश मिली है.
उत्तराखंड के चमोली के तपोवन में हुए हादसे के बाद अब तक 58 शव बरामद किए जा चुके है, जबकि 150 से ज्यादा लोग अब भी लापता है. बरामद शवों में 31 शवों की पहचान भी की जा चुकी है. उधर, सात फरवरी को हुए हादसे के बाद तपोवन में मलबा हटाने का काम जारी है, ताकि शवों को निकाला जा सके.
इस बीच उत्तराखंड के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना के हर एंगल की जांच की जाना चाहिए. घटना से सीख लेते हुए सतपाल महाराज ने कहा कि हम एक विभाग बनाएंगे ताकि हम उपग्रह के माध्यम से सभी ग्लेशियरों की निगरानी और अध्ययन कर सकें.